इस विमेन 's डे पर बॉलीवुड की ट्रेंड सेटर स्त्रियों का जिक्र किया गया, जो ग्लैमर की दुनिया मेंअपने अपने क्षेत्रों के हीरो है। इन मल्टीफेसटेड महिलाओं ने रूढ़ियों को दरकिनार करते हुए अपने स्वयं के प्रोफेशनल और व्यक्तिगत नियम बनाए। ★सुलेना मजुमदार अरोरा★
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। लेकिन सिर्फ इसे मनाना ही काफी नहीं बल्कि हमें इन महिलाओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन पर भी इसे लागू करना चाहिए। क्योंकि बॉलीवुड का प्लैटफॉर्म एक सशक्त माध्यम है इसलिए यह प्रभावशाली महिलाएँ उल्लेख योग्य हैं।
एकता कपूर
--- बड़ी स्क्रीन हो या छोटी, एकता कपूर ने दोनों पर अपनी मौजूदगी की मुहर लगा दी है लेकिन उन्हें इस दौरान प्रशंसकों और आलोचकों की तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना हमेशा करना पड़ा। उनके कंटेंट्स कभी-कभी बहुत ही रेग्रेसिव और कभी-कभी प्रोवोकेटिव होने के कारण आलोचनात्मक भी बनी रही, हालांकि फिर भी उन्हें सफलता हासिल करने से कोई ना रोक सका और वे इस पुरूषप्रधान इंडस्ट्री के बोर्ड में, जहाँ हमेशा पुरुषों की ही आवाज़ गूँजती रही है, वहां साल दर साल नारी शक्ति की धार पर ताकतवर होती गयी। उन्होंने 1994 में बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड की स्थापना की और तब से, एक शानदार फिल्म एंड टीवी प्रोग्राम्स निर्माता और अपनी कंपनी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एंड क्रिएटिव हेड बन गए। उन्होंने 2002 में बालाजी मोशन पिक्चर्स और अप्रैल 2017 में एएलटी बालाजी की स्थापना की।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, एकता अपने वंश की प्रसिद्धि से भी आगे बढ़ गई है और आज सिर्फ अभिनेता जीतेन्द्र की बेटी के रूप में नहीं जानी जाती है बल्कि विश्व की सफलतम स्त्रियों में से एक मानी जाती हैं। वे अब एक पाथ ब्रेकर, पथ-प्रदर्शक, स्टार मेकर है, जो अपनी शर्तों पर काम करती है।
ट्विंकल खन्ना
स्टार-बेटी या स्टार-वाइफ के लेबल से इन्हें आँका नहीं जाता है क्योंकि ट्विंकल खन्ना एक अच्छी अभिनेत्री, एक बेहतरीन लेखक, अखबार के स्तंभकार, इंटीरियर डिजाइनर और फिल्म निर्माता के रूप में स्थापित है। उन्होंने अपनी रचनात्मक विकल्पों को पूरा करने के लिए अभिनय करियर को भी त्याग दिया। 2015 में, उनकी पहली गैर-फ़िक्शन किताब, 'मिसेज फनीबोन्स: शीज़ जस्ट लाइक यू एंड ए लॉट लाइक मी' एक बेस्टसेलर बन गई, और उनकी दूसरी किताब, 'द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद,' ने सोशल एंटरप्रेन्योर अरुणम मुरुगनंथम की बायोपिक 'पैड मैन' को भी प्रेरित किया। उनका प्रोडक्शन हाउस, 'मिसेज फनीबोन्स मूवीज' 2016 में स्थापित किया गया था।
उनके पहले उपन्यास, 'पजामास आर फॉरगिविंग' ने उन्हें 2018 में भारत में सबसे अधिक बिकने वाली महिला लेखक घोषित किया। 2019 में, ट्विंकल खन्ना ने महिलाओं के लिए एक द्विभाषी डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'ट्वीक इंडिया' भी लॉन्च किया, जिससे यह साबित हो गया कि वे उनमें से है जो हमेशा अपने अंतरमन की आवाज को सुनती है और एक ऐसा जीवन जीने में विश्वास करती है जो रचनात्मकता में समृद्ध है।
दीपशिखा देशमुख:
2001 में फ़िल्म 'मुझे कुछ कहना है' के सेट पर कॉस्ट्यूम असिस्टेंट के रूप में शुरुआत करते हुए, दीपशिखा देशमुख ने अपनी फैमिली हेरिटेज प्रोडक्शन हाउस 'पूजा एंटरटेनमेंट' के साथ, मार्केटिंग, रणनीति बनाते और प्रोडक्शन के प्रयासों का नेतृत्व करते हुए ख्याति अर्जित की।
ऐश्वर्या राय बच्चन और रणदीप हुड्डा अभिनीत, समीक्षकों द्वारा खूब प्रशंसित फिल्म 'सरबजीत' के साथ उन्होंने 2016 में एक निर्माता के रूप में शुरुआत की। एक निर्माता, एक माँ, और एक गृहिणी के रूप में अपनी भूमिकाओं को लगातार संतुलित करते हुए, उन्होंने अपने क्षितिज का विस्तार करना जारी रखा है और यहां तक कि 'लव ऑर्गेनिक' नामक एक प्राकृतिक स्किनकेयर ब्रांड की भी उन्होंने नींव डाली। पिछले साल, 'पूजा एंटरटेनमेंट' के बिग-बजट प्रोडक्शन, 'बेलबॉटम' को, इस कोरोना पेंडमिक काल में भी दो एक्सटेंडेड आउटडोर शूटिंग शेड्यूल के साथ स्टार्ट-टू-फिनिश शूट पूरा करने का रेकॉर्ड बनाया। वे टाइगर श्रॉफ अभिनीत एक एक्शन थ्रिलर 'गणपत' की भी निर्माता हैं और आगे भी कई कई और नए रचनात्मक क्षेत्रों को चार्टर करना जारी रखेंगी।
सुष्मिता सेन
सुष्मिता सेन ने एक आकर्षक जीवन जीया है, लेकिन उन्होंने इसे कभी भी ग्रांटेड नहीं लिया। सभी भविष्यवाणियों को धता बताते हुए उन्होंने 1994 में फेमिना मिस इंडिया का खिताब हासिल किया और फिर 18 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली वे पहली भारतीय बनी। एक सफल अभिनेत्री होने के अलावा, उन्होंने 2000 और 2010 में दो बच्चियों को गोद लेकर एक सामाजिक चेंजमेकर के रूप में अपनी स्पष्ट बात दुनिया के सामने रखी। 2014 में वे 'एडिसन' रोग से पीड़ित हुई , यह बीमारी एक ऐसी स्थिति है जो शरीर की एड्रेनल ग्रंथि को प्रभावित करती है, लेकिन उन्होंने हिम्मत से स्वास्थ्य के लिए अपनी लड़ाई लड़ी और 2020 में ओटीटी की हिट श्रृंखला 'आर्या' के साथ अभिनेता के रूप में वापसी की। चाहे उनका व्यक्तिगत जीवन हो या प्रोफेशनल जीवन, सुष्मिता ने हमेशा बेमिसाल डिग्निटी और गरिमा के साथ अपनी लड़ाई जीती है।
करीना कपूर:--
करीना कपूर खान ने साबित कर दिया है कि फिल्म उद्योग में दो दशक से अधिक समय तक जमकर टिके रहने और पनपने के लिए सिर्फ एक प्रसिद्ध खानदान की बेटी होने से भी ज्यादा और बहुत कुछ होना पड़ता है। यहां तक कि छह फिल्मफेयर अवार्ड्स हासिल कर लेने के बाद भी उनका तेजी से आगे बढ़ते जाने की गति मन्द नहीं पड़ी और आज भी वे वह बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई करने वाली चोटी की नायिका हैं।
2000 में फ़िल्म रिफ्यूजी' से डेब्यू करते हुए फ़िल्म 'अशोका’, 'कभी खुशी कभी गम', 'चमेली' 'देव', 'ओमकारा' 'जब वी मेट', 'कुर्बान' 'हीरोइन' 'उड़ता पंजाब', '3 ईडियट्स', 'वीरे दी वेडिंग' जैसी फिल्मों में उनकी बहुमुखी प्रतिभा और स्टार पावर की स्थापना हुई। उनके ऑफ-स्क्रीन जीवन ने भी प्रशंसकों और पॉपुलर कल्चर को मोहित किया है और उन्होंने हमेशा निडरता के साथ अपने प्रत्येक व्यक्तिगत निर्णय लिए हैं। इस फ़िल्म उद्योग में, जहां सौंदर्य से सभी ऑब्सेस्ड रहतें हैं, करीना ने इन मानदण्डों को बदलते हुए, ऐसी सोच पर ध्यान दिए बिना दो बार गर्भधारण भी किया और उस दौरान लगातार काम भी करती रही। अब वे महिलाओं को यह बताने के लिए एक किताब लिख रही है कि उसने यह सब कैसे किया। करीना 2014 से यूनिसेफ के साथ जुड़कर लड़कियों की शिक्षा की वकालत भी करती रही है।