साक्षी तंवर: 'माई' बेहद आराम महसूस करने वाला टाइटल है

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साक्षी तंवर: 'माई' बेहद आराम महसूस करने वाला टाइटल है

लिपिका वर्मा 

 साक्षी तंवर ,'माई ' वेब सीरीज बतौर शील चौधरी माँ के किरदार में नजर आएगी। इनकी शादी रील पर यशपाल  चौधरी के साथ हुई है। विवेक मुश्रान उन्होंने इलू इलू गाने से प्रसिद्धि पायी थी। और इनकी एक बेटी भी है जिसका नाम  वामिका गब्बी है सीरीज  में सुप्रिया है। साक्षी सरल सीधे स्वभ की है किन्तु जैसे ही उनकी बीत्या चल बस्ती है उसके बाद साक्षी का किस तरह से किरदार में ट्रांसफॉर्मेशन हो जाट है यह बेहतरीन  दिख पड़ता है ट्रैलर से।  'माई' वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर अप्रैल १५ से परमिएर होने की तैयारी में है। 

अपने किरदार, 'माई' के बारे में कुछ बताएं?

'माई' बेहद आराम महसूस करने वाला टाइटल है। यह टाइटल यह प्यार और अपनत्व एवं केयर  को सम्बोधित करता है। यह एक बेहद सुंदर शब्द है ममत्व को दर्शाता है यह शब्द। सुप्रिया चौधरी  मेरी बेटी  है माई कह कर ही पुकारती है मुझे और बहुत सुखदायक फीलिंग मिलती  फीलिंग है। हालांकि वो बात नहीं कर पाती है पर उसकी भावना दवरा व्यक्त जरूर करती है।

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वामिका आपकी बेटी गूंगी -बहरी है ऐसे किरदार के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

वह बात नहीं कर सकती है ,ऐसे किरदार के सतह मैं पहली बारी काम कर रही हूँ इसक किरदार बहुत ही इंटेंस है। माँ और बेटी जिस तरह का रिशता  शेयर करते है इस शो में वह अलग है। वह अपने पापा के बेहद क्लोज है। बतौर एक माँ मैंने यह बात कभी एहसा नहीं की। किन्तु बाद में जब मुझे इस बात का एहसास होता है  बहुत देर हो चुकी हो चुकी होती है  । बाद में जब मुझे मालूम पड़ता   है कि उसके  बारे में मुझे बहुत कुछ नहीं पाता  था.और फिर मुझे  यही लगता है कि शायद मै एक अच्छी माँ नहीं थी। मेरा ह्रदय एकदम टूट चूका होता है।

आगे कुछ सोच कर साक्षी कहती है ,'मुझे तब लगता है कि जो कुछ भी दर्द उसके अंदर था उसके बारे में  कुछ समझ नहीं आया। मुझे आत्मग्लानि महसूस हो रही होती  मैं ऐसी माँ  कैसे हो सकती हूँ। मेरी बॉन्डिंग जो मेरे हिसाब  से उसके साथ अच्छी है दरअसल में ऐसा था ही नहीं। बस यह मेरा एक वेहम ही था शायद. 

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मातृत्व के बारे में क्या एहसास हुआ?समाज को क्या मैसेज देना चाहोगी  ?

बस यही कहना चाहूंगी सभी पेरेंट्स से अपने बच्चो को बहुत सारा समय दिजिये। अपने बच्चों को एक ऐसा वातावरण दीजिए जहां सभी बच्चे अपने माता पिता से कुछ भी पूछने या  विचार-विमर्श  करने से ना डरे । एक पारिवारिक बॉन्डिंग मिलनी चाहिए बच्चों  को। माता पिता का सपोर्ट बच्चो के लिये महत्वपूर्ण होता है।आपस में एक डायलॉग होना जरूरी है। हमें एक दूसरे को समझना जरूरी है। एक दूसरे को ग्रांटटेड  नहीं लेना चाहिए।ऐसा भी नहीं सोचना  चाहिए कि ऐसा हमारे साथ कभी नहीं हो सकता  है।  दरअसल, में हमें हर किसी अनहोनी  को झेलने की ताकत रखनी  चाहिए। जैसा माई सीरीज में मेरे साथ हुवा ईश्वर करे ऐसा किसी के साथ कभी न हो।

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आप अपनी प्रोफेशनल जर्नी को कैसे देखती है?

मै अपने आप को बहुत खुशनसीब समझती हूँ।  हर शो के बाद में यही  सोचती हूँ-इसके बाद अब क्या? पर पहले के काम की तुलना में अगला काम मेरे पास और भी अच्छा आ जाता है।मेरी एक्टिंग और विकसित हुई है इन सभी वर्षों में।में अपनी जर्नी को लेकर बहुत भाग्यशाली महसूस करती हूँ।किस तरह अपनी जर्नी के बारे में कहूं ? मुझे ख़ुशी है जो कुछ काम मेने किया है दर्शको न केवल मेरे काम की सरहाना की है अपितु मेरे काम को पसंद भी किया है।मुझे दर्शको से जो प्यार और सपोर्ट मिला है वो सरहानीय है मेरे लिए।मै स्वर की कृत्यक हूँ। जो कुछ भी मैंने काम किया है मै इस से ज्यादा और क्या मांग सकती हूँ।

 अपनी आने वालीफ़िल्म्स/शौके बारे में कुछ बतलायें?

१५ ,अप्रैल  माई रिलीज़ पर है। पृथ्वीराज फिल्म यश राज प्रोडक्शन की हैमेरे पास। .मैंने ताहिरा कश्यप की डेब्यू  फिल्म बतौर निर्देशक ,'शर्मा जी की बेटी' रिलीज़ होने को है।

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