Snake Venom : बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव का नाम नोएडा में एक ऐसी पार्टी में छापेमारी के दौरान कथित तौर पर बरामद अवैध ड्रग्स से जुड़ा. तब से सोशल मीडिया पर 'रेव पार्टी' शब्द ट्रेड कर रहा है, यहां हम आपको रेव पार्टियों के बारे में सब कुछ बताने वाले है-
रेव पार्टियाँ क्या हैं?
रेव पार्टी का मतलब है एक ऐसी पार्टी जहां हर गैर कानूनी चीजो का इस्तेमाल होता है. इन पार्टियों में इलेक्ट्रॉनिक संगीत शामिल होता है जहां लोग पूरी रात उस संगीत पर नृत्य करते हैं. ये पार्टियाँ आमतौर पर आधी रात के बाद शुरू होती हैं और सुबह तक चलती हैं. इन पार्टियों में लाइव संगीतकार और नर्तक भी शामिल हो सकते हैं. रेव पार्टियों का चलन सबसे पहले 1980 के दशक में भूमिगत पार्टियों के रूप में शुरू हुआ. इन पार्टियों में ज्यादातर हिप्पी या बोहेमियन शामिल होते थे.
क्या रेव पार्टियाँ अवैध हैं?
हालाँकि सभी रेव पार्टियाँ अवैध नहीं हैं, लेकिन जो गतिविधियाँ होती हैं वे अधिकतर गैरकानूनी होती हैं. रेव पार्टियों में अक्सर कोकीन, पार्टी ड्रग या एमडीएमए, एमडी, एलएसडी, जीएचबी, कैनबिस, हशीश, केटामाइन, एम्फ़ैटेमिन और मेथमफेटामाइन सहित बहुत सारी दवाएं शामिल होती हैं.
रेव पार्टियों में साँप के जहर की भूमिका
इन दिनों रेव पार्टियों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवाएं सांप के काटने और जहर में शामिल हैं. सर्पदंश अनिवार्य रूप से मॉर्फिन और कोकीन जैसी के समान उत्तेजक के रूप में कार्य करता है.
फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी के एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग सांप के जहर का विकल्प चुनते हैं, उन्होंने आमतौर पर पहले विभिन्न मनोवैज्ञानिक पदार्थों की कोशिश की है. युवा अधिकतर लंबे समय तक 'उच्च' बनाए रखने के लिए सांप के जहर को पसंद करते हैं.
साँप के जहर का असर
इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी के अध्ययन में यह सामने आया कि स्पाइनी-टेल्ड छिपकलियों के जले हुए शवों, जहरीले शहद, स्पेनिश मक्खियों और कैंथराइड्स का इस्तेमाल रेव पार्टियों में डोपिंग के मकसक के लिए भी किया जाता है. जर्नल में यह भी बताया गया कि ज्यादातर लोग लंबे समय तक नशे में रहने के लिए रेव पार्टी में सांप के जहर का नशा करते हैं. इतना ही नहीं इस अध्ययन में इस नशे को करे का तरीका भी बताया गया है.
'इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी' के रिसर्च पेपर में यह बताया गया कि सांप के जहर का नशा करने के लिए लोग आमतौर पर सांप को अपने होंठ के पास रखकर खुद को कटवाते हैं. इसके अलावा इसका नशा करने के लिए लोग खुद को होंठ, जीभ या कान के लोब पर भी सांप से डसवाते हैं.