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1936 में लेखक व उपन्यास प्रेमचन्द ने ‘गोदान’ नामक उपन्यास लिखा था। जिसे उनकी सर्वोत्तम कृति माना जाता है। इसका प्रकाशन हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बुम्बई द्वारा किया गया था। इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है। गोदान ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य माना जाता है। इसमें प्रगतिवाद, गांधीवाद और माक्र्सवाद (साम्यवाद) का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है। इसमें भारत की एक विशेष संस्कृति का सजीव चित्रण है, जो संस्कृति अब समाप्त हो रही है। उसी संस्कृति को पुनः जीवित करने और गायों की सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के मकसद से मशहूर निर्देशक अशोक त्यागी के निर्देशन में प्रेमचंद के उपन्यास‘ गोदान’ पर इसी नाम से बनने वाली फिल्म का मुहूर्त 28 नवंबर, मंगलवार को मथुरा में ‘दीनदयाल कामधेनु गौशाला’ में एक लाख लोगों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
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इस खास अवसर के लिए दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति, मथुरा के परिसर में साध्वी ऋतंभरा, मंगला माता जी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ शंकरलाल जी के अलावा तमाम पीठाधीशों के महाममंडलेश्वर और साधू संत, सैकड़ों सांसद, विधायकों की शुभ उपस्थिति के बीच इस अति महत्वाकांक्षी फिल्म का मुहूर्त आरएसएस के माननीय प्रमुख मोहन भागवत के कर कमलों से संपन्न हुआ। फिल्म ‘गोदान’ के निर्देशक किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने 1985 में फिल्म ‘‘सूर्खियां’’ के निर्देशन से बाॅलीवुड में कदम रखा था। उसके बाद ‘रिटर्न आॅफ ज्वेल थीफ’, ‘रियासत’, ‘व्हाय आई किल्ड गांधी’ सहित कई सफलतम फिल्मों का निर्देशन किया. वह नोएडा के मारवाह स्टूडियो के इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षक भी रहे।
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अशोक त्यागी कहते हैं-‘‘हम पूरी तरह आधुनिक होते जा रहे हैं, परिणामतः हम अपनी धरती से दूर होते जा रहे है। हमने अपने किसानों, कृषि, गाय व बैल पर ध्यान देना बंद कर दिया है। कुल मिलाकर हम अपनी भारतीय सभ्यता व संस्कृति के अमूल्य पक्ष को भूलते जा रहे हैं। इसीलिए हम लोग मंुशी प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित फिल्म ‘गोदान’ लेकर आ रहे है,जो कि लोगो के बीच ग्राम्य जीवन और गायों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करेंगी। यह हमारी खुशनसीबी है कि हमारे इस नेक काम को सर संघ चालक मोहन भागवत जी का भी साथ मिला है।’’
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सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस मौके पर दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण केंद्र, बायो गैस जनरेटर द्वारा चालित बुनकर केंद्र का लोकार्पण किया और आयुर्वेद मृग (पशु) चिकित्सा साधन का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा, ने भारतीय संस्कृति में गाय की महत्ता और संस्कारों पर बल दिया। वहीं मंगला माता ने आज के लोकार्पित सभी कार्यों में अपना सम्पूर्ण सहयोग देने की बात की। फिल्म ‘‘गोदान’’ का निर्माण विनोद कुमार चैधरी और संदीप मारवाह द्वारा किया जा रहा है। जबकि निर्देशन की बागडोर अशोक त्यागी ने संभाली है। पटकथा और संवाद लेखक सुशील भारती, संगीतकार ह्रीजू रॉय हंै। फिल्म मेगा स्टार कास्ट के साथ शुरुआती से अंत शेड्यूल में जल्द ही फ्लोर पर जाएगी।
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