सुपर स्टार रजनीकांत उस बस डिपो गए जहां कभी काम करते थे, पूछा पुराने साथियों और ड्राइवर दोस्त राज बहादुर को

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By Sharad Rai
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सुपर स्टार रजनीकांत उस बस डिपो गए जहां कभी काम करते थे, पूछा पुराने साथियों और ड्राइवर दोस्त राज बहादुर को

एकदम वैसा ही दृश्य था जैसे शाहरुख खान और इमरान खान की दोस्ती वाली फिल्म आयी थी 'बिल्लू बारबर'. 'बिल्लू..' की कहानी में बॉलीवुड स्टार साहिर खान उस गांव में शूटिंग करने गए थे जहां उनका बचपना गुजरा था और उनको मदत करने वाला दोस्त बिल्लू हजाम रहता था. बंगलुरु के बस डिपो में सुपर स्टार राजनीकांत का अचानक पहुचना कुछ वैसा ही दृश्य याद दिला रहा था. डिपो में रजनीकांत बस कंडक्टरों और ड्राइवर तकनीशियनों के साथ अपने पुराने दिनों को याद करने पहुचे थे.

BMTC (बंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) की नौकरी छोड़कर ही रजनी फिल्मों में काम करना शुरू किए थे. वर्षों पुरानी बात है जब रजनी इस डिपो के स्टाइलिस कंडक्टर हुआ करते थे. बताते हैं जब रजनी टिकट बांटते थे कुछ हरकतें करते रहते थे. वह शत्रुघन सिन्हा की स्टाइल मारते थे.शत्रुघ्न सिन्हा अपनी शुरुवाती फिल्मों में जैसे सिगरेट घूमाकर मुह में लेते थे, रजनी कुछ उसी अंदाज में टिकट देते थे. उनदिनों  BTS की रुट 10A पर उनके साथ एक ड्राइवर हुआ करता था राज बहादुर. यह राज बहादुर था जो 'शिवाजी' को कहता था तुम फिल्म में क्यों नही जाता ? राज बहादुर ने बहुत मदत किया था. राज बहादुर की मदत से ही शिवा ने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया था.

जैसा कि सब जानते हैं कि रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड है. वह कर्नाटक में रह रहे एक मराठी गायकवाड- परिवार में पैदा हुए थे.घर की आर्थिक हालात बहुत ठीक नहीं थी. बताते हैं वह कंडक्टरी करने से पहले कुछ दिन कुली का काम किए थे और चावल की गोनियाँ (कट्टा) उठाकर ट्रक पर लादते थे. उनपर लिखी एक किताब में उनके स्ट्रगल की बातें लिखी हैं.वह कुछ दिन तक मैसूर मशीन की कम्पनी में भी हेल्पर थे.बस कंडक्टरी करते समय उनके टिकट काटने और देने का अंदाज उनके अंदर के कलाकार को बढ़ावा दिया.

आज के रजनीकांत अपनी स्टाइल के राजा हैं.वह करोडों दिलों पर राज करते हैं उमकी 169 वीं फिल्म 'जेलर' रिलीज हुई तो बंगलुरु और मद्रास में दफ्तरों में छुट्टियां घोषित कर दी गयी. टाकिजों के बाहर लगाए गए उनके मंजिलों ऊँचे कट आऊट पर क्रेन से चढ़कर लोग माला पहना रहे थे. थियेटर के अंदर पूजा होने के बाद फिल्म शुरू हुई. 'जेलर' ने 613 करोड़ की कमाई कर लिया है और उत्तर से दक्षिण तक लोगों में यह फिल्म देखने की उत्सुकता रही है सिर्फ इसलिए कि उसमें हीरो रजनीकांत हैं. 'शिवाजी' के नाम को 'रजनीकांत' करने की भी एक रोचक कहानी है. दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर ने रजनी को जब एक नाटक में काम करते देखकर अपनी फिल्म 'अपूर्व रांगगल' में मौका दिया तब मद्रास फिल्म इंडस्ट्री में पहले से दो स्टार शिवाजी गणेशन थे. बालाचंदर ने नाम से  कन्फ्यूजन ना रहे इसके लिए उस लड़के को नाम दिया रजनीकांत, जो उनकी ही एक फिल्म 'मेजर चंद्रकांत' में उनके एक एक्टर का नाम था.

BTS के डिपो में रजनी बिना सूचना दिए अचानक अपनी निजी जीवन की शैली (बिना बिग के) में पहुचकर सबको हैरान कर दिए थे. डिपो के कंडक्टर्स, ड्रायवर्स, तकनीशियन सभी के लिए बड़ा कोतुहल भरा मौका था. रजनीकांत ने उनके साथ बैठकर अपने पुराने दिनों को महसूस किया.ड्रायवर राज बहादुर सहित सभी  पुराने कर्मचरियों  को याद किया. बड़ा ही  भाउक पल था वो. बस कर्मियों और डिपो के लिए वो एक गर्व का पल था.

तभी तो रजनी...रजनीकांत हैं !!

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