शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'जीरो' पर चल रहे विवाद के बीच आज बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया है कि फिल्म जीरो की जांच कर रिपोर्ट 18 दिसंबर से पहले सौंप दी जाए। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सिख सुमदाय द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि CBFC फिल्म ‘जीरो’ की ठीक से जांच करे।
गौरतलब है कि बीते दिनों ‘जीरो’ का ट्रेलर रिलीज होते ही शाहरुख की यह फिल्म विवादों में भी आ गई है। ट्रेलर में गत्र कृपाण वाले सीन पर पहले दिल्ली के सिख सुमदाय ने अपनी आपत्ती दर्ज की थी, इसके बाद देश के अलग-अलग जगह सिख समुदाय ने जीरो को लेकर विरोध जताया है। हाल ही में सिख समुदाय ने बॉम्बे हाई कोर्ट में शाहरुख खान सहित फिल्म के मेकर्स के खिलाफ उनकी भावना आहत करने पर रिट याचिका दायर की थी।
इससे पहले दिल्ली के सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आरोप लगाया कि फिल्म के मेकर्स ने सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इसके खिलाफ कमेटी ने दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। कमेटी के महासचिव और बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि उनको सिख संगत से बहुत बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें आनंद एल. राय की निर्देशित फिल्म ‘जीरो’ के प्रोमो के कारण सिक्ख भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कही गई है।
इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में भी ‘जीरो’ के खिलाफ याचिका दर्ज की गई। अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि इस पर CBFC 18 दिसंबर तक अपनी जांच पूरी करे। बता दें कि गौरतलब है जीरो के प्रोमो में शाहरुख खान ने कृपाण डाली हुई है और इस कारण ही विश्व भर में सिखों में गुस्से की लहर दौड़ गई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि सिख धर्म के अनुसार अमृतधारी व्यक्ति ही कृपाण धारण कर सकता है।
उन्होंने मांग की है कि इस खिलवाड़ पर फिल्म के मुख्य कलाकार शाहरुख खान सहित निर्माताओं पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने फिल्म का प्रोमो भी तत्काल रुकवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिख ऐसीं शरारत भरी हरकतें न फिल्मों में और न ही असली जीवन में कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते। फिल्म जीरो 21 दिसबंर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।