शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने अपने शुरुआती करियर में बहुत सी फिल्मों में एक क्यूट चॉकलेट हिरो के रुप में नज़र आए. शाहिद कपूर ने कुछ समय बाद ही अपनी इस छवि को बदलाना शुरु कर दिया और आज शाहिद कपूर बेहतरीन कलाकार बनकर बॉलीवुड में आपनी खास जगह बना चुके हैं.
हाल ही में शाहिद कपूर ने अपने बॉलीवुड करियर के दो दशक पूरे किए हैं. साथ ही राज और डीके सीरीज ‘फर्जीं’ (Farzi) में एक ठग के रोल के साथ ओटीटी प्लेटफार्म पर भी शुरआत की. शाहिद ने बॉम्बे टाइम्स (Bombay Times) से अपने 20 के करियर की चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया.
मुझे फिल्मों के साथ ओटीटी में भी उपस्थिति का सौभाग्य मिला
शाहिद कपूर एक एक्टर के रुप में अलग-अलग प्लेटफार्म पर रास्ते तलाश रहे हैं. शाहिद से जब पूछा गया कि फिल्मों और ओटीटी प्लेटफार्म मे दोनों कि तुलना करनी हो तो आप क्या कहेंगे. इसपर शाहिद जवाब देते हैं, ‘’मुझे लगता है कि दो ही प्लेटफार्म कि अपनी एक अलग जगह है. फिल्मों के लिए एक अलग जगह होती है और ओटीटी के लिए भी वही चीज़ लागू होती है. मेरे लिए ये बहुत ही सौभाग्य और खुशी की बात है कि मैं इन दोनों ही प्लेटफार्म का हिस्सा हूं’’.
हर बार क्यूट इंसान बनना थोड़ा उबाऊ है
शाहिद कपूर एक ऐसे एक्टर के रुप में जाने जाते हैं जो की जटिल और त्रुटिपूर्ण रोल करते हैं. शाहिद कहते हैं कि ''कुछ जटिल और चुनौतीपूर्ण रोल करने की इच्छा तो हमेशा से थी. मुझे अपने शुरुआती करियर में ज्यादा अप्शन नही मिले. आप सिर्फ उसमें से ही कुछ बेहतर चुन सकते थे जो आपके सामने हैं. ऐसे रोल करना जिनमे जटिलता हो या कभी-कभी त्रुटिपूर्ण होते हैं ऐसे कैरेक्टर के लिए दर्शकों का संबध या दया करना थोड़ा चुनौतिपूर्ण होता हैं. लेकिन ऐसे लड़के का रोल जो क्यूट सा है कुछ समय बाद उबाऊ हो जाता हैं और मैं उनमें से नही जो अपने पूरे करियर में ऐसे रोल को एंजॉय कर सकूं''.
मैं क्लीशे नहीं बनना चाहता
शाहिद कपूर हमेशा ही अलग तरह के कैरेक्टर की तलाश में रहते हैं. साथ वह बताते हैं कि ‘’मुझे याद हैं मेरे पापा (पंकज कपूर) Pankaj Kapur ने मुझसे कहा था कि अभी तुम ये क्यूट, रोमेंटिक और सब रोल कर लो. जिस दिन तुम एक्टिंग करना शुरु कर दोगे तब ऐसा लगेगा कि शेर के मुह खून लग गया है, फिर तुम्हे बार-बार वैसे ही रोल करने का मन करेगा. जैसा उन्होंने कहा वैसा ही हुआ. 20 साल एक्टिंग करने के बाद मुझे उनकी बात का मतलब समझ में आया.
आगे शाहिद कपूर कहते हैं कि ''हर बार जटिल रोल करने में भी रिस्क हैं. मै सिर्फ एक जैसे रोल नही कर रहा हूं, मुझे कुछ अलग करना हैं. मैं हर बार एक जैसे जोन में रहूंगा तो क्लिच बन जाउंगा. मैरा क्लीशे बनने का कोई इरादा नही है, मैं रह बार बदलता रहना चाहता हूं''.