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गोवा फेस्ट 2022 में प्रकाश झा ने कहा, "आईपीएल के आकार से दोगुनी है आश्रम"

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गोवा फेस्ट 2022 में प्रकाश झा ने कहा, "आईपीएल के आकार से दोगुनी है आश्रम"

प्रकाश झा ने फिल्मों से लेकर ओटीटी ‌तक के अपने सफर को लेकर खुलकर की चर्चा

भारतीय फिल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर एवं स्क्रीन राइटर प्रकाश झा हाल ही में गोवा फेस्ट 2022 में शामिल हुए, जहां वे फिल्मों से लेकर ओटीटी तक के अपने सफर को लेकर चर्चा करते नजर आए। फिल्म क्रिटिक और इस सत्र के मॉडरेटर मयंक शेखर से चर्चा के दौरान प्रकाश झा ने बताया, 'मेरा सफर डॉक्युमेंट्रीज़ बनाने से शुरू हुआ था और मुझे सांप्रदायिक दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री के लिए 1981 में अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।'

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इसके बाद उनकी सफलता का सफर जारी रहा। वो ज्यादा वास्तविक डॉक्यूमेंट्रीज़ बनाने पर ध्यान देने लगे और फिर टेलीविजन सीरीज़ बनाने लगे और अंततः फिल्में बनाने में कदम रखा।

प्रकाश झा ने बताया कि उनकी ज्यादातर फिल्मों को समाज में आलोचनाएं झेलनी पड़ीं, जहां पथराव हुए, शूटिंग रोकी गई और उनकी फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की मांगें उठीं, लेकिन वो अपने कॉन्टेंट के साथ डटकर खड़े रहे। वो कभी किसी टेलीविजन डिबेट में नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि वो सिर्फ झकझोर देने वाली वास्तविक कहानियां प्रस्तुत करना चाहते हैं।

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इस बारे में बताते हुए प्रकाश झा ने कहा, 'जब मैं ऐसी फिल्में या शोज़ बनाता हूं, तो मुझे लगता है कि जब आप अपनी ईमानदार राय के साथ समाज की दुखती रग पर हाथ रखेंगे, तो लोग आपत्ति उठाएंगे। ऐसे में पथराव की घटनाएं होंगी और इसके लिए आपको तैयार रहना होगा। देखिए, आश्रम के मामले में क्या हुआ! लेकिन यह भी देखने वाली बात है कि आश्रम को 1.6 बिलियन व्यूज़ मिले, जो संभवतः दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेब सीरीज़ है। इस मामले में आश्रम का आकार आईपीएल से दोगुना है। सच तो यह है कि यदि आपको खुद पर यकीन है, तो आप हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।'

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अपने कुछ खास अनुभव बताते हुए प्रकाश झा ने कहा कि एक बार उन्हें दूरदर्शन को 12 लाख रुपए देने थे, और इसे चुकाने के लिए उन्होंने एक दिलचस्प तरीका ढूंढ निकाला। यह उनकी राष्ट्रीय अवॉर्ड विजेता फिल्म दामुल की वजह से संभव हो पाया। उस समय दूरदर्शन के सचिव ने एक नया अभियान शुरू किया था कि जितनी भी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्में हैं, उन्हें दूरदर्शन पर दिखाया जाएगा और इसके निर्माताओं को 12 लाख रुपए मिलेंगे। इस तरह उन्होंने अपना लोन चुकाया। उन्होंने बताया कि आज भी वो योजना जारी है।

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70 साल की उम्र में भी एकदम फिट प्रकाश झा का रोजाना एक्सरसाइज़ करने से लेकर मास्टर पीस बनाने तक का सफर शानदार रहा है। उन्हें साउंड रिकॉर्डिंग, लेखन, लाइटिंग लगवाने और हर उस चीज में दिलचस्पी है, जो मनोरंजन उद्योग का हिस्सा है। उन्होंने एक्टिंग सीखने के लिए विएना, एम्स्टर्डम, लंदन, पेरिस, लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में वर्कशॉप्स कीं, ताकि वो अपने एक्टर्स से अच्छी तरह तालमेल बिठा सकें। प्रकाश झा की अन्य प्रमुख फिल्मों में मृत्युदंड, गंगाजल, अपहरण, राजनीति, चक्रव्यूह, आरक्षण और सत्याग्रह शामिल हैं।

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प्रकाश झा ने ओटीटी पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेब सीरीज़ आश्रम के साथ, इस माध्यम में अपना डेब्यू किया था। इस सीरीज़ का तीसरा सीज़न जल्द ही एमएक्स प्लेयर पर लॉन्च होने वाला है।

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