Raj Kapoor Haweli In Pakistan: बॉलीवुड में कपूर फैमिली को को नहीं जानता है. 90 के दशक में राज कपूर बॉलीवुड में बोलबाला था. उन्होंने कई ऐसी अपनी शुरूआती फ़िल्मों से लेकर प्रेम कहानियों को मादक अंदाज से परदे पर पेश करके उन्होंने हिंदी फ़िल्मों के लिए रास्ता तय किया, राज कपूर (raj kapoor) की फ़िल्मों की कहानियां आमतौर पर उनके जीवन से जुड़ी होती थीं और अपनी ज्यादातर फ़िल्मों के मुख्य नायक वे खुद होते थे.
आपको बता दें कि कपूर फैमिली की सिर्फ मुंबई में ही जायदाद नहीं है बल्कि राज कपूर की एक हवेली पाकिस्तान (pakistan) में भी है. भारत विभाजन के दौरान हवेली के लिए वो कुछ जकर नहीं पाए. हालांकि उन्होंने वो हवेली बेचीं भी नहीं. लेकिन पाकिस्तान में कई लोगो ने हवेली पर अपना मालिकाना हक़ ज़ाहिर किया था .इस हवेली को गिराने के लिए कुछ दिनों पहले एक याचिका दायर की गई थी, जिसे अब पाकिस्तानी कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पेशावर हाईकोर्ट में जस्टिस इश्ताक इब्राहिम और अब्दुल शकूर की बेंच ने बीते सप्ताह हवेली के मालिकाना हक वाली याचिका को खारिज कर दिया.
कपूर खानदान के लिए ख़ास है हवेली
कपूर खानदान के लिए ये हवेली बहस ख़ास है क्योंकि दरअसल, इसी हवेली में राज कपूर और उनके अंकल त्रिलोक कपूर का जन्म हुआ था. इसलिए कपूर खानदान ने अभी तक इस हवेली को बेचने की कोशिश नहीं की.इस हवेली को पृथ्वीराज कपूर यानी की राज कपूर के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने बनवाया था. उनके दादा पेशे से पुलिस थे. साल 1918 में इस हवली को बनवाया था. साथ ही 90 के दशक में ऋषि (rishi kapoor) और रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) इस हवेली को देखने भी गए थे.
दरअसल याचिका लगाने वाले सईद के वकील खत्ताक ने कोर्ट में दावा किया कि पाकिस्तान के किसी भी डिपार्टमेंट के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि राज कपूर या उनका परिवार कभी इस हवेली में रहे थे । हालांकि, कोर्ट ने फिर भी मामला सिविल कोर्ट में ले जाने की बात कही.
प्रांतीय पुरातत्व विभाग ने 2016 में एक अधिसूचना के माध्यम से कपूर हवेली को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था. बता दें कि इससे पहले पेशावर स्थित दिलीप कुमार की हवेली के अधिग्रहण की याचिका को भी इससे पहले खारिज कर दिया गया था. दिलीप साहब की हवेली किस्सा ख्वानी बाजा में स्थित है.