ज़ी थिएटर के नाटक 'Aaj Rang Hai' के बारे में पूर्वा कहती हैं की होली के रंगों की तरह ही इंसानियत के विभिन्न रंग भी घुलने मिलने के लिए ही बने हैं By Sulena Majumdar Arora 02 Feb 2023 | एडिट 02 Feb 2023 11:03 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर ज़ी थिएटर का नाटक 'आज रंग है' हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की मिठास और अमीर खुसरो की कविताओं से सराबोर है और साथ ही भारत की सबरंगी संस्कृति की सुंदरता से भी ओत प्रोत है. कहानी एक ऐसे मोहल्ले की है जहाँ बेनी बाई नामक एक गायिका ज़िन्दगी की शाम गुज़ार रही है. किसी ज़माने में वह बैठक की महफ़िलों की शान थी और अब अपने पड़ोसियों की उलझनों को सुलझाती है. उसके आस पास कई कहानियां पनप रही हैं. फन्ने और शारदा के बीच एक मूक प्रेम गहरा हो रहा है. नन्ही लड़कियां अमीना और विद्या जानना चाहती हैं की अल्लाह की सूरत कैसी है और क्या होली सिर्फ हिन्दुओं का त्यौहार है? बेनी और उसकी मित्र बुआ के बीच भी नोक झोंक चलती रहती है. लेकिन फिर नफरत की एक आंधी से ये सारा ताना बाना बिखेर जाता है और दर्शक ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की क्या धर्म के परे भी इंसानियत फल फूल सकती है और शांति और प्रेम के मायने समझ सकती है? हालाँकि यह नाटक 1970 के दशक में घटता है, निर्देशिका और लेखिका पूर्वा नरेश कहती हैं की इसमें उठाये गए मुद्दे आज भी ज्वलंत हैं. वे कहती हैं, "ये कहानी भारत की गंगा जमुनी तहज़ीब से लबालब भरी है और इस देश की ही तरह, ये नाटक भी एक रंगबिरंगे कालीन की ही तरह है. ये कहानी हमें याद दिलाती है की नफरत अगर लोगों को एक दूसरे से दूर करती है तो संगीत और साहित्य के तार हमें जोड़ के रखती हैं." ये नाटक पूर्वा के दिल के बहुत करीब है क्योंकि बेनी बाई का किरदार उनकी अपनी नानी से प्रेरित है. वे कहती हैं, "बेनी की तरह मेरी नानी भी एक गायिका थीं , धर्म निरपेक्ष थी, बेहतरीन उर्दू बोलती थीं और दुनिया को संगीत के परिप्रेक्ष्य से देखती थीं. उन्होंने मुझे बताया की उस्ताद अमीर खान लक्ष्मी जी के भक्त थे और तराना और कीर्तन में कितनी समानता है. बेनी ही की तरह, वे भी एक गुरु, मित्र और मार्गदर्शक थीं." पूर्वा के अनुसार खुसरो का काव्य भी भारत की ही तरह सबरंगी है जहाँ विभिन्नता में भी एकता है. वे कहती हैं, "लोगों को धर्म या भाषा के आधार पर बाँटना बेमानी है. संस्कृति को सिर्फ एक ही परिभाषा में नहीं बांधना चाहिए क्योंकि फिर वो समृद्ध नहीं रहती. हमारी एकता ही हमें मज़बूत बनाती है और होली के रंगों की तरह ही इंसानियत के विभिन्न रंग भी घुलने मिलने के लिए ही बने हैं." सौरभ श्रीवास्तव द्वारा फिल्माए गए इस नाटक में काम कर रहे हैं त्रिशला पटेल , सारिका सिंह, प्रेरणा चावला, निशी दोषी, स्वयं पूर्वा नरेश , पवन उत्तम , इमरान रशीद, हिदायत सामी और दानिश हुसैन. आप 'आज रंग है' देख सकते हैं 5 फरवरी को Dish TV और D2H Rangmanch एवम Airtel Theatre पर. #Aaj Rang Hai #Zee Theatre #Purva हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article