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16 वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल काउद्घाटन हिंदी सिनेमा भूषण से सम्मानित हुए सितारे

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By Mayapuri Desk
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16 वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल काउद्घाटन हिंदी सिनेमा भूषण से सम्मानित हुए सितारे

16 वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल काउद्घाटन हिंदी सिनेमा भूषण से  सम्मानित हुए  निर्माता पहलाज निहलानी नोएडा फिल्म सिटी मारवाह स्टूडियो में 16वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ हुआ जिसमे भारत ही नहीं अपितु कई देशों की हस्तियों ने भाग लिया जिसमें जानी मानी हस्तियों में से हिंदी फ़िल्म निर्माता पहलाज निहलानी, सुखवंत ढड्डा, आसिफ रजा खान, वेनेजुएला के महामहिम राजदूत कैपाया रोड्रिग्ज गोंजालेज, घाना के प्रथम सचिव उच्चायोग कॉनराड नाना, ईरान के राजनयिक कोजो असीदु, नीलम शर्मा, एक्टर सोहम शाह, जॉर्जिया से"सिटीजन सेंट" फिल्म श्री लाशा सीडीए जॉर्जिया (1 डी) , फिल्म मेकर त्रिलोक मलिक, जीडी मेहता और फिल्म निर्देशक अशोक त्यागी रहे, ग्लोबल फिल्म समारोह के निदेशक संदीप मारवाह ने सभी आये हुए मेहमानों का स्वागत किया। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसका विषय था कोविड युग के बाद में सिनेमा का बदलता परिदृश्य जिसमें सभी ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर संदीप मारवाह ने कहा की में अपने छात्रों को शिक्षित करने के लिए पूरी दुनिया को मारवाह स्टूडियो बुला लेता हूँ और कहता हूँ जो शिक्षा, ऊर्जा और तकनीक लेनी है सीख लीजिये जो ज्ञान अर्जित कर लेता है वो आगे बढ़ जाता है क्यों की फिल्म बनाना किसी एक इंसान का का काम नहीं है ये पूरी टीमवर्क है जिसमे रोज नई तकनीक आ रही है जिज्ञासु हो तो तर जाओगे और कुछ कर जाओगे। पहलाज निहलानी ने कहा की यहाँ के छात्रों का जोश देखकर लग रहा है की हमारी फिल्म  इंडस्ट्रीज़ का भविष्य उज्जवल है इतने वर्षो में मैने संदीप जैसा इंन्सान नहीं देखा जो नई तकनीक स्वयं सीखता है फिर अपने छात्रों को सिखाता है। कैपाया रोड्रिग्ज गोंजालेज ने कहा की हम राज कपूर की फिल्मों को याद करते है. आसिफ रजा खान ने कहा इस फेस्टिवल में आकर मुझे बहुत अच्छा लगा और बहुत कुछ सीखने को मिला, त्रिलोक मलिक ने कहा यहाँ आकर मुझे एक नई एनर्जी महसूस हुई में तो छात्रों से यही कहना चाहता हूँ की आगे बड़े और संस्थान का नाम रोशन करे। अंत में संदीप मारवाह ने पहलाज निहलानी को हिंदी सिनेमा भूषण से व सुखवंत ढड्डा को हिंदी गौरव सम्मान से सम्मानित किया

मेहनत हमें आगे बढ़ना सिखाती-  बोनी कपूर

इस फिल्म इंडस्ट्रीज़ में पीछे कुछ वर्षो में महिलाओ ने उन क्षेत्रों में काम करना शुरू कर दिया जिसमे सिर्फ पुरुष आगे रहते थे चाहे वो लेखन का हो एडिटिंग हो, फिल्म निर्देशन या फिर फिल्म निर्माण कोई भी काम हो उनका हार्डवर्क नज़र आता है वो अपना वर्चस्य बनाये रखने के लिए हरसंभव प्रयास करती है, कई बार हम उनसे सीखते है ये कहना  था फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर का जिन्होंने  नोएडा फिल्म सिटी मारवाह स्टूडियो में 16वें तीन दिवसीय  ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल में सेमिनार की संगोष्ठी के विषय वैश्विक सिनेमा में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर   बोलते हुए कहा। इस अवसर पर कई जानी मानी हस्तियों ने शिरकत की जिनमे भारत में पनामा की  राजदूत यासिएल बुरिलो, अमृत ​​कुमार देव,  दिव्या बहल, एक्ट्रेस पवीण गुजराल ,  चितरंजन त्रिपाठी,  फिल्म एक्टर सोहम शाह मुख्य रूप से उपस्थित हुए।  इस विषय पर बोलते हुए ग्लोबल फिल्म समारोह के निदेशक संदीप मारवाह ने कहा की फिल्मो में पहले पुरुष ही महिलाओ के किरदार निभाया करते थे लेकिन समय बदला और अब महिलाओ के बिना आप किसी फिल्म के विषय में सोच नहीं सकते।  इस अवसर पर यासिएल बुरिलो ने कहा मुझे यह जानकर अच्छा लगा की यहाँ की महिलाये फिल्मो में और हर क्षेत्र में काम कर रही है। चितरंजन त्रिपाठी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की यदि आप फिल्मो में आधुनिकता लाना चाहते है तो अपने कल्चर को पढ़े और समझे। सोहम शाह ने  छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए कहा की छोटे से छोटे काम में आप अपना सौ प्रतिशत देते है तो आपको उचाइयां छूने से कोई नहीं रोक सकता। लोकसभा के सदस्य जगन्‍नाथ सरकार ने कहा हिंदुस्तान का कल्चर सबसे बड़ा है जिसकी हमे इज्जत करनी चाहिए इस अवसर पर पनामा की फिल्म "सालसिपुडेस" की स्क्रीनिंग भी की गई

ओटीटी प्लेटफार्म जिसने सिनेमा की एक नई दिशा दी-संदीप मारवाह 

हमारे देश जितनी भाषाओ में  फिल्मे बनती है उतनी विश्व में  कही  नहीं बनती  होगी हिंदी, मराठी, बंगाली, उड़िया, तमिल, तेलगु, मलयालम और न जाने कौन कौन सी भाषाए है  जिसमे लाखो लोग काम कर रहे है इसलिए हम फिल्म को मनोरंजन  के साथ एक बिजनेस के रूप भी  देखते है,  एक फिल्म यानि हज़ारो लोगो की मेहनत, और लाखों लोगो की रोजीरोटी। पिछले कुछ समय से हमको फिल्मो के साथ साथ एक ओटीटी प्लेटफार्म मिल गया है जिसने सिनेमा की एक नई दिशा दी है  और उस राहा में लाखो नए और पुराने लोग और जुड़ गए और ये कारवां  अभी और बढ़ेगा ऐसी उम्मीद करते है ये कहना था मारवाह स्टूडियो के चेयरमन संदीप मारवाह का,  जो  नोएडा फिल्म सिटी मारवाह स्टूडियो में 16वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे. समारोह के  दूसरे दिन  भी कई फ़िल्मी हस्तियों का जमावड़ा देखने को मिला जिसमे इज़राइल के दूतावास से सांस्कृतिक परामर्शदाता  सुश्री रेउमा मंत्ज़ुर, फिल्म एक्टर करण राज़दान,  एक्टर दीपक काज़िर केजरीवाल, एक्टर्स  जयश्री अरोड़ा , आशिमा कुमार, पी.के राजपूत शामिल हुए ।  इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, दीपक काज़िर केजरीवाल  ने कहा की हम तो दूरदर्शन के सीरियल से लेकर आज तक काम कर रहे है और हमने नए को अपनाया है  इसलिए आज भी काम कर रहे है। फिल्म निर्देशक अशोक त्यागी ने कहा की पूरी मेहनत करे और संस्थान का अपने माता पिता का नाम उज्जवल करे  करण राज़दान ने कहा काम कोई छोटा बड़ा नहीं  होता वो सिर्फ काम होता है जिसे आप अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से करेंगे तो आपको मंजिल जरूर मिलेगी। आज इजरायल की फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। अंत में संदीप मारवाह ने सभी को सम्मानित किया।


 

साहित्य को सिनेमा की मां कहना कोई अतिशयोक्ति न होगा- अरुण बख्शी 

नोएडा फिल्म सिटी मारवाह स्टूडियो में 16वें तीन दिवसीय ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन साहित्य और सिनेमा के बीच संबंध के विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें देश की कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया जिनमे के. एल. गंजू, फ़िल्म निर्देशक राजू पारसेकर, संगीतकार रिजु रॉय, एक्टर अभिषेक दूहन, सिंगर व कलाकार अरुण बख्शी, लेखिका सहर ज़मान व सिंगर रीमा मिथेलिया व अक्षय चौबे ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर मारवाह स्टूडियोज के चेयरमैन  संदीप मारवाह ने कहा कि फिल्में साहित्य पर बनती है, सिनेमा और साहित्य में कोई फर्क नहीं है बस हमें अपनी सोच बदलनी है बाकी सब कुछ अपने आप बदलता चला जाएगा। गायक व फ़िल्म कलाकार अरुण बख्शी ने कहा कि साहित्य ना होता तो सिनेमा भी नहीं होता हमें हमेशा अपने साहित्य को और अपने कल्चर को जीवित रखना चाहिए ताकि हम सब और आने वाली पीढ़ी भी उससे बहुत कुछ सीख सके, साहित्य को सिनेमा की मां कहना कोई अतिशयोक्ति न होगा। अभिषेक दुहन  ने कहा जिंदगी में सीखते रहना बहुत जरूरी है मैं वह काम करता हूं जो मुझे डराता है ताकि मैं उससे आगे बढ़कर अपने आप को स्थापित कर सकूं और हर काम को अच्छे तरीके से कर सकूं यही मेरी कोशिश रहती है।रीमा मिथेलिया ने कहा संदीप मारवाह हमेशा नए लोगों को एक मंच देते हैं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। राजू पासेकर ने कहा कि साहित्य और सिनेमा का पूरी दुनिया से एक नाता है चाहे बॉलीवुड हो या हॉलीवुड हर जगह साहित्य के द्वारा ही फिल्म लिखी जा सकती है और अच्छी फिल्म और अच्छा साहित्य हमेशा ही लोगों को पसंद आता है। पंकज पराशर ने कहा कि मैं मारवाह स्टूडियो साल में एक बार जरूर आता हूं ताकि पूरे साल के लिए एनर्जी ले जा सकूं, मुझे किताबें पढ़ने का शौक है और मेरे इस शौक ने मुझे निर्देशन के पद पर ला खड़ा कर दिया,  मैंने 13 साल की उम्र से ही नाटक लिखने शुरू कर दिए थे। माइक बेरी ने कहा सफलता मिलना अच्छे लेखन की गारंटी नहीं है लेकिन अच्छा साहित्य पढ़ने से अच्छे इंसान होने की गारंटी जरूर है, रिजु राय ने कहा बिना साहित्य के संगीत भी संभव नहीं है। के. एल. गंजू ने कहा कि साहित्य लिखना अपने आप में एक कला है लेकिन उसका डायरेक्शन करना उतना ही जटिल है। इस अवसर पर सहर ज़मान द्वारा लिखी पुस्तक तलत महमूद की जीवन कथा द डेफिनिटिव बायोग्राफी का विमोचन किया गया, सहर ज़मान ने कहा की तलत महमूद अपनी मखमली आवाज के लिए प्रसिद्ध थे और उन्होंने लोगों के दिलों में वह जगह बनाई जिसे आज भी हर कोई पसंद करता है। इस अवसर  निर्देशक  अशोक त्यागी की आने वाली फिल्म गोदान का भी पोस्टर लॉन्च  किया गया जिसके निर्माता संदीप मारवाह है और स्क्रीनप्ले व डायलॉग सुशील भारती ने  लिखे है। अंत में संदीप मारवाह ने आए हुए सभी अतिथियों को फेस्टिवल मोमेंटो दिया गया साथ ही अभिषेक दुहन व  राजू  पासलेकर को हिंदी सिनेमा गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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