ऋचा चड्ढा अपने नए इंस्टाग्राम पेज ‘ द काइंड्री ’ के जरिये एक नए मिशन पर, रोजाना गुमनाम नायकों का सम्मान करेंगी By Mayapuri Desk 28 May 2021 | एडिट 28 May 2021 22:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर पिछले एक साल में, मौत, तबाही, चिकित्सा सहायता की कमी, गरीबी और बेरोजगारी की कहानियां समाचार साइकल पर हावी रही हैं। ठीक ऐसे समय में, हमें एक देशवासी के रूप में इस कठिन स्थिति से अवगत रहना चाहिए और वास्तविकताओं का सामना करना चाहिए। लेकिन हर निराशापूर्ण स्थिति में भी आशा की किरण होती है और इस मामले में, यह भारत के लोग ही हैं, जिनमें से कई एक दूसरे की मदद करने के लिए सभी बाधाओं के खिलाफ एक साथ आए हैं। - सुलेना मजुमदार अरोरा सामाजिक मुद्दों में अपनी रुचि के लिए समान रूप से जानी जाने वाली ऋचा चड्ढा ने ‘द काइंड्री’ नाम से एक नई कम्युनिटी आधारित पहल शुरू की है, जिसका सीधा सा अर्थ है, साधारण मनुष्यों द्वारा, असाधारण रूप से काइंड काम करने वाले लोगों का हौसला बढ़ाना। यह अभी केवल एक सोशल मीडिया पहल है। जब पिछले महीने, एक चोर द्वारा चोरी की गई दवाईयों को, खुद उसी चोर के द्वारा एक साधारण पत्र के साथ, जिसमें लिखा था, ‘‘क्षमा करें, मुझे नहीं पता था कि ये कोरोना की दवाएं हैं’’ लौटाने की खबर वाइरल हुई तब ऋचा एक पारिवारिक मित्र कृष्ण जगोटा की मदद से इस पहल को शुरू करने के लिए प्रेरित हुईं। उसी पर बोलते हुए, ऋचा ने कहा, ‘‘मैं इस बात से प्रभावित हुई कि एक व्यक्ति, जिसने हताशा में कुछ चुराया था, उसके पास इतना बड़ा दिल और ईमानदारी थी कि उन्होंने उसे वापस कर दिया। मैं लोगों को ‘सकारात्मक’ होने और दर्द को अनदेखा करने के लिए नहीं कहना चाहती क्योंकि यह जहरीली सकारात्मकता के अलावा और कुछ नहीं। दर्द, हमेशा आघात और नुकसान की वास्तविकता है। ‘द काइंड्री’, गुलाबी बादलों और यूनिकोर्न्स के बारे में नहीं होगा, बल्कि इसमें, वास्तव में हमारे आस-पास होने वाली घटनाएं हैं जो उतनी नहीं वाइरल होती जितनी होना चाहिए। लोग वास्तविक जीवन के नायकों की कहानियां सुनने के भी सक्षम हैं। हम छोटी शुरुआत करेंगे और हम एक कम्युनिटी बनाने या मौजूदा लोगों को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं। लक्ष्य उन गुमनाम नायकों को सेलिब्रेट करने का है जिनके बारे में आप कम ही पढ़ते हैं। एक, एस.ओ.एस की अपील का जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर, मैंने महसूस किया कि आम नागरिक जीवन रक्षक दवाओं, हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, उन लोगों के लिए जिन से वे कभी नहीं मिले हैं। हमने वास्तव में एक द्वि-पक्षीय प्रयास देखा है, जहां अस्थायी रूप से लोग अपने वैचारिक अंतर को भी भूल गए हैं और एक दूसरे की मदद करने के लिए आगे आये है। यह मुझे आशा देता है और मैं इन आशावादी कहानियों को साझा करना चाहती हूं जो वास्तविकता में निहित हैं। वास्तविक समाचारों के दर्द को कम करने के लिए हमें जानबूझ कर अच्छाई को बढ़ाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि इस कदम के माध्यम से जो हमें दिखाई देगा, वह है अजनबियों की दयालुता।’’ #Richa Chaddha हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article