कोरोना के डर से लोगों ने घर को मस्जिद बनाया By Mayapuri Desk 13 May 2021 | एडिट 13 May 2021 22:00 IST in TC_login New Update Follow Us शेयर जब मैं यह लेख लिख रहा हूं, तो मुझे अपनी खिड़की के बाहर एक मस्जिद सुनसान दिखाई दे रही है। नमाज़ पढ़ने के लिए कोई नहीं है, रंग-बिरंगे कपड़ों में भी कोई नहीं है, एक-दूसरे को ईद मुबारक की बधाई देने वाला भी कोई नहीं है, मस्जिद के बाहर माल पुआ, शीर खोरमा और अन्य व्यंजन खरीदने वाले मिठाइयाँ बेचने वाली भी कोई दुकान नहीं खुली है। जिस स्थान पर सैकड़ों लोग ईद मनाने और जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुआ करते थे, वहां अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी खतरनाक किस्म की बंदूकों के साथ घूम रहे हैं। ये किस दुनिया में रह रहे हैं हम? अली पीटर जॉन केवल दो साल पहले तक, यह दृश्य धर्मनिष्ठ मुस्लिमों और अन्य community के लोगों से भरा हुआ हुआ करता था और सभी लोगों में शांति और खुशी फैली होती थी। और मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में जिस तरह से ईद मनाई जाती थी वेसी ईद कहीं भी मनाई नहीं गई थी। समारोह की शुरुआत सुबह सबसे पहली अज़ान के साथ होती थी जब पुरुष और बच्चे अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनते थे और सभी अग्रणी और उत्साही लोगों के साथ त्यौहार मनाते देखे जाने वाले प्रमुख अग्रणी सितारों में दिलीप कुमार, जॉनी वाकर, के.असिफ, महमूद और हिन्दुओं में राज कपूर और देवानंद जैसे स्टार्स और कई अन्य लोग भी शामिल हुआ करते थे। फिल्म उद्योग ने दिखाया कि कैसे हम सभी एक देश ‘भारत’ के थे, बिना किसी के प्रति किसी भी भावना के एक साथ थे।यह एक राष्ट्रीय पर्व था जिसका बेसब्री से इंतजार रहता था। चांद का इंतजार सभी धर्मों के लोगों ने किया और जब उसे देखा तो उनकी खुशी दोगुनी हो जाती थी। और अभी देखो, ईद का माहौल कितना बदल गया है, डर के मारे लोग मस्जिद तो क्या कहीं भी जाने के लिए बाहर नहीं निकल रहे और लोग ईद मुबारक की शुभकामनाएं एक दुसरे को मोबाइल्स पे भेज रहे हैं। आम तौर पर लोगों को ईद की शुभकामनाएं देने वालों में अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन, शाहिद कपूर और उनकी पत्नी मीरा कपूर, सुष्मिता सेन, भूमि पैडनेकर, ईशा कोप्पिकर, इमरान हाशमी, सुज़ैन खान और पुरानी पीढ़ी में से केवल सायरा बानो थीं, जिन्होंने एक संदेश में कहा था, “हम बहुत खतरनाक समय से गुजर रहे हैं, लेकिन अल्लाह हमें देखेगा और हम सभी फिर से ईद ऐसे मनाएंगे जैसे इसे मनाया जाना चाहिए।” सायरा को अपने भावनात्मक संदेश को भेजने का समय मिला, जो 99 साल के दिग्गज दिलीप कुमार की देखभाल कर रही हैं, जो एक समय ईद या किसी अन्य त्योहार का मुख्य आकर्षण हुआ करते थे। जाने कहां गए वो दिन, आज कल तो दिन और रात में फर्क महसूस नहीं होता, दिन भी अँधेरे में बदल गए हैं और इतना सारा डर है दिलों में भी और सारे जहां में भी, कब उतरेगा यह डर का मास्क और यह अँधेरा जिसे सहने की हम सबको आदत सी हो गई है। अनु- छवि शर्मा #Corona pandemic #eid 2021 हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article