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अमिताभ बच्चन को "भारत रत्न" क्यों नहीं?

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By Sharad Rai
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अमिताभ बच्चन को "भारत रत्न" क्यों नहीं?

1954 में जब देश के सर्व श्रेष्ठ सम्मान "भारत रत्न" की घोषणा भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने किया था तब उद्देश्य था बिना जाती पाती, भेदभाव, लिंग या वैमनष्य के किसी क्षेत्र विशेष में व्यक्ति विशेष को उसके उच्च योगदान के लिए सम्मानित किया जाए। उसका कार्य खेत्र कला, विज्ञान, राजनीति, संगीत, समाज सेवा, खेल जगत या जो हो उसने विशेष कार्य किया हो। कला जगत से जुड़े लोगों में  पहला सम्मान मिला था गायिका एम एस सुब्बुलक्ष्मी को, कर्नाटक संगीत में उनके कार्य के लिए। 

देश के सर्व श्रेष्ठ नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से विभूषित होने वाली शख्सियतों में 48 लोगों का नाम शामिल है। सिनेमा से जुड़े नामों मे स्वर साम्रगी लता मंगेशकर को यह सम्मान 2001 में तथा पिछला भारत रत्न सम्मान स्व. भूपेन हजारिका को (असमी म्यूजिक के लिए) मरणोपरांत दिया गया है। खेल जगत में सचिन तेंदुलकर को 2014 में सबसे कम उम्र में 'भारत रत्न' सम्मान से नवाजा गया है। हैरानी होती है 81 वर्ष की उम्र  (जन्म 11 दिसंबर 1942) होने तक सदी के महानायक अमिताभ बच्चन पर किसी की नजर नहीं पड़ी !!

पिछला 'भारत रत्न' सम्मान 2019 में दिया गया था तब सम्मानित विभूतियों के नामों में सामाजिक जीवन से नाना जी देशमुख और भूपेन हजारिका (मरणोपरांत) तथा राजनीति से प्रणव मुखर्जी को यह सम्मान प्रदान किया गया था। उस समय बॉलीवुड से अमिताभ बच्चन को यह सम्मान क्यों नहीं, यह सुगबुगाहट रही थी। अब सीनियर बच्चन के 81 वें जन्मदिन पर उनको मिले पुरस्कारों की लिस्ट खंगाली जा रही है तो पुरस्कारों की लिस्ट उनकी उम्र से बड़ी हो चली है।

देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान में "पद्म" सम्मानों में उन्हें तीनो केटेगरी में पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण मिल चुके हैं। तीन बार नेशनल अवार्ड, 12 बार फिल्म फेयर अवार्ड (सबसे अधिक), कई बार लाइफ टाइम अवार्ड, 5 बार अलग अलग यूनिवर्सिटियों से डॉक्टरेट की उपाधि, विदेशों से अनेकों बार सम्मान उनको मिलते रहते हैं। लोगों का मानना है कि किसी भी सम्मान से अमिताभ सम्मानित नही होते बल्कि सम्मान अमिताभ से सम्मानित होता है।

सम्मान दिए जाने की फेहरिस्त में सभी आदरणीय होते हैं। यह सम्मान किसे दिया जाए इसपर कोई वोटिंग या दूसरा कोई विधान नही है।प्रधान मंत्री राष्ट्रपति से अनुशंसा करते हैं। एक साल में 3 से अधिक लोगों को 'भारत रत्न' नहीं दिया जाता और हर साल दिया जाए यह भी कोई नियम नहीं है। एक ताम्रपत्र पर स्वर्णिम आभा में देवनागरी भाषा में "भारत रत्न" लिखा होता है। देश के इस सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान के साथ कोई धन दिए जाने की औपचारिकता भी नही होती।बेशक यह सेवा का सम्मान है। जहां तक अमिताभ बच्चन की बात है वह सिनेमा के ऐसे एक मात्र रत्न हैं जो सदी के महानायक की उपाधि से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। कहते हैं- गिनती में  एक से सौ तक अमिताभ हैं, ना कोई आगे ना कोई  पीछे।उनके माथे पर जड़े मुकुट में सिर्फ एक ही रत्न की कमी है 'भारत रत्न' !! 'मायापुरी' अपील करती है सिनेमा के इस सिकंदर को (भले ही नियमों में बदलाव क्यों न करना पड़े) "भारत रत्न" की उपाधि से सम्मानित किया जाना चाहिए।

81 वें जन्मदिन पर महानायक को  बधाई!!!

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