आदित्य चोपड़ा के जन्मदिन के अवसर पर ये पेज मायापुरी अंक 1149 से लिया गया है By Mayapuri Desk 20 May 2020 | एडिट 20 May 2020 22:00 IST in ताजा खबर New Update “उसी प्यार के इंतजार में हूँ- आदित्य चोपड़ा यश चोपड़ा के बड़े बेटे आदित्य चोपड़ा ने अपने लिये, अपने पिता के लिये और अपने, पूरे परिवार के लिये इत॑ना नाम इतनी शोहरत कमा ली है कि सदियों तक उनकी मिसाल और निर्माता-निर्देशकों के पुत्रों को दी जाती रहेगी। २४ साल की उप्र में आदित्य चोपडा ने एक ऐसी फिल्म बनायी जिसने पूरे जमाने में हंगामा कर दिया। 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगें को एक साल होने को है ओर उसका खुमार अब तक सभी के दिलों दिमाग पर है। फिल्म के लेखक-निर्देशक आदित्य चोपड़ा के साथ भी शायद यही बात है इसलिये तो अब तक :- “मैने अपनी दूसरी-फिल्म “लांच 'नहीं की। दिलवाले ......' का नशा अब तक उतरा नहीं है और जब तक पूरी तरह से उतर नहीं जाता मैं दूसरी फिल्म नहीं बनाऊंगा, नहीं तो वो भी“दिलवाले.....' बन जायेगी।' कहते हैं आदित्य। तो फिर और कितना समय लेंगे दूसरी फिल्म लांच' करने का ? ' अभी कुछ कहा नहीं जा सकंता। 'स्क्रिप्ट' है, एक महीना भी और एक साल भी। क्योंकि इतनी तारीफ, सुनकर मैं डर गया हूँ। समझ में नहीं आता आगे मैं लोगों की-उम्मीदों पंर खरा उतरुंगा भी या नहीं।' क्या आप शुरु से निर्देशक बनना चाहते थे? 'जी हां मैं बचपन से फिल्में. देखता था। अच्छी या बुरी मेरी समझ में नहीं आती थी। अधिकतर सभी फिल्में मुझे अच्छी लगती थीं। फिल्में देखना मेरे खून में था। पढ़ाई से ज्यादा महत्व में फिल्मों को दिया करता था। फिल्म कैसी होती है ये मेरी समझ में आया जब मैंने 'दीवार' देखी.... थोड़ी थोड़ी बातें समझ में आने लगी। वैसे मां अक्सर ये चाहती रहीं कि मैं पढ़ाई पूरी करूं और विदेश-जाऊं बिजनेस मैनेजमैंट के लिये लेकिन दिल तो मेरा यहीं था हिन्दी फिल्मों में फिर विदेश केसे चला जाता ? चांदनी' में थोड़ा-बहुत ' अस्सिट' किया,“ लम्हे, में पूर्णरुप से सहायक-निर्देशक बना। एक बार ' डैडी को 'दिलवाले दुल्हंनिया ले जायेगें' की “स्क्रिप्ट' सुनायी, उन्होनें एकदम से तो' रियैक्ट !नहीं किया। लेकिन कुछ महिनों बाद “दिलवाले....” का जन्म हो गया। “ फिल्म के पोस्टरों पर आपने लिखा “कम फॉल इन लव' कया आप किसी से प्यार कर रहे हैं? नहीं- फिलहाल तो कोई नहीं। हां जब मैं तीसरी क्लास में था तो एक लड़की से प्यार हो गया था। वो बहुत रो रही थी, वो बहुत ज्यादा खूबसूरत नहीं थी। लेकिन उसे चुप करा देना चाहता थामैं। में समझता हूँ यही प्यार है। आज में एक “डेफिनेट' प्यारे की. तलाश में हूँ। सच्चे प्यार का इंतजार है।' “फिर 'सिमरन, कहां मिल गयी?” - “दरअसल मेरी दोस्ती. ज्यादातर लड़कियों से है इसलिये मुझे उन्हें करीब से देखने क़ा मौका मिलता है और इसलिये में ये अच्छी तरह बता सकता हूँ कि. लड़कियां कब, किन हालातों में'रियेक्ट' करती. हैं, वो कैसे बोलती हैं, कैसे चलती है आदि आदि।' “आपकी पसंद कया 'सिमरन' होगी? “क्या कहूँ (शरमा कर) खेर छोड़िये भी इस 'टॉपिक' को । कोई और सवाल करीये।' “यश चोपड़ा से आंप॑ कितेने प्रभावित हैं? “डैडी से तो मैंने अंदर ही अंदर यानि सब-कॉनिशयस में प्रभावित रहा। मैं उनकी फ़िल्मों के साथ-साथं बड़ा हुआ। उनके साथ काम किया। लेकिन फिल्म बनाते समय उनकी नकल नहीं की मैंने । जबकि जिन्दगी को प्यार से देखने का उनका नजरिया मेरे अंदर है। बेशक मैं यश चोपड़ा से बहुत प्रभावित हूँ। आपकी नजर में प्यार के मायने क्या हैं? “प्यार भावना है... देखूँ प्यार को शब्दों में डिसक्राईब कर सकता हूं या नहीं। दरअसल जब आप किसी से प्यार करते हैं तो उस इंसान की इतनी इज्जत करने लगते हैं कि उसे दुनिया के सबसे ऊपर बिठा देते हैं- शायद यही प्यार है.” --चंदा टंडन हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article