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कहाँ खो गई वो बॉलीवुड होली की रंगीनियत और कहाँ खो गए वो लोग

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By Sulena Majumdar Arora
कहाँ खो गई वो बॉलीवुड होली की रंगीनियत और कहाँ खो गए वो लोग
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‘होली में चोली निहारे रे बुढ़वा, होली में चोली निहारे’ यह अटपटा और चटपटा होली गीत बॉलीवुड की पुरानी होली जमघटों में मजेदार भाव इंगितों के साथ गाया बजाया जाता था, नो मोबाइल के उस जमाने में बॉलीवुड के बड़े-बड़े स्टार, मदिरा और भांग वाली ठंडाई पीकर, रंगों से भीगे अंगों को बेपरवाही से झलकाते हुए जिस तरह नाचते थे उससे लगता था कि होली के सारे मजे फिल्मी आँगन में ही लूटे जाते हैं। हालाँकि वो फिल्मी होली का दौर मैंने नहीं देखा था लेकिन फिल्म ‘पड़ोसन, राम और श्याम, शोले, बॉम्बे टू गोआ, हरे राम हरे कृष्ण, दीवार, करिश्मा कुदरत का, आसमान, करण अर्जुन के जाने माने वेटेरन एक्टर राज किशोर, जो हमारे अंधेरी डी एन नगर स्थित घर के करीब रहते थे, ने मुझे बताया था, ‘‘उस जमाने में सिर्फ और सिर्फ आर के स्टूडियो में होली का शानदार आयोजन होता था। किसी और की औकात नहीं थी कि वह आर के होली पार्टी से अलग कोई पार्टी रख सकता और अगर किसी ने हिम्मत की भी तो उसकी पार्टी में कोई नहीं पहुंच पाता था क्योंकि बॉलीवुड के छोटे बड़े स्टार, सुबह से शाम तक आर के स्टूडियो में ही रहते थे, खाना पीना, नाचना गाना, रंग भरे तालाब में डूबना डुबोना,  और शाम को आर के में इंतजाम किए गए पानी के फव्वारे में स्नान करना और कई बार तो सब रात का खाना खाकर लौटते थे। मदिरा, भांग,  तरह तरह के लजीज पकवान तो वहां ऐसे परोसे रहते थे जैसे उस रात की कोई सुबह न होगी।’’ कुछ ऐसी ही छवि ऋषि कपूर ने भी मुझे दी थी जब उनसे मैंने एक बार होली के बाबत इंटरव्यू लिया था, उन्होंने कहा था, ‘‘वो होली के हंगामे, खालिस फन से सराबोर होलियों के दौर पापाजी के निधन के बाद बॉलीवुड की ग्लोरियस पास्ट हिस्ट्री में अंकित हो कर रह गई है।

कहाँ खो गई वो बॉलीवुड होली की रंगीनियत और कहाँ खो गए वो लोग

बॉलीवुड के बड़े बड़े सेलिब्रिटीज, बड़े बड़े पत्रकार, पब्लिशर्स  के अलावा यहां के छोटे से छोटे कलाकार, फिल्मकार, टेक्नीशियन सबको होली पार्टी में पापाजी का आदर सत्कार मिलता था। पार्टी की शुरुआत मॉम (श्रीमती कृष्णा कपूर) और पापाजी (राज कपूर) पूजा से करते थे जिसमें हमारे कपूर परिवार के साथ साथ सारे मेहमान शामिल होते थे, उसके बाद हर मेहमान को तरह तरह के खुशबूदार ऑर्गनिक सूखे रंगों से रंगने और फिर आर के स्टूडियो के बीचों बीच बने एक रंग भरे तालाब में डुबकी लगाने से होता था। सूखे रंग फूलों से भी बनते थे जैसे टेसू के फूल, हरसिंगार के फूल, गुलाब के फूल, गेंदे के फूल, रजनीगन्धा के फूल। पापाजी को रजनीगन्धा के फूल बहुत पसंद थे। सच पूछो तो आर के की उस तालाब में किसी को उठाकर फेंकने से पहले लोग खुद ही उसमें कूद जाते थे और जो ऐसा नहीं करते उन्हें कंधों पर उठाकर रंगों से नहलाया जाता था। लेकिन पापाजी इस बात का ख्याल रखते थे कि स्त्रियों के साथ कोई जोर जबरदस्ती ना की जाए, उन्होंने कुछ खास लोगों को निगरानी में लगा रखा था जिनका काम था इस पर नजर रखना कि किसी स्त्री के साथ कोई बत्तमीजी ना हो रही हो। ऑफ कोर्स रंग भरे तालाब में डुबकी लगाने की स्त्रियों को मनाही नही थी लेकिन जबरदस्ती नहीं। मेरी मॉम हर स्त्री मेहमान के माथे पर रंग लगाती थी, शी वाज अ ग्रेट होस्ट, खाने में क्या क्या लजीज पकवान बनने हैं, कृष्णा जी ही तय करती थीं। खुद वे ग्रेट कुक भी थीं और कई  अवसरों पर उन्होंने अपने हाथों से बनाकर मेहमानों को खिलाया भी था। रंग खेलने के बाद खाने पीने का दौर शुरू हो जाता था और शुरु होता था ढोलक की थापों और हारमोनियम के तानों के साथ होली के लोक गीत और फिल्मी गीतों का लंबा सिलसिला। शैलेन्द्र जी, शंकर जयकिशन जी संगीत की महफिल सजाते थे, गोपी किशन जी और सितारा देवी जी अपने नृत्य की छटा बिखेरते थे और उनके साथ सारे के सारे मेहमान नाचने गाने लगते थे।

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देर शाम तक होली की महफिल जवां रहती थी फिर आर के, के प्रांगण में साफ पानी के झरने पर सब नहा धोकर अपने अपने घर जाते थे, कई बार बहुत से मेहमान एक टीम बनाकर पास के समुद्र में नहाने चले जाते थे। पापाजी के जीते जी होली की यह धूमधाम जारी रही, उनके निधन के बाद सब कुछ फीका पड़ गया और धीरे-धीरे वो सिलसिला खत्म करना पड़ा, खासकर इसलिए कि बहुत ज्यादा गेट क्रैश होने लगा था और पापाजी के ना होने से होली खेलने का वो आनंद नहीं आता था। अब तो मैं भी होली नहीं खेलता हूँ।’’ आर के की उन ऐतिहासिक पार्टियों में शामिल होने वालों में ब्लैक एंड व्हाइट जमाने के एक्टर्स से आज के जमाने के स्टार्स तक सब शामिल होते थे जैसे, साधना, शशि कला, नन्दा, बबिता, नर्गिस, ललिता पवार, मीना कुमारी, पद्मिनी, सिमी, राजेन्द्र कुमार, गीता बाली, शम्मी कपूर, शशि कपूर, डेजी ईरानी, नीला देवी, सितारा देवी, प्रेम चोपड़ा, शत्रुघ्न सिन्हा, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, राजेश खन्ना, डिम्पल खन्ना, मन्दाकिनी और ना जाने कितने स्टार्स। आज तो आर के स्टूडियो ही बॉलीवुड का ना रहा और खो गई होली की चटपटी रंगीनियत।

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