प्रख्यात वरिष्ठ बॉलीवुड निर्देशक राज कुमार संतोषी, जिनके पास मावरिक माइलस्टोन फिल्मों (जैसे ‘घायल’, अंदाज अपना अपना, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, दामिनी, पुकार आदि) का एक अद्भुत ट्रैक रिकॉर्ड है, पूर्णता के लिए अपने जुनून के लिए जाने जाते हैं. देर शाम, संतोषी ईमानदारी से बता रहे थे कि जब उन्होंने ‘गांधी गोडसे- एक युद्ध’ बनाने का फैसला किया तो ज्यादातर निर्माता उनका समर्थन करने के लिए तैयार नहीं थे. संतोषी ने कहा, “यह संगीत के उस्ताद ए आर रहमान-सर के लिए धन्यवाद था, जो तुरंत मेरे साथ काम करने के लिए तैयार हो गए और उसके बाद ही मैं वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सफल रहा. क्योंकि मेरे पास फिल्म बनाने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे. लगभग एक दशक से, मेरी कोई नई रिलीज नहीं हुई है और जैसा कि ज्ञात है, सिने-उद्योग केवल श्उगते सूरजश् को सलाम करना पसंद करता है.
वहीं मैंने ए आर रहमान के साथ चार फिल्मों में काम किया है. सच कहूं तो ‘उद्धारकर्ता’ रहमान जी, जो मेरी फिल्म के एकमात्र सुपरस्टार हैं, उन्होंने लगभग मुफ्त में मेरी फिल्म की. तीन गाने रिकॉर्ड करने के अलावा, उन्होंने अपनी पहल पर चार अलग-अलग विदेशी देशों में (फिलहारमोनिक) संगीत रिकॉर्ड किया. मेरे वित्त पोषण बजट पर कोई बड़ा बोझ डाले बिना. जैसा कि रहमान-सर के साथ काम कर चुके ज्यादातर लोग जानते होंगे कि उनके लिए रचना करना और गाना ‘इबादत’ (ईश्वरीय प्रार्थना) जैसा है. निर्देशक संतोषी की निष्पक्ष सच्चाई, ईमानदारी और जुनून की दृष्टि की अत्यधिक सराहना करते हुए ए आर रहमान ने सभी सिनेप्रेमियों को सलाह दी कि उन्हें फिल्म ‘गांधी गोडसे एक युद्ध’ को केवल इसके ट्रेलर से नहीं आंकना चाहिए. प्रतिभाशाली संगीतकार-गायक ने अपील की, ष्लोगों को किसी भी निर्णय या टिप्पणी करने से पहले आदर्श रूप से इस अद्भुत फिल्म को सिनेमाघरों में देखना चाहिए.
मनीला (राजकुमार) संतोषी द्वारा निर्मित यह पुरस्कार योग्य फिल्म ‘गांधी गोडसे- एक युद्ध’ कल गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और बाद में शहीद दिवस (30 जनवरी) के साथ शाहरुख खान की बहुप्रचारित फिल्म के खिलाफ है. पठान. भक्ति संगीत स्थितियों (गांधी-जी के पसंदीदा भजन) के साथ पटकथा काल्पनिक विचारोत्तेजक कल्पना के साथ इतिहास को खूबसूरती से मिश्रित करती है - एक बुद्धिमान निष्पक्ष बहस - विचारों का एक मौखिक युद्ध. काल्पनिक परिसरों के आधार पर, कि क्या होता अगर महात्मा गांधी अपने जीवन पर सनसनीखेज हत्या के प्रयास से ‘बच’ जाते. जिसके बाद उन्होंने अपनी व्यक्तिगत विचारधाराओं पर तर्कसंगत बहस चर्चा के लिए न्यायिक पुलिस हिरासत में गोडसे से मिलने का फैसला किया. तनीषा संतोषी, अनुज सैनी और पवन चोपड़ा (पंडित नेहरू के रूप में) द्वारा समर्थित दीपक-भाई अंतानी (गांधी-जी के रूप में) और चिन्मय मंडलेकर (गोडसे के रूप में) अभिनीत इस फिल्म का आत्मा-उत्तेजक संगीत जजस्ट म्यूजिक द्वारा जारी किया जा रहा है. अभिनेता-निर्माता जैकी (वाशु) भगनानी