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Sidharth Malhotra के मजाक का सच क्या है- "मुझे ही मेरी शादी में नहीं बुलाया गया है"

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By Sharad Rai
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Sidharth Malhotra के मजाक का सच क्या है- "मुझे ही मेरी शादी में नहीं बुलाया गया है"

कहते हैं आग होती है तभी धुंवा निकलता है। बॉलीवुड के दो चमकते स्टार सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की चर्चा उनके विवाह को लेकर लम्बे समय से बनी हुई है। पहले कहा गया था कि वे नए साल के पहले या दूसरे हफ्ते में विवाह बंधन में बंध जाएंगे।  फिर इस खबर का खंडन  उनदोनो ने खुद किया। कियारा के सेक्रेटरी ने कहा कि अब जब कियारा का कैरियर टॉप पर पहुच रहा है, वो विवाह करने का रिस्क क्यों उठाएगी? गोया साल का महीना आगे बढ़ गया।  

दूसरी खबर इस जोड़े के विवाह को लेकर फिर नए साल में शुरू के दिनों में उठी कि वे फरवरी के पहले हफ्ते में फेरे लेने वाले हैं। इस बार विवाह ,मेहंदी, विदाई की तारिख तथा वेन्यू तक कि बात की खबर बनी। कहा जा रहा है कि इस जोड़े की मेहंदी और संगीत  का कार्यक्रम 4 फरवरी को और विवाह के फेरे 5 फरवरी को राजस्थान में जेसलमेर पैलेस होटल में सम्पन्न  होंगे। इस खबर के बाद खबर नवीस जेसलमेर से भी सूत्र जुटाने में लग गए कि होटल के किस हाल में विवाह होगा, कौन डेकोरेटर होंगे, क्या क्या डेकोरेट होगा और सुरक्षा का बन्दोवस्त कैसी, किस एजेंसी को दी जाने वाली है। इस खबर की पुष्टि कियारा के एक ऐड शूट (कमर्शियल) ने और भी कर दिया जिसमें वह विवाह का एक पारंपरिक अंदाज वाला लाल रंग का लहंगा पहने हुए हैं। लोगों को लगा  कि इस बार की खबर सही हो सकती है ओर इसकी पुष्टि के लिए लोग 'टू बी वर वधु' के मूंह से हां सुनने के लिए वेचैन हो गए।

लो, साहब, सवाल वर (सिद्धार्थ मल्होत्रा) से कर दिया गया कि खबर का सच क्या है? आने वाली फिल्म  'मिशन मजनू' के हीरो ने जवाब बड़ा मनोरंजक दिया-  "सुन तो मैं भी ऐसा रहा हूं। दो बार ऐसी खबर पहले पढ़ चुका हूं। लेकिन, मुझे किसी ने शादी में इनवाइट नहीं किया है, यहां तक कि पब्लिक ने भी नही...।" सिद्धार्थ ने यह बात अपनी फिल्म 'मिशन मजनू' के प्रमोशन पर बातचीत करते हुए कहा है। फिल्म 20 जनवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है।  मजाक में कही गयी अपनी बात को वह बिना हां या ना की स्वीकृति जताए वहीं छोड़ देते हैं- कहते हुए- "लोगों को हमारे काम पर चर्चा करना चाहिए न कि हम कलाकारों की पर्सनल जिंदगी पर।"  दरअसल सिद्धार्थ के इस जोक का दो अर्थ लगाया जा रहा है। लेकिन, सटीक अर्थ वही लग रहा है जो आप सोच रहे हैं...आग होती है धुंवा तभी निकलता है! और, ना कहने का अंदाज इतना सरल नहीं हुआ करता।

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