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बिजनेस बढ़ाने के लिए भारत में देसी भाषाओं पर बड़ा दांव लगा रहा है यूट्यूब

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By Sangya Singh
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बिजनेस बढ़ाने के लिए भारत में देसी भाषाओं पर बड़ा दांव लगा रहा है यूट्यूब

यूट्यूब भारत में बिजनेस बढ़ाने के लिए देसी भाषाओं पर दांव लगा रहा है। इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में यूट्यूब में एशिया पैसिफिक के कंटेंट क्रिएटर मार्क लेफ्कोविट्ज ने कहा कि कंपनी को अगले साल तक मराठी, तमिल, तेलुगु और बंगाली भाषाओं के कंटेंट में 40 पर्सेंट ग्रोथ की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि भारत में हर महीने 24.5 करोड़ यूजर्स यूट्यूब देखते हैं। कंपनी के लिए 60 पर्सेंट ग्रोथ नॉन-मेट्रो शहरों से आ रही है।

हमें यहां जबरदस्त ग्रोथ मिली

उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ साल में हमें यहां जबरदस्त ग्रोथ मिली है। 2014 में हमारे पास सिर्फ 16 ऐसे क्रिएटर्स थे, जिनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 10 लाख तक पहुंची थी। आज हमारे पास ऐसे 300 क्रिएटर्स हैं। हर हफ्ते 3 क्रिएटर्स हमारे प्लेटफॉर्म पर 10 लाख सब्सक्राइबर्स के माइलस्टोन तक पहुंच रहे हैं। हमारे पास 2500 क्रिएटर्स ऐसे हैं, जो रोजाना 1,000 सब्सक्राइबर्स हासिल कर रहे हैं।

कंटेंट में 4 गुना ग्रोथ देखी

भारत में काफी शानदार ग्रोथ रही है। हमने यहां कंटेंट में 4 गुना ग्रोथ देखी है। इनमें से हिंदी और इंग्लिश के अलावा दूसरी भाषाओं में भी काफी ग्रोथ देखने को मिली है।' एशिया पैसिफिक में यूट्यूब के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला मार्केट है। इसके 90 पर्सेंट यूजर्स मोबाइल पर यूट्यूब देख रहे हैं। लेफ्कोविट्ज ने कहा, 'मोबाइल ने भारत में काफी लंबी छलांग लगाई है। हम यहां निवेश बढ़ा रहे हैं। भारत के 95 पर्सेंट कंज्यूमर्स स्थानीय भाषाओं में कंटेंट देख रहे हैं।'

दिल्ली-एनसीआर में खोला गया दूसरा पॉप-अप स्पेस

यूट्यूब ने गुरुवार को भारत में अपने दूसरे पॉप-अप स्पेस से पर्दा हटाया था। इसे दिल्ली-एनसीआर में खोला गया है। इसके जरिए यूट्यूब क्रिएटर्स को कंटेंट बनाने के लिए कुछ निश्चित जगहों को इस्तेमाल करने की सुविधा दे रही है। पॉप-अप स्पेस में यूजर्स को फ्री में थीम बेस्ड प्रॉडक्शन सेट्स और प्रॉडक्शन इक्विपमेंट मिलते हैं, जिससे वे अपने यूट्यूब चैनल के लिए ओरिजिनल कंटेंट प्रोड्यूस कर सकें।

पहली बार पिछले साल हैदराबाद में लॉन्च किया गया

यूट्यूब ने कहा कि पॉप-अप स्पेस कंपनी की तरफ से ग्लोबल लेवल पर उठाया गया एक कदम है, जो कंटेंट क्रिएटर्स की ग्रोथ और डिवेलपमेंट पर फोकस करता है। यह 'लर्न, कनेक्ट और क्रिएट' मॉडल पर आधारित है। भारत में इसे पहली बार पिछले साल हैदराबाद में लॉन्च किया गया था।

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