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Adipurush के जिस संवाद के लिए Manoj Muntashir माफी मांगने की बात कहते हैं, वो भी चोरी का है!

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By Sharad Rai
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 Adipurush के जिस संवाद के लिए Manoj Muntashir माफी मांगने की बात कहते हैं, वो भी चोरी का है!

हास्यकवि, स्टैंडअप कमेडियन प्रताप फौजदार ने फिल्म 'आदिपुरुष' की कंट्रोवर्सी में एक पत्थर और उछाल दिया है कि जिस संवाद को लेकर विवाद छिड़ा है और जिसके लिए फिल्म के संवादकार-गीतकार  मनोज मुंतशिर ने माफी मांग लेने की बात कहा है, दरअसल वो उनका लिखा है ही नहीं। किसी और ने उसे अपनी लिखी लाइन बताने की बात कहा है। हास्य कवि प्रताप फौजदार जिनको ' द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज 2' शो में चैम्पियन बनने से राष्ट्रीय पहचान मिली, वे दोनों लेखकों के  दावे पर अपने चुटकुलेदार अंदाज में फब्ती कसते हैं। कहते हैं दोनो को ही माफी मांगने की जरूरत नही है क्योंकि यह माल तो किसी तीसरे का है। माफी मांगना है तो वो तीसरा मांगे, जिसने यह (कचरा) फेंका है।  आइए, सुनते हैं आदिपुरुष के विवादित डायलॉग की कहानी प्रताप फौजदार की जुबानी-

"मुसीबत है दोस्तों! माफ़ी कौन मांगे...???"

"तेल तेरे बाप का,कपड़ा तेरे बाप का और जलेगी भी तेरे बाप की"

ये संवाद चोरी करके मनोज मुंतशिर ने 'आदिपुरुष' फिल्म में लिखा तो एक "बड़े चोर" ने दावा किया कि ये संवाद मेरा है।

अब मनोज मुंत्शिर ने माफी मांग ली है तो बड़ा चोर भी माफी मांगेगा क्या?

लेकिन- 

मेरे हिसाब से ये 'छोटा चोर' और 'बड़ा चोर' दोनों ही निर्दोष हैं।

आइये, सच जानिये-

मध्य प्रदेश के जिला धार के एक छोटे से गांव का बेजोड़ हास्य कवि हैं- 'जानी बैरागी'। उसकी छंदमुक्त कविता का यह एक अंश है

"कपड़ा भी उसका, तेल भी उसका, आग भी उसी की और जलाई भी उसीकी।" इसे कहते हैं मैनेजमेंट!" मेरे हिसाब से "जानी बैरागी"  को माफी मांगनी चाहिए!

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