अक्षय कुमार इस फिल्म को प्रस्तुत कर रहे हैं. मामी फिल्म फेस्ट-2017 में दिखाई जा चुकी ये फिल्म उन्होंने कुछ वक्त पहले देखी थी और उनके दिमाग में चुंबक की तरह ठहर गई. उसके बाद उन्होंने इसे सपोर्ट करने का मन बनाया. उन्होंने ट्विटर पर इसे लेकर एक खुद का वीडियो भी डाला जिसमें मराठी भाषा में बोलते हुए कहा कि इसे प्रस्तुत करने जा रहे हैं. बताया जाता है कि ये पहली मराठी फिल्म है जिसे अक्षय सपोर्ट कर रहे हैं. ‘चुंबक’ 27 जुलाई को रिलीज हो रही है.
फिल्म की कहानी 15 साल के लड़के और 45 साल के पुरुष की है
चुंबक एक नए वक्त की कहानी है. एक 15 साल का लड़का है बालू जो टेबलें साफ करता है, वेटर का काम करता है. पैसे जोड़ता है ताकि अपनी तंगहाल जिंदगी से बाहर निकलकर अपना भविष्य बेहतर कर सके. वह अपना खुद का बिजनेस चालू करने का सपना देखता है. वो सपना देखता है कि गांव के बस स्टैंड पर उसकी गन्ने के जूस की दुकान हो. लेकिन जो पैसे जोड़े थे वो उसके पास से चले जाते हैं. अब वो परेशान है. ऐसे में वो अपने दोस्त डिस्को के साथ मिलकर एक नकली लॉटरी स्कीम निकालता है. कोई इनके झांसे में नहीं आता, सिर्फ एक आदमी आता है जिसका पैसा ये दोनों लूट चुके हैं. जब वे दोनों इस आदमी से मिलते हैं तो पाते हैं कि वो 45 साल का पुरुष है लेकिन बच्चे जैसे दिमाग वाला है.
स्वानंद किरकिरे ने इसमें मंदबुद्धि पुरुष का लीड रोल किया है. किसी फीचर फिल्म में स्वानंद पहली बार लीड रोल कर रहे हैं. इससे पहले ‘बदरीनाथ की दुल्हनिया’ (2017) और ‘हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी’ (2003) में उन्होंने छोटे रोल किए हैं. वैसे वो डायलॉग राइटर भी हैं, उन्होंने रजनीकांत की फिल्म ‘रोबोट’ (2010) के हिंदी संवाद लिखे. ‘मसान’ जैसी कई फिल्मों में गाने भी गाए. उनकी सबसे बड़ी पहचान गीतकार की है. ‘बंदे में था दम’ (लगे रहो मुन्नाभाई) और ‘बहती हवा सा था वो’ (3 ईडियट्स) के लिए बेस्ट लिरिक्स के दो नेशनल अवॉर्ड उन्हें मिल चुके हैं.