वेब सीरीज और वेब सिनेमा की बाढ़ में खोता जा रहा है फिल्मों का मौलिक स्वरूप By Mayapuri Desk 20 Jan 2022 in ओटीटी New Update Follow Us शेयर -शरद राय साल 2022 ओटीटी के उछाल का समय है। वेब दुनिया मे बहुत से नए नए चेहरे दिखाई देनेवाले हैं।नए कंटेंट, नई तकनीक और नए नए निर्देशक और फिल्मकारों की बाढ़ में पिछला सबकुछ बह जाता सा दिखेगा। आनेवाले दिनों में बॉलीवुड सिनेमा का मौलिक रूप गुम हो जाने का खतरा इतना प्रभावी होगा कि एक वर्ग जो 50-55 पार की उम्र वाले होंगे, लगता है उनके लिए सिनेमा मनोरंजन का साधन ही नहीं रह जाएगा। निश्चय ही यह सोचने वाला विषय है, पर क्या हम इस पर सोचने के लिए तैयार हैं? बदलाव के समय का अप... तीन साल पहले ही आरम्भ ले चुका है। जब अल्ट बालाजी जैसे कुछ 'एप्प्स' आकर सिनेमा के ओल्ड पैटर्न पर हमला शुरू किए थे। तब गंदगी पर बहस छिड़ी थी। कोरोना की महामारी ने उस बीमारी को भारत जैसे देश मे पनपने, बढ़ने और फैलने का प्रश्रय देदिया। जो लोग विरोध की आवाज थे, वे भी मोबाइल फोन पर चिपक गए और वही सब देखने के लिए बाध्य हो गए। कहीं जाना नहीं, निकलना नही, साल 2019, 2020 और 2021में कोविड के डर ने 'गुपचुप' सिनेमा को ओटीटी के नाम से हमारी ज़रूरत में शामिल कर दिया। और, अब साल 2022 में उस जाल सिनेमा (web सीरीज/ फिल्मों) का परचम लहराता देखकर डर लगता है कि कहीं मौलिक सिनेमा का स्वरूप खो ना जाए! और, बड़े-बूढ़े कहते सुनाई दें कि हमारे देश मे कभी 'मदर इंडिया', 'खानदान', 'घर परिवार' जैसी फिल्में टॉकीजों में बैठकर पूरे परिवार के साथ देखी जाती थी। आज लगभग 500 ओटीटी के एप्प्स हैं जो बदलते सिनेमा की दिशा बदलने का काम कर रहे हैं। नो डाउट अमेजॉन, नेट फ्लिक्स,डिज्नी हॉट स्टार, मैक्सप्लेयर जैसे कई ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं जो कई सुलझे और ज्ञानदायी प्रोग्राम भी लेकर आ रहे हैं।सरकारी शिकंजे ने उल्लू और अल्ट की अश्लीलता को टाइट करना शुरू किया है। लेकिन, हमारे यूथ का स्वाद बदल गया है।वरिष्ठ जन और परिवार के साथ सिनेमा को देखने वाला दर्शक भाग रहा है।हालात ये हैं कि अभी तो महामारी ने सिनेमा घरों की ओर रुख करने से दर्शकों का पांव रोका हुआ है फिर सिनेमा घरों की ज़रूरत बन जाएंगे ओटीटी जैसे सिनेमा के कंटेंट। यानी-दर्शक डिवाइड। व्यवसायिकता आड़े आने लगी है, सिनेमा मेकर वही बनाएगा जो यूथ ऑडिएंस चाहेगी। जाहिर है पारम्परिक सिनेमा का स्वरूप टूट जाएगा। वैसे भी आधुनिकता की लहर इतनी परवान चढ़ गई है कि सत्यजीत रे, मृणाल सेन और हृषिकेश मुखर्जी का नाम आज के दर्शक भूल चुके हैं। आज की अभिनेत्रियों की आदर्श नरगिस, मीना कुमारी,वहीदा रहमान या हेमा मालिनी नही रह गई हैं।वेब सीरीज और वेब फिल्मों के लिए वे पूरे कपड़े उतारने में संकोच नही करती।संकोच करना है तो दर्शक करें। दर्शक बदल चुका है। 2022 के इस web दौर में सिनेमा का सर्वांगीड़ बदलाव देखने के लिए आप भी तैयार हो जाइए...वक्त की मांग यही है। #Web Series #OTT Platforms #web cinema #web series and web cinema हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article