World Environment Day 2020 :पर्यावरण सुरक्षा के लिए भूमि पेडनेकर ने शूरू की नई पहल , OneWishForEarth कैंपेन के साथ जुड़े कई बॉलीवुड स्टार्स
आज विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2020) है। बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर कई सालों से पर्यावरण संरक्षण को लेकर मुहिम चलाती रही हैं। लॉकडाउन के बीच भूमि OneWishForEarth कैंपेन लेकर आई हैं। भूमि पेडनेकर की इस पहल में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अनुष्का शर्मा, आयुष्मान खुराना ,अर्जुन कपूर और करण जौहर भी सपोर्ट कर रहे हैं। इन सभी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो और संदेश पोस्ट कर पृथ्वी के लिए एक विश शेयर की है।
OneWishForEarth कैंपेन
बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो साझा करते हुए कहा ,'पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की बात करें तो क्लाइमेट वॉरियर एक छोटे से कैंपेन– ‘वन विश फॉर द अर्थ’ की शुरुआत है। मौजूदा हालात में क्लाइमेट क्राइसिस की वजह से कई तरह की समस्याएं पैदा हुई हैं, जिनका सामना आज पूरी दुनिया को करना पड़ रहा है। मैं चाहती हूं देश का हर नागरिक क्लाइमेट वॉरियर बने और एक ऐसी समस्या को दूर करने में साथ मिलकर काम करे, जो हमारे आने वाली जनरेशन्स के लिए एक बड़ा खतरा है।
OneWishForEarth कैंपेन से जुड़े हैं कई सेलेब्रिटीज़
बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर करण जौहर ने अपने मैसेज में जल संरक्षण की बात कही है। इसके लिए उन्होंने लियोनार्दो दा विंची के कथन का प्रयोग किया है- पानी प्रकृति की सभी चीजों को चलाने वाली शक्ति है। मेरी विश है कि पानी का संरक्षण किया जाए और जल संसाधनों को बचाकर रखा जाए। इसके लिए मैं अपने स्तर पर काम कर रहा हूं और बच्चों को भी यही सिखा रहा हूं।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर कही ये बात
हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में भूमि पेडनेकर ने बताया , मेरी इस पहल का मकसद ही यही है कि हर नागरिक व्यक्तिगत तौर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम रोल निभाए। सरकार की आलोचना करना आसान है, मगर व्यक्तिगत तौर पर हम क्या कर रहे हैं? अभी भी बेहिसाब प्लास्टिक यूज कर ही रहे हैं। हम लोग इतना खाना, बिजली वेस्ट कर रहे हैं। पहले यह तो स्वीकारा जाए कि क्लाइमेट बदल रहा है। ग्लोबल वॉर्मिंग हो रही है। नेशनल लेवल पर कौन इस मुद्दे पर बात करता है?
भूमि ने आगे कहा ,हिंदुस्तान की कई समस्याओं के समाधान पर्यावरण संरक्षण में छिपे हुए हैं। मेरी कोशिश यह है शहरों के जो नेचुरल रिसोर्सेज एब्यूज करने वाले लोग हैं, उनकी सोच बदले। वह बेपरवाह हैं, क्योंकि उनकी लाइफ में कभी असुविधा नहीं हुई। कभी उन्हें कोसों दूर जाकर पानी नहीं लाना पड़ा। कभी घंटों बिजली के लिए नहीं तरसना पड़ा।
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