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शान्तिस्वरुप त्रिपाठी
रियालिटी शो “फिअर फैक्टरः खतरों के खिलाड़ी 11” के विजेता अर्जुन बिजलानी कई रियालिटी शो में हिस्सा लेने के अलावा ‘कार्तिक’,‘रीमिक्स’,‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’,‘मिले जब हम तुम’,‘नागिन’ जैसे सीरियलों में अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं.अर्जुन बिजलानी सिर्फ टीवी तक ही सीमित नही है.वह फिल्म,म्यूजिक वीडियो और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी अपनी अभिनय प्रतिभा का जलवा विखेर चुके हैं.इन दिनों वह रियालिटी शो ‘स्मार्ट जोड़ी’ का हिस्सा हैं,तो वहीं रियालिटी शो “इंडियाज गाॅट टैलेंट” को होस्ट भी कर रहे हैं. इतना ही नहीं 23 मार्च 2022 से ओटीटी प्लेटफार्म “एम एकस प्लेअर“ पर स्ट्रीम हो रही लॉन्ग फार्मेट सीरीज “रूहानियत” में वह साविर राठौड़ का किरदार निभाकर चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं.
हाल ही में अर्जुन बिजलानी से हुई बातचीत इस प्रकार रही...
अपने अब तक के कैरियर के संदर्भ में क्या कहना चाहेंगें?
मुझे लगता है कि अभी तो षुरूआत हुई है.मैने टीवी पर काफी अच्छा काम किया है.कुछ अच्छे सीरियलों में अभिनय किया.कुछ रियालिटी शो किए और कुछ का विजेता भी रहा.बहुत वरिष्ठ और मंजे हुए कलाकारांे के साथ काम करने और उनसे सीखने का अवसर भी मिला.सच कहॅूं तो 18-19 वर्षों में काम करते हुए मंैने बहुत ही अच्छे अनुभव बटोरे हैं.पर अभी भी मुझे लगता है कि मुझे अभी काफी अनुभव की जरुरत है.अभी मुझे बहुत कुछ सीखना है.और बहुत काम करना है.वैसे मेरी षुरूआत अच्छी थी.अब तो मैं ओटीटी प्लेटफार्म पर आ चुका हॅूं.यह एक ऐसा प्लेटफार्म है,जहंा पर नए नए सब्जेक्ट,नई नई कहानियों पर काम करने का अवसर मिल रहा है.ऐसी कहानियां जिन पर अब तक लोग काम करने से कतराते थे,उन विषयों पर ओटीटी प्लेटफार्म पर लोग खुलकर काम कर रहे हैं.मुझे लगता है कि अब हम कलाकार के तौर पर ज्यादा एक्सप्लोर कर सकते हैं.पहले हमारे पास केवल फिल्म व टीवी ही माध्यम था.लेकिन ओटीटी प्लेटफार्म के आने से कलाकार को ऐसी कहानियों पर काम करने,ऐसे किरदारों को निभाने का अवसर मिल रहा है, जिन पर पहले कलाकारों ने कभी काम नहीं किया.सबसे बडी बात यह है कि ओटीटी पर काफी हद तक रियालिस्टिक काम हो रहा है.ओटीटी के ही चलते कई निर्देषक भी उभर कर आए हैं,लाइम लाइट में आए हैं, जिन्हे पहले लोग जानते नहीं थे.तो वहीं अब कई कलाकार लोकप्रिय हो चुके हैं,जिन्हे कोई नहीं जानता था.हकीकत में अब फिल्म इंडस्ट्ी में हर क्षेत्र के लोगांे के पास काम है.
आप फिल्म,टीवी,ओटीटी प्लेटफार्म के साथ ही म्यूजिक वीडियो भी कर रहे हैं.बतौर कलाकार आप कहां ज्यादा संतुष्टि पाते हैं?
मुझे लगता है कि मैं हर किरदार को करते हुए इंज्वाॅय करता हॅूं.अगर मैं म्यूजिक वीडियो करता हॅूं,तो वह कहानी आधारित म्यूजिक वीडियो ही होते हैं.यदि मैं म्यूजिक वीडियो के लिए तीन दिन षूटिंग कर रहा हूँ, तो यह तीन दिन मैं म्यूजिक वीडियो के उस किरदार को निभाते हुए इंज्वाॅय करता हूं. मैं हमेषा अपने काम को इमानदारी के साथ अंजाम देता हूंू.यदि काम को करते हुए मैं इंज्वाॅय न करुं,उस किरदार को अंदर से अहसास न करुं,तो फिर सिर्फ सेट पर जाकर षूटिंग करने से क्या फायदा.मुझे पता होता है कि जिस दृष्य,सीरियल या फिल्म या म्यूजिक वीडियो को फिल्माया जा रहा है,तो वह पूरी जिंदगी के लिए छप जाता है.तो हर बार मुझे अपनी क्षमता के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ ही देना है.मेरी सोच यह है कि सेट पर अपने ज्ञान के साथ ही निर्देषक व कैमरामैन की मदद से ऐसा बेहतर काम करने का प्रयास करता हॅूं कि उस काम को देखकर लोग कहे कि कलाकार ने अच्छा काम किया है.मुझे लगता है कि हर कलाकार यह बात सुनने के लिए तरसता है.मैं भी ऐसा ही हॅूं.मैं भविष्य में भी अच्छा काम ही करना चाहॅूंगा.अच्छे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना चाहूँगा.कई बार हम असफल भी होते हैं.मगर उस असफलता से भी हम कुछ न कुछ अवष्य सीखते हैं.उस सीख से हमें पुनः आगे ले जाना होता है.मुझे लगता है कि इतने वर्षों तक मैने इसी ‘थाॅट प्रोसेस’ के साथ काम किया है. शायद यही वजह है कि मैं 19 वर्षों से टिका हुआ हॅूं.लोग मुझसे इतना अधिक प्यार करते है, क्योंकि मुझे जो अहसास होता है, उसे मैं इमानदारी के साथ बोल देता हूं.
आप अपने कैरियर में टर्निंग प्वाइंट किसे मानते हैं?
मुझे लगता है कि मैंने कुछ ऐसे सीरियल किए हैं,जो कि मेरे कैरियर में महत्वपूर्ण रहे हैं.सीरियल “मिले जब हम तुम”एक कल्ट सीरियल था.फिर ‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’ रहा.इन दोनों सीरियलांे से ही मेरी असली षुरूआत हुई थी.फिर ‘नागिन’ मेरे कैरियर का सर्वाधिक सफल सीरियल रहा है.इस सीरियल से कलाकार के तौर पर मुझे बहुत बड़ी पहचान मिली.इस सीरियल के लिए मैं हमेषा एकता मैम (एकता कपूर) का षुक्रिया अदा करता हूूं.इसके अलावा ‘इष्क में मरजावां’ में मैने कुछ अलग सा ग्रे किरदार निभाया था.इस सीरियल के मेरे किरदार को काफी पसंद किया गया था.यह बहुत ही अलग तरह का अनुभव था.और अब ‘एमएक्स प्लेअर’ पर एमएक्स सीरीज के तहत “रूहानियत” किया है.इसमें लोगों को मेरा साविर राठौड़ का किरदार बहुत ही ज्यादा कम्पलीकेटेड लगेगा.जब ‘रूहानियत’ खत्म होगा,तो लोगों को अहसास होगा कि इसके प्यार की क्या यात्रा रही.यह सीरीज करना थोड़ा सा रिसक भी है.यह लॉन्ग फार्मेट वाला है.इसके तेरह - तेरह एपीसोड के चार सीजन हैं.हर माह एक सीजन आएगा.पर मैंने अपने किरदार को बहुत इंज्वाॅय किया.मजेदार बात यह है कि अभी भी इसकी षूटिंग चल रही है.तो इसे करते हुए मैं इंज्वाॅय कर रहा हूूं.
जब आपको ‘रूहानियत’ का आफर मिला था,तब किस बात से प्रभावित होकर आपने इसका हिस्सा बनना स्वीकार किया था?
जिस पैषन के साथ इसके लेखक व निर्देषक ने मुझे यह कहानी सुनायी थी,उसी ने मुझे इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया था.मैने इस कहानी पर एक वर्ष काम किया है.जब मेरी ग्लेन व अंकुष से बात हुई थी,तो मैं अपने किरदार को लेकर काफी पैषिनेट था,मगर मेरे हर सवाल का जवाब इनके पास मौजूद था.सच कहॅूं तो जब कोई कहानी सुनते वक्त एक कलाकार के तौर पर आपके दिमाग में फिल्म घूमने लगती है,वह सीन घूमने लगता है कि मैं इसे इस तरह करुंगा,तो मैं उसे करना स्वीकार कर लेता हॅूं.मैं बहुत इंस्टेंटेड हॅूं.मुझे अंदर से कोई कहानी या किरदार लगता है कि इसे करना चाहिए,तो मैं तुरंत उसके लिए हामी भर देता हूँ.क्यांेकि मुझे लगता है कि हमारा दिल हमसे झूठ नहीं बोलता.तो कहानी सुनते हुए दिल की आवाज सुनकर मैने इसे करने के लिए हामी भी थी.
वेब सीरीज “रूहानियत” के अपने साविर राठौड़ के किरदार को आप किस तरह से परिभाषित करेंगी?
साविर राठौड़ 35 वर्षीय बिजनेसमैन है. सफल व पूरी तरह से स्थापित है.एक वक्त था,जब उसे लगता था कि ‘फार एवर” गलत नही है,मगर उसकी जिंदगी मंे कई ऐसे हादसे हो रहे हैं,जो भी कहानी में उसके साथ हो रहा है,कुछ इसमें रहस्य है, जिसे मैं बता नही सकता.जिसकी वजह से उसे लगता है कि ‘फार एवर’ गलत है.इस वेब सीरीज में हर किरदार की अपनी एक यात्रा है.जब प्रेषा उसकी जिंदगी में आती है,तब वह सोचता है कि मुझे अपने आपको एक और मौका देना चाहिए.तब क्या होता है उसकी जिंदगी में.देखिए,प्रेषा की उम्र 19 वर्ष है और साविर की उम्र 35 वर्ष है.तो क्या यह संभव है? एक मैच्योर इंसान के लिए स्वीकार करना कि ऐसा संभव है,काफी मुष्किल है.कुल मिलाकर साविर की उसके अपने माइंड सेट के साथ एक यात्रा है.वह बहुत कम्पलीकेटेड होता है,जब आप हैबिट से हटकर एक माइंड सेट के साथ काम करते हैं.यही तो रूहानियत है.मैं चाहता हॅूं कि यह जो माइंड सेट है,वह लोगों तक पहुॅचे.जिस तरह से मैने निर्देषक ग्लेन अंकुष की मदद से इस किरदार को निभाया है,उसके पीछे यही सोच रही है कि हम जो दिखाना चाहते हैं,वह लोगों तक पहुॅचे.
वेब सीरीज “रूहानियत” देखने के बाद नई पीढ़ी क्या समझेगी?
मुझे लगता है कि यह सामाजिक वेब सीरीज नही है,जिसमें कोई सामाजिक संदेष दिया जा रहा हो.यह कुछ किरदारों की एक कहानी है.इसे दिखाते हुए हम लोगों का मनोरंजन करना चाहते हैं. हम इसे दर्षकों को कुछ अपने साथ ले जाने के मकसद से नहीं बना रहे हैं.फिर भी इस कहानी से लोग यह रिलेट कर पाएंगे कि ‘फार एवर’ झूठ है या ‘फार एवर’ झूठ नही है.हर इंसान की जिंदगी में एक वक्त आता है,जब उन्हे लगता है कि मुझे मेरा प्यार मिल गया.तेा वहीं कुछ लोगों को लगता है कि मुझे कभी प्यार नही मिल सकता.हर इंसान की जिंदगी में प्यार की एक यात्रा रहती है.यही साविर और प्रेषा की कहानी है,तो मुझे लगता है कि इसे दर्षक इंज्वाॅय करेंगे.
साविर के किरदार को निभाना आसान रहा या?
साविर के किरदार को निभाना आसान नहीं था.भावनात्मक रूप से यह थका देने वाला रहा.क्योंकि एक ऐसे चरित्र की मानसिकता में उतरना बहुत मुश्किल है,जिसे सच्चे प्यार से घृणा हो. साविर का किरदार निभाकर मैने एक मूल्यवान अंतर्दृष्टि पायी है.
साविर और अर्जुन बिजलानी में कितना अंतर है?
सबसे बड़ा अंतर यही है कि मुझे लगता है कि ‘फार एवर’ झूठ नहीं है, जबकि साविर को लगता है कि ‘फार एवर’ झूठ है.
क्या आपने ‘फार एवर” किताब को पढ़ा है?
मुझे इस किताब के बारे में पता है,पर मंैने अभी तक पढ़ा नहीं है.मुझसे कहा गया था कि हम इस किताब को पढ़ सकते हैं,पर यदि न पढ़ंे,तो ज्यादा उचित रहेगा.क्यांेकि हम आप सभी को ‘राॅ’ रखना चाहते हैं.जब हम किताब पढ़ लेते है,तो दिमाग में कुछ रिफ्रेंस लेकर चलते हैं.जबकि हमारे निर्देषक इस किरदार को अनप्रिडिक्टेबल रखना चाहते थे.
कई किरदार निभा लिए.अब कोई ऐसा किरदार है,जिसे आप निभाना चाहते हों?
मैं हमेषा अलग अलग किरदार निभाना चाहता हॅूं.मुझे एक नाॅटी काॅप का किरदार निभाना है.मुझे एक वैज्ञानिक और नगेटिब किरदार भी निभाना है.कोई मैथोलाॅजिकल किरदार निभाना चाहूंगा,जिसके लिए मुझे खास तरह की ट्ेनिंग लेने की जरुरत पड़े.