संघर्ष से लिखी सफलता की कहानी: गया के झूलन प्रसाद गुप्ता बॉलीवुड में शानदार शुरुआत By Mayapuri Desk 02 Feb 2023 | एडिट 02 Feb 2023 08:21 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर बॉलीवुड के प्रति आकर्षण की कई कहानियां हम सबने पढ़ी और सुनी हैं, लेकिन एक फ़िल्म निर्माता के संघर्ष और सफलता की कहानिया बहुत कम लोगों तक पहुँच पाती हैं. संघर्ष इसलिए कि निर्माता के पास पैसे होते हैं, लेकिन सही शुरुआत और फिल्मों के चयन में गलतियों के चलते अधिकतर नए निर्माता फ़िल्मों में लगे अपने इन्वेस्टमेंट को वापस नहीं निकाल पाते हैं तो एक या दो फ़िल्मों के बाद भी पहचान बनाने में असफल रहते हैं. लेकिन निर्माता जे पी गुप्ता (झूलन प्रसाद गुप्ता) ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी नए रूप में साबित की हैं. राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता निर्देशक राजकुमार संतोषी की फ़िल्म गांधी गोडसे एक युद्ध के सह निर्माता के रूप में झूलन प्रसाद गुप्ता एक एक व्यक्तित्व के रूप में उभरकर आते हैं, जो अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के अपने सपनों को साकार करते हैं. गया के पंचानपुर के जे पी गुप्ता को फ़िल्मों के बहुत लगाव था, लेकिन आर्थिक मजबूरी ने कभी उन्हें फ़िल्म लाइन के बारे में सोचने की हिम्मत नहीं दी. एक गरीब परिवार में जन्मे जे पी गुप्ता सिविल सर्विस सेवा में जाना चाहते थे. मगर आर्थिक तंगी के चलते वे आई आई टी, चार्टेड इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मद्रास चले गए. यहाँ पर भी पैसों की किल्लत ने उन्हें सिनेमा से मिलवाया. दरअसल, होता यह था की पढ़ाई से समय बचने के बाद झूलन प्रसाद गुप्ता फिल्मों की शूटिंग में चले जाते थे और कभी जूनियर एक्टर तो छोटे किरदार से वह अपने दैनिक खर्चे मैनेज करते थे. झूलन प्रसाद गुप्ता का फ़िल्मों में दिलचस्पी का सफ़र यही से शुरू होता हैं उन्होंने तय किया था वह इस फ़िल्म में कुछ बड़ा करेंगे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद झूलन प्रसाद गुप्ता ने अपना आगे का सफ़र बतौर इंजीनियर शुरू किया लेकिन एक फ़िल्म निर्माता के रूप में अपने सपने को साकार करने के लिए सही समय का इंतज़ार कर रहे. निर्देशक राजकुमार संतोषी ने उनके अपने महत्वाकांक्षी फ़िल्म बेटल आफ सारागढी प्रोजेक्ट के बारे में बताया तो जे पी गुप्ता ने इस फ़िल्म से अपने फ़िल्म निर्माता के कैरियर की शुरुआत की. कुछ वजह से फ़िल्म बेटल आफ सारागढ़ी नहीं बन पायी तो वह निराश नहीं हुए और एक बार फिर से निर्देशक राजकुमार संतोषी पर अपना भरोसा रखते हुए फ़िल्म गांधी गोडसे एक युद्ध के लिए सह निर्माता तैयार हो गए और अपनी कंपनी जेपीजी प्रोडक्शन के बैनर तले गांधी गोडसे एक युद्ध के सहनिर्माता की शुरुआत की. इस गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शित हो रही फ़िल्म गांधी गोडसे कई वजहों से चर्चा में हैं. कांग्रेस के कुछ नेता ने इस फ़िल्म पर बैन लगाने की मांग की हैं. उनका कहना है की फ़िल्म महात्मा गांधी के जीवन को ठीक से नहीं दिखाया गया हैं और हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया जा रहा हैं. जे पी गुप्ता बताते हैं ‘एक फ़िल्म निर्माता की सबसे बड़ी सफलता होती है की लोग उसकी फ़िल्म की बात करे, आज गांधी गोडसे की चर्चा सिर्फ़ भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हैं. इस फिल्म की प्रस्तुति और कंटेंट को फ़िल्म समीक्षक और प्रभावशाली लोगों ने पसंद किया हैं. मैं फ्यूचर में भी कमर्शियल और कंटेंट बेस्ड फिल्मों का निर्माण करना चाहता हूँ. कुछ प्रोजेक्ट्स और निर्देशक के साथ मेरी बात चल रही हैं हम जल्द ही अपनी नयी फिल्म की आधिकारिक घोषणा करेंगे. जेपीजी प्रोडक्शन के बैनर तले गांधी गोडसे एक युद्ध के बाद अब जे पी गुप्ता जल्द ही एंटेरटैमेंट प्लेटफार्म फ़न प्राइम एंटर्टेन्मेंट लेकर आ रहे हैं. #latest trending #gandhi godse हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article