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'सिर्फ 52 सेकेंड तक खड़े नहीं हो सकते ?'

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By Pankaj Namdev
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'सिर्फ 52 सेकेंड तक खड़े नहीं हो सकते ?'

इन दिनों बॉलीवुड में सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने और उसके सम्मान में खड़े होने के लिए जोर-शोर से चर्चा चल रही है। बॉलीवुड के कई ऐक्टर्स इस पर अपनी राय रख चुके है किसी ने माना की राष्ट्रगान में सम्मान में खड़े होना जायाज है तो किसी ने इसको सिरे से नकारा है। अब लिस्ट में बॉलीवुड ऐक्टर अनुपम खेर का नाम भी जुड़ गया है। जिन्होंने हाल में एक कार्यक्रम में इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा है की यदि लोग रेस्तरां में इंतजार कर सकते हैं, सिनेमाघरों में टिकट के लिए लंबी कतारों में खड़े हो सकते हैं, या पार्टी के आयोजन स्थलों पर खड़े हो सकते है, तो फिर वे सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के लिए महज 52 सेकंड तक खड़े क्यों नहीं हो सकते?

विरोध करने वालों की आलोचना

खेर ने अपने भाषण के दौरान, सिनेमाघरों के अंदर राष्ट्रगान को अनिवार्य रूप से बजाए जाने के विचार का विरोध करने वालों की जमकर आलोचना की. अभिनेता ने कहा, ‘कुछ लोगों का मानना है कि राष्ट्रगान के समय खड़े होना अनिवार्य नहीं होना चाहिए, लेकिन मेरे लिए राष्ट्रगान के लिए खड़े होना उस व्यक्ति की परवरिश को दिखाता है.’ खेर ने बताया, ‘हम जिस तरह से अपने पिता या शिक्षक के सम्मान में खड़े होते हैं, ठीक उसी तरह राष्ट्रगान के लिए खड़ा होना अपने देश के प्रति सम्मान को दर्शाता है.’

क्यों हमे कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ी रही है ?

आपको बता दें की पिछले काफी दिनों से देश में राष्ट्रगान को लेकर कई राजनीति क्रिकेट जगत, बॉलीवुड की हस्तियां अपनी राय रख चुकी है। कुछ लोगों का मानना है की राष्ट्रगान को अनिवार्य कर देना चाहिए तो कुछ लोगो ने इसका विरोध किया। यही नही राष्ट्रगान का सम्मान करो इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेनी पड़ी। यहां हम एक बात कहना चाहते है की ये बहुत ही कष्टप्रद बात है आज लोगों को राष्ट्रगान के समय खड़े होने के लिए कोर्ट को कहना पड़ रहा है। क्या हम अपने माता-पिता को प्रणाम करने के लिए किसी की परमिशन लेते है नही ना तो फिर राष्ट्रगान और मिट्टी के सम्मान के लिए क्यों हमे कोर्ट की परमिशन लेनी पड़ रही है। क्या हम इतने कमजोर है की सिर्फ 52 सेकेंड देश के सम्मान के लिेए खड़े नही हो सकते।

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