एंटरटेनमेंट, मसाला, रोमांस के अलावा एक अच्छी सामाजिक और साहसी फिल्मों की इंडस्ट्री को बेहद जरुरत है क्योंकि आज के दौर में सिर्फ सिनेमा ही है जो इंसान और समाज के नजरिये को बदलने की ताकत रखती है और उन मुद्दो पर बात करती है जिस पर कोई भी खुलकर बात नहीं करना चाहता। इसलिए मेरी सभी फिल्में देश में हिंदू मुस्लिम के रिश्तों के बदलावों और कट्टरता पर कड़ी चोट से जुड़ी रही हैं, ऐसा 31 मई को रिलीज़ होने वाली फिल्म नक्काश के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर जैगम इमाम ने प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा। प्रेस वार्ता में मौजूद मुख्य भूमिका में एयरलिफ्ट, जॉली एलएलबी 2 जैसी फ़िल्मों में लोहा मनवा चुके एक्टर इनामुलहक़ ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण है, और समाज में सुधार लाने के लिए इसे एक बेहतर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रेस वार्ता के दौरान नक्काश फिल्म के डायरेक्टर जैगम इमाम ने फिल्म के प्लाट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म “नक्काश” बनारस में रहने वाले एक मुस्लिम कारीगर अल्लाह रक्खा की कहानी है जो मंदिरों के गर्भगृह बनाने का काम करता है। फिल्म 'नक्काश' मानवता के प्रति प्रेम की विशिष्टता और उसकी उदारता को परिभाषित करती हैं। 'नक्काश' सबसे बड़े धर्म प्यार की बात करती है और धर्म की श्रेष्ठता की आपसी दौड़ के सिद्धांत को नहीं मानती है। गौरतलब है कि जैगम इमाम की यह तीसरी फिल्म है, इससे पहले वह दोज़ख व अलिफ़ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं जिसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में काफी सराहना मिल चुकी है।
समाज को बदलने की शक्ति रखता है सिनेमा: जैगम इमाम
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