वहीदा रहमान - बच्चनों की मां By Mayapuri Desk 05 Nov 2019 | एडिट 05 Nov 2019 23:00 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर अली पीटर जॉन अगर अमिताभ बच्चन के किसी एक चीज के बारे में बात करें तो वो है उनका लोगों और समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त करना। वो हमेशा एक पत्थर के समान खड़े रहते हैं जब बात किसी इनसान,समाज या देश के विरुद्ध हो तब। वो दिलीप ,बलराज साहनी और वहीदा रहमान के फैन थे और दूसरी अभिनेत्री जो उनके बहुत करीब थी वो थी नूतन जिनके साथ काम करना उनके लिए एक सपने जैसा था और यह सपना तब पूरा हुआ जब उन्हें सौदागर फिल्म में नूतन के साथ काम करने का मौका मिला। सौदागर राजश्री द्वारा बनाई गई शुरुआती फिल्मों में से एक है। उन्हें दिलीप कुमार के साथ काम करने का पहला और एकमात्र मौका 'शक्ति' में मिला जिसके निर्देशक थे रमेश सिप्पी जिन्हें शोले के मेकर के रूप में जाना जाता है। फिल्म में दोनों ने बाप-बेटे का किरदार निभाया था। फिल्म ने अच्छी कमाई नहीं की पर यह फिल्म हमेशा दो जनरेशन के महान अभिनेताओं का एक साथ काम करने की वजह से याद रखा जाएगा । इसके बाद दोनों किसी और फिल्म में साथ नहीं दिखें। अमिताभ बच्चन हमेशा से बलराज साहनी के साथ काम करना चाहते थे और उन्होंने उनकी फिल्में देखकर अभिनय की बारीकियां सीखी हैं। पर यह अफसोस हमेशा अमिताभ बच्चन के साथ रहता है कि वो बलराज साहनी जैसे महान कलाकार के साथ काम नहीं कर पाए। पर हाल ही में उन्होंने बलराज साहनी के प्रति अपनी प्यार और सम्मान को दर्शाया है। मुझे बलराज साहनी के बेटे परीक्षित साहनी को जबरदस्ती अपने पिता के ऊपर बुक लिखवाना पड़ा और 8 महीने में परीक्षित ने अपने पिता के ऊपर किताब लिख ली। बुक लिखी जा चुकी थी । बुक पब्लिशर प्रमुख 'पेंग्विन पब्लिशर' जिसने किताब को पब्लिश करने का निर्णय लिया पर वो बुक की प्रस्तावना किसी सेलिब्रिटी द्वारा लिखवाना चाहते थे श्री। परीक्षित मेरे पास आये और उन्होंने मुझसे इस परेशानी के बारे में बात की। मैंने उनसे कहा कि इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि मुझे पता है कि अमिताभ जी बलराज साहनी को एक देवता की तरह पूजते हैं और अमिताभ बच्चन जरूर बलराज साहनी की किताब के लिए प्रस्तावना जरूर लिखेंगे।अमिताभ परीक्षित के बहुत करीबी दोस्त रहे हैं और उनके साथ देश प्रेमी में काम भी किया है।परीक्षण परेशान दिख रहे थे तो मैंने अमिताभ बच्चन के लिए परीक्षित के नाम से पत्र लिखा कि बलराज साहनी के किताब के लिए प्रस्तावना की जरूरत है। परीक्षित के हस्ताक्षर के बाद हमने वो पत्र अमिताभ को भेज दिया और अमिताभ ने उस किताब के लिए प्रस्तावना लिखकर भेज दिया जो किताब का मुख्य हाईलाइट था। मुझे पता था कि अमिताभ परीक्षित के निवेदन को ना नहीं कहेंगे। एक महीने बाद पेंग्विन चाहते थे कि इस बुक को कोई बड़े स्टार रिलीज करें जैसे सलमान खान,अक्षय कुमार । मैंने परीक्षित से कहा कि यह तुम्हारे महान पिता का अपमान होगा अगर उनकी किताब का अनावरण कोई ऐसा इंसान करें जिसने कभी उनकी कोई फिल्म ही नहीं देखी होगी। परीक्षित थोड़े परेशान हुए क्योंकि उन्हें लगा कि मैं उनकी किताब के अनावरण में देरी कर रहा हूं। अगर उन्होंने ऐसा सोचा होगा तो वो बिल्कुल बेवकूफ है क्योंकि किताब लिखने का आईडिया सिर्फ और सिर्फ मेरा था। मैंने परीक्षित से कहा कि एकमात्र इंसान जो इस किताब को रिलीज कर सकते हैं वो हैं अमिताभ बच्चन उनके अलावा कोई ये काम नहीं कर सकता। फिर मैंने अमिताभ को एक दूसरी चिट्ठी लिखी। अमिताभ ना सिर्फ आने के लिए राजी हो गए बल्कि वो समय से आधे घंटे पहले ही पहुंच गए और फिर उन्होंने 2 घंटे तक बलराज साहनी के अभिनय और बलराज साहनी के बारे में बातें की। अमिताभ को अब वहीदा के साथ काम करने के सपने को पूरा करना था। अमिताभ को पहला चांस मिला रेशमा और शेरा में जिसमें उन्होंने एक बेवकूफ लड़के का किरदार निभाया था। फिल्म के सितारे सुनील दत्त और वहीदा रहमान थे पर अमिताभ को भी इस फिल्म में अपने काम के लिए काफी प्रशंसा मिली। फिल्म में एक सीन था जिसमें वहीदा रहमान को राजस्थान की रेत में खाली पैर चलना था। यह दृश्य देखकर एक फैन होने के नाते अमिताभ बच्चन का दिल पिघल गया और वो दौड़कर वहीदा रहमान को उनकी चप्पले देने पहुंच गए। यह सीन ना तो कभी अमिताभ भूल सकते हैं और ना ही वहीदा। अमिताभ और उनके परिवार का वहीदा रहमान के साथ बॉन्ड दिन प्रतिदिन और बढ़िया होता चला गया। वहीदा को अमिताभ के साथ अदालत फिल्म में कास्ट किया गया जिसमें अमिताभ का डबल रोल था। अमिताभ को वहीदा के साथ सबसे बेस्ट किरदार मिला यश चोपड़ा की फिल्म त्रिशूल में जहां वहीदा रहमान ने अमिताभ की मां का किरदार निभाया था। वहीदा रहमान ने जया भादुरी की मां का किरदार भी निभाया था जब जया भादुरी जया बच्चन नहीं बनी थी तब, फिल्म थी फागुन। वहीदा ने अनुपम खेर द्वारा निर्देशित ओम जय जगदीश में अभिषेक बच्चन की मां का किरदार भी निभाया था। फिल्म बहुत बड़ी फ्लॉप साबित हुई थी जिसके बाद अनुपम खेर ने निर्देशन करने का ख्याल अपने दिल से निकाल दिया। बच्चन परिवार खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें वहीदा रहमान जैसे महान कलाकार के साथ काम करने का मौका मिला और वहीदा रहमान भी बहुत खुशी महसूस करती है इस बात को लेकर कि उनके करियर का सेकंड हाफ बहुत बढ़िया रहा जहाँ उन्हें बच्चनों के साथ काम करने का मौका मिला। कोई इस तरीके के रिश्ते को कैसे बयां कर सकता? एक रिश्ता जो सिर्फ एक सपना था और वो सपना भारतीय सिनेमा के कुछ महान पलों में तब्दील हो गया। मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें. अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं. आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं. embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'> #bollywood news #bollywood #Amitabh Bachchan #Bollywood updates #Abhishek Bachchan #Waheeda Rehman #television #Telly News हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article