क्या है पनामा पेपर्स का मामला? जिससे जुड़े होने की खबर में रहे हैं अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा जैसे सितारों के नाम By Mayapuri 22 Dec 2021 in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर शरद राय ऐश्वर्या राय बच्चन पिछले दिनों ED (एनफोर्समेंट ऑफ डायरेक्टोरेट) के सम्मुख दिल्ली जाकर 6 घंटे तक स्टेटमेंट दर्ज कराकर मुम्बई लौटी हैं।इडी से मिले 3 समन्स (under foreign exchang manegement Act) के बाद उनको जाना ही पड़ा। मामला पनामा पेपर्स की लीक हुई रिपोर्ट में उनका नाम आने को लेकर है।इससे पहले अमिताभ बच्चन का नाम भी इस लिस्ट में आचुका है। बताते हैं भारत के 500 ऐसे बड़े नाम वालों के नाम पनामा पेपर्स से लीक हुए हैं जिनके काले धन की इंक्वायरी होनी चाहिए। पनामा पेपर्स लिस्ट में प्रियंका चोपड़ा, अक्षय कुमार, अजय देवगन, ऐश्वर्या राय और कई चर्चित खिलाड़ियों के नाम भी शामिल हैं। वैसे देखा जाए तो दुनिया भर के तमाम चर्चित पर्सनालिटीज के नाम इस लिस्ट में हैं।पाकिस्तान में नवाज शरीफ की सरकार इसी आरोप पर जा चुकी है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का नाम भी ब्लैकमनी बचानेवाले पनामा लिस्ट में आए कारोबारियों में शुमार है। बेशक अमिताभ ने कह दिया है कि जिन 4 कम्पनियों से उनका नाम जुड़ा है वह उनको जानते भी नहीं, उनका नाम 'मिसयूज' हुआ है।आयकर विभाग उनको पहले ही सवलों कि लिस्ट भेज चुका है और वो जवाब भी भेज चुके हैं। ये वो सवाल हैं जो ICIJ ( इंटरनेशनल कंजोरटियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जॉर्नलिस्ट) से दी गई खबरों में किया गया था।पनामा की विधि सेवा प्रदाता कम्पनी मोसैक फोंसेका (mossack fonseca) के लीक हुए दस्तावेजों में इन नामों के होने का दावा किया गया था। पनामा है क्या? बहरहाल इस पनामा पहेली को समझने के लिए हमे यह जानना ज़रूरी है कि 'पनामा' है क्या। दुनिया भर के रईस इनकम टैक्स से बचने के लिए इस तरह के उपाय अपनाते हैं।पनामा एक देश का नाम है। पनामा, मोरिसस जैसे कुछ देशों ने ऐसे धनाढ्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग व्यवस्था चला रखा है जो टैक्स बचाना चाहते हैं। ये बैंक बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को एक देश से दूसरे देश मे अकाउंट ट्रांसफर प्रोसेसिंग के जरिए धनाढ्यों को इनकम टैक्स बचाने में मदत करती हैं। भारत मे बहुत से उद्योगपति अनिवासीय भारतीयता की नागरिकता (NRI) रखते हैं।(जैसे कुछ समय पहले अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार के NRI बनने की चर्चा रही है) ये विदेशी बैंक कभी अपने अकाउंट होल्डर का नाम और पता जाहिर नहीं करते हैं। ये बैंकें इसी शर्त पर विदेशों में निवेश करती हैं कि वे अपने ग्राहक का परिचय नहीं बताएंगे। और, सरकार को चाहिए विदेशी निवेश। भारत सरकार ने इन देशों के साथ ''डबल टैक्स अवायडेन्स' अग्रीमेंट कर रखा है। सरकार की सोच है कि धन (निवेश) आना चाहिए, निवेशक के नाम का उसके लिए महत्व नही है। अब होता यह है कि भारत मे कोई कम्पनी चलानेवाला मल्टी नेशनल व्यापारी पनामा की बैंक में किसी और नाम से खाता खोल लेता है और उस बैंक की एक ब्रांच भारत(मुम्बई)में होती है। भारत का व्यापारी इंडियन कम्पनी से कमाए पैसे को पनामा बैंक की मुम्बई ब्रांच में डालता है।समझौते के मुताविक पनामा की बैंक के हेड ब्रांच को ही टैक्स देना होता है। मुम्बई में टैक्स बच जाता है और पनामा के हेड ब्रांच को बहुत मामूली टैक्स देना पड़ता है।फिर वही पैसा फॉरेन निवेश के रूप में भारतीय व्यापारी के दूसरे बैंक से वापस आजाता है। मसलन 1 करोड़ की आय पर भारत मे 30 लाख जमा करनेवाले इन्वेस्टर को पनामा में महज 5 लाख जमा करके काम हो जाता है और उस अमाउंट (1 करोड़) का 95 लाख भारत मे दूसरी फर्म के नाम पर वापस भी आजाता है।यानी-हमारा ही पैसा हमारे देश मे 'विदेशी-निवेश' के नाम पर वापस आजाता है। इनकम टैक्स में बचत ही बचत। ऐसी बचत का लाभ उठाने वाले दुनिया मे 2 लाख और भारत मे 500 लोग हैं, जिनके नाम की लिस्ट लीक हो गई है। और, यही है पनामा पेपर्स लीक मामला। यानी- चतुराई से टैक्स की चोरी!! #akshay kumar #Priyanka Chopra #Amitabh Bachchan #amitabh bachchan family in Panama Papers case #Aishwarya Rai in Panama Papers case #Panama papers हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article