रमजान से जुड़ी प्यारी यादें साँझा कर रहे है ZEE थिएटर के सितारे By Sulena Majumdar Arora 23 Apr 2023 | एडिट 23 Apr 2023 10:30 IST in ताजा खबर New Update Follow Us शेयर ज़ी थिएटर के प्रसिध्द टीवी स्टार्स वकार शेख, शाहबाज़ खान और ज़ाकिर हुसैन कैसे मना रहे हैं रमज़ान का पवित्र महीना, आइए जानते हैं रमजान का पवित्र महीना 21 अप्रैल को ईद-उल-फितर के जश्न के साथ समाप्त होगा और ज़ी थिएटर के कलाकारों वकार शेख, शाहबाज़ खान और ज़ाकिर हुसैन के लिए उपवास और प्रार्थना का यह समय बहुत खास है। वकार शेख, ज़ी थिएटर के प्ले 'कासगंज' में अभिनय करने वाले वकार का कहना है कि उन्होंने 14 साल की उम्र में 'रोज़ा' रखना शुरू कर दिया था और अपनी छावनी में ही सपरिवार ईद मनाते थे क्योंकि उनके पिता सेना में थे। वह याद करते हैं, “यद्यपि एक किशोर के रूप में पूरे दिन का उपवास करना कठिन था, फिर भी शाम को इफ्तार के दौरान स्वादिष्ट भोजन की कल्पना मुझे प्रेरित करती थी । साथ ही मेरे दादाजी मुझे हर दिन एक रुपया देते थे रोज़ा रखने के इनाम के रूप में और यह अभी भी मेरी पसंदीदा यादों में से एक है।" वकार अब रमज़ान के गहरे महत्व को समझते हैं और कहते हैं, "यह समय आपको आत्म-अनुशासन सिखाता है , भूख की तीव्रता को भी समझाता है और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना भी सिखाता है। रमज़ान खुद को शुद्ध करने का भी समय है जब हम किसी के बारे में बुरा नहीं बोलने , ईर्ष्या इत्यादि से परहेज़ करके करुणा करने और कृतज्ञता के साथ जीने का प्रयास करते हैं ।" वकार अक्सर रमज़ान के दौरान शूटिंग करते हैं और कहते हैं , "भूख और प्यास के बीच लंबे संवाद बोलना चुनौतीपूर्ण जरूर हो सकता है, लेकिन मैं अब ऐसा कर पाता हूं। मैं सुबह 'सेहरी' और 'इफ्तार' के दौरान अपने परिवार के साथ समय बिताने की भी कोशिश करता हूं। शाम को घर पर, हम सभी मिल्कशेक, जूस, समोसे, कबाब, बिरयानी, शीर खुरमा और फ्रूट चाट बनाने में जुट जाते हैं। यह पारिवारिक समय मेरे लिए रमज़ान का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। इस साल हालांकि उत्सव का उत्साह थोड़ा कम होगा क्योंकि मैंने पिछले साल अपने पिता को खो दिया और यह उनके बिना हमारी पहली ईद होगी।" शाहबाज़ खान ज़ी थिएटर के टेलीप्ले, 'दाग-ओ-हिजाब' में दाग़ देहलवी की भूमिका निभाने वाले शाहबाज़ खान के पास रमज़ान से जुड़ी कई बचपन की यादें हैं और वे कहते हैं, "बचपन में मैं उस 'सेहरी' का इंतज़ार करता था जिसे मेरी माँ खास बनाया करती थी अपनी उपस्थिति और अपने हाथ के बने पकवानों से । अब रमज़ान मेरे लिए आत्मनिरीक्षण का महीना बन गया है। उपवास हमें सिखाता है कि भूख क्या है और आप महसूस करते हैं कि आपकी कमाई का थोड़ा सा हिस्सा भी किसी ज़रूरतमंद के जीवन को हमेशा के लिए बदल सकता है। यह एक ऐसा समय है, जब मन, शरीर और आत्मा को पवित्र किया जाता है, ईश्वर के साथ एक गहरा बंधन बनाया जाता है और एक बेहतर इंसान के रूप में विकसित होने का प्रयास किया जाता है। इस साल हमेशा की तरह, मैं परिवार और दोस्तों के साथ ईद मनाऊँगा." ज़ाकिर हुसैन ज़ी थिएटर के टेलीप्ले 'राजदर्शन' और 'बाकी इतिहास' में अभिनय करने वाले ज़ाकिर हुसैन कहते हैं, "रमज़ान आपके मन और शरीर को संतुलित करता है और भोजन के हर निवाले की कद्र करना सिखाता है। मुझे 'रोज़ा' रखते समय व्यस्त रहना पसंद है, क्योंकि काम करते हुए आप भूख या प्यास से विचलित नहीं होते । मैं इस साल भी फुर्सत के पलों में अपने अपनों के साथ ईद मनाने और खीर और सेवईयों का आनंद लेने के लिए उत्सुक हूं। मैं उपवास के इस महीने के दौरान सीखे गए आध्यात्मिक मूल्यों को भी आत्मसात करने की कोशिश करता हूं ताकि आगे जाकर वे हर दिन मेरे साथ रहें।" #ramzan #Zee Theater हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article