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विद्या बालन ने बताया, जो कभी मनहूसियत के साये में जीती थी, आज यूनिवर्स पर छा जाने के सपने देखती है!

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By Sharad Rai
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विद्या बालन ने बताया, जो कभी मनहूसियत के साये में जीती थी, आज यूनिवर्स पर छा जाने के सपने देखती है!

कम ही होता है ऐसा जब कोई लड़की फिल्मों में काम करने आए और चट से मौका पा जाए. विद्या बालन भी उन्ही तारिकाओं में हैं जो एक लंबा संघर्ष झेल कर आज उस मुकाम तक पहुची हैं जहां मेच्योर मुख्य भूमिका की बात आती है तो सबसे पहले उनका नाम लिया जाता है. एक वार्ता में अपने शुरुवाती  दिनों को याद करती विद्या कहती हैं "वोभी एक समय था जब मनहूस कह दी जाती थी और फिमों से बाहर हो जाया करती थी."

विद्या बालन बताती हैं कि एक फिल्म वह मोहनलाल और कमल हासन के साथ कर रही थी, फिल्म बंद हो गयी. बंद होने का कारण उनको ही समझा गया.फिल्म की प्रोग्रेस निर्माता के आर्थिक कारण से गड़बड़ाई थी जो बाद में बंद हो गयी.पर इसका कारण उनको माना गया था. इसतरह विद्या बालन के हाथ से 12 फिल्में चली गयी थी.यह मलयालम फिल्मों के निर्माताओं के लिए आर्थिक क्राइसिस का दौर था. लेकिन, मनहूसियत का ठप्पा हमेशा नई लड़की पर लगता है. वह एक टीवी शो कर रही थी "ला बेला" जो बंद हो गया तो वही कारण मानी गयी थी. बताने वाली बात है कि विद्या बालन एक समय धारावाहिक ''हम पांच' की पांच में से एक बनी थी. सही मायने में उनपर से मनहूसियत का ठप्पा तब हटा जब वह प्रदीप सरकार की फिल्म 'परिणीता' की थी.

अपने कैरियर में विद्या बालन ने इतने अप्स और डावुन्स देखा है कि वे अपने संघर्ष पर इतरा सकती हैं क्योंकि उन्होंने कभी खुद को निराश होने नही दिया. उनकी की गई फिल्मों में हर तरह की फिल्में हैं.वह कहती हैं- "हीरो के पास ज्यादा ऑप्शन नही होता.वह हीरो होगा या अपराधी होगा. जबकि हिरोइंक़े लिये बड़े स्कोप हैं. हीरोइन हीरो सेंट्रिक रोल कर सकती है." विद्या की कई ऐसी फिल्में हैं जहां वो फिल्म के हीरो जैसी हैं. पूरी फिल्म उनपर है. एक हीरोइन फिल्म की सेंट्रल रोल कर के फिल्म चला सकती है, यह भरोसा निर्माताओं को विद्या ने दिया है. 'परिणीता' करने वाली हीरोइन  'डर्टी पिक्चर्स'  कर  सकती है, 'कहानी' कर सकती है. 'बेगम जान', 'तुम्हारी सुलु'  कर सकती है. "हीरोइन के पास विविध आयाम जीने के लिए होते हैं. आजकल सब लड़कियां कर रही हैं. ओटीटी ने और भरोसा बढ़ा दिया है. जबकि पहले ऐसा नहीं था."

आजकल विद्या बालन को ऐसी भूमिका की तलाश है जिसे करके वह यूनिवर्स पर छा जाएं. नेशनल अवार्ड, 7 बार फिल्मफेयर  अवार्ड और पद्मश्री के सम्मान से नवाजी जा चुकी विद्या बालन को अपने संघर्ष के दिन याद हैं. कम ही तारिकाएं होती हैं जो अपने अतीत को याद रख पाएं.

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