हाल ही में देश भर में मनाई गई कृष्म जन्माष्टमी के पर्व पर शाहरुख खान ने भी अपने बंगले में दही हंडी फौड कर जन्माष्टमी मनाई। जिसे लेकर मौलाना और उलेमा भड़के उठे। उन्होंने शाहरुख के प्रति बाकायदा अपनी नाराजगी जाहिर की। ये जगविदित है कि शाहरुख हमेशा होली दीवाली ईद सभी पर्व धूमधाम से मनाते आये हैं। इस बार उन्होंने मनाये जाने वाले त्यौहारों में जन्माष्टमी को भी शामिल कर लिया। जिसे लेकर मौलाना और उलेमा भड़क उठे।
सोमवार को जब सारा देश जन्माष्टमी का त्योहार मना रहा था तो उसमें शाहरुख भी अपनी पत्नि गौरी और बेटे अबराम के साथ शामिल हो गये, उन्होंने अपने बंगले में दही हंडी बांध कर फिर उसे फोड़ते हुये ये त्यौहार मानाया लेकिन साथ ही उन्होंने उलमाओं की नाराजगी भी मौल ले ली। उलेमाओं ने शाहरुख के इस कृत्य को शरीयत में नाजायज और इस्लाम में हराम करार दिया गया है। फतवा ऑन मोबाईल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि वैसे तो किसी फिल्मी कलाकार का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन शाहरूख एक सेलिब्रेटी हैं लिहाजा उन्हें ध्यान रखना चाहिये कि वो किस धर्म का त्यौहार मना रहे हैं। किसी त्यौहार में शरीक होना अलग बात है लेकिन गैर इस्लामिक त्यौहार को मनाना उसे धर्म की परपंरा का आयोजन करना इस्लाम में सही नहीं है।
उलेमा ओलाना का कहना है कि इस्लाम में गैर पर्व मनाने की मनाही है। एक मुसलमान का हिन्दू धर्म के पर्व को मनाना या उसमें शरीक होना शरीयत के अनुसार गलत है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता।