वेब सीरीज रिव्यू: तैश- साधारण क्राइम ड्रामा

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By Mayapuri Desk
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वेब सीरीज रिव्यू:  तैश-  साधारण क्राइम ड्रामा

रेटिंगः तीन स्टार

निर्माताः दीपक मुकुट, निशांत पिट्टी, विजय नंबियार, शिवांशु पांडे व रिकांत पिट्टी

लेखनः कार्तिक अय्यर, अंजली नायर,बिजॉय नंबियार व गुंजीत चोपड़ा

निर्देशकः विजय नांबियार

कलाकारः पुलकित सम्राट, कृतिका खरबंदा, जिम सर्भ, हर्षवर्धन राणे, जोया मोरानी, अंकुर राठी, सौरभ सचदेव, अभिमन्यू सिंह, अरमान खेड़ा, संजीदा शेख, सलोनी बत्रा व अन्य.

अवधिः लगभग तीन घंटे, 26 से 36 मिनट के 6 एपीसोड

ओटीटी प्लेटफार्मः जी 5

लंदन और पंजाबी शादी के कथानक के इर्द गिर्द बॉलीवुड में सैकड़ों फिल्में बन चुकी हैं. अब इसी घिसे पिटे कथानक में गैंगस्टर व अपराध को पिरोते हुए ‘शैतान’, ‘डेविड’ और ‘वजीर’ फेम निर्देशक बिजॉय नंबियार वेब सीरीज ‘‘तैश’’ लेकर आए हैं, जिसे ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘जी 5’’ पर 29 अक्टूबर से फिल्म के अलावा 6 एपीसोड की वेब सीरीज के रूप में स्ट्रीम किया गया है. इसके आधे से ज्यादा संवाद पंजाबी में कुछ अंग्रेजी में व कुछ हिंदी में हैं. यह फिल्म/वेब सरीज एक अति साधारण अपराध कथा व खूनखराबे के अतिरिक्त कुछ नही है.

वेब सीरीज रिव्यू:  तैश-  साधारण क्राइम ड्रामा

कहानीः

कहानी के केंद्र में लंदन के दो पंजाबी परिवार हैं. एक ब्रार परिवार और दूसरा कालरा परिवार. ब्रार परिवार के मुखिया मुखिया कुलजिंदर( अभिमन्यू सिंह) है, जो कि अपने दो भाइयों पाली (हर्षवर्धन राणे) और जस्सी (अरमान खेड़ा) के साथ अपराध जगत के सरगना बने हुए हैं. धीरे धीर पता चलता है कि कुलजिंदर ने अपनी पत्नी सनोबर (सलोनी बत्रा) की बहन जहान के साथ अवैध संबंध बनाकर उसे गर्भवती कर दिया है. तो वहीं पाली परिवार के अपराध से जुड़े व्यवसाय को छोड़ कुलजिंदर की पत्नी सनोबर की बहन जहान (संजीदा शेख) के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की योजना बनाई है, जिसके साथ पाली के भी शारीरिक संबंध हैं.

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कालरा परिवार अपने लड़के कृष (अंकुर राठी) की शादी माही ( जोया मोरानी) के संग लंदन से दूर ब्रिटेन में कर रहा है. कृष का भाई रोहण कालरा(जिम सर्भ) लंदन में पाकिस्तानी मूल की अपनी मुस्लिम प्रेमिका आरफा खान(कृति खरबंदा) के साथ रहता है. रोहण कालरा(जिम सर्भ)और सनी लालवानी( पुलकित सम्राट)बचपन के दोस्त हैं. इस शादी में सनी लालवानी, आरफा खान के साथ पहुंचता है. जबकि रोहण जानबूझकर अपनी प्रेमिका आरफा को साथ में नही लाया था, क्योंकि उसे लगता है कि उसके माता पिता को यह बात पसंद नही आएगी. सभी के लिए यह एक सप्ताह का मौज मस्ती का समय है.

वेब सीरीज रिव्यू:  तैश-  साधारण क्राइम ड्रामा

शादी के दस दिन पहले से हो रहे सेलिब्रेशन में कालरा परिवार के एक मेहमान के हाथों ब्रार परिवार के मुखिया कुलजिंदर (अभिमन्यु सिंह) की दुर्गति हो जाती है. कुलजिंदर की इस हालत के पीछे उनका एक काला अतीत है. कुलजिंदर के आदमी बदला लेने में पीछे नही रहते. शादी के ही दिन कृष की हत्या हो जाती है. इसके बाद शुरू होता है खून-खराबे और हिंसा का दौर. अदालत से पाली को सजा हो जाती है. पर इससे कोई खुश नहीं है. माही चाहती है कि पाली को इससे बड़ी सजा मिले. एक वर्ष तक सनी योजना बनाता रहता है. पर कुछ नहीं हो पाता. तब एक दिन माही आत्महत्या कर लेती है. उसके बाद सनी वकील जोफी के साथ योजना बना जेल पहुंचकर इस्माइल की मदद से पाली की हत्या कर देना चाहता है. मगर रोहण के चलते मामला बदल  जाता है. अंततः पाली व उसका भाई जस्सी मारे जाते है.

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समीक्षाः

तीन तीन लेखकों के साथ इसका लेखन करने के साथ साथ  निर्देशन करने वाले बिजॉय नांबियार कुछ नया नही कर पाए. बेवजह चार एपीसेाड तक हर एपीसोड में नाच गाना भर दिया गया है. इसमें कहानी व भावनाओं का कोई अता पता ही नही है. कहानी के कई सिरे गैर जरुरी व महत्वहीन हैं. एक्शन दृश्य तो पुरानी फिल्मों से उठाकर चस्पा कर दिए गए हैं. फिल्म के सभी किरदार अधूरे हैं, किसी भी किरदार की कोई इच्छा नहीं है. कहानी का ताना बाना बहुत अजीब सा है. महिला किरदार तो ठीक से गढे़ ही नहीं गए. सच यही है कि फिल्म को वेब सीरीज में बदलते हुए सत्यानाश कर दिया है. इसका क्लायमेक्स भी घटिया है.

वेब सीरीज रिव्यू:  तैश-  साधारण क्राइम ड्रामा

फिल्म के एडीटर व पोस्ट प्रोडक्शन टीम ने इसे कुछ संभालने का जरुर प्रयास किया है. कैमरामैन हरवीर ओबेरॉय अवश्य बधाई के पात्र हैं.

अभिनयः

अति क्रोधी सनी लालवानी के किरदार में पुलकित सम्राट वास्तव में अपने मित्र रोहण कालरा के साथ हुए अत्याचार का बदला लेने के तैश में नजर आते हैं. वह पटाखे की फैक्ट्री में माचिस की तीली जैसे है. जिम सर्भ ओवर एक्टिंग करते हुए भी ठीक लगते हैं. रोहण कालरा के किरदार में जिम सर्भ ने अच्छा अभिनय किया है. हर्षवर्धन राणे का अभिनय शानदार है. अन्यथा बाकी के कलाकार आते व जाते रहते हैं. इसके अलावा अभिमन्यू सिंह व अंकुर राठी का अभिनय ठीक ठाक है. संजीदा शेख जरुर लोगों का ध्यान खींचने में सफल रही हैं. बाकी कलाकार अपना प्रभाव छोड़ने में असफल रहे हैं. कृति खरबंदा की प्रतिभा को जाया किया गया है. उन्होंने क्या सोचकर इससे जुड़ने का फैसला किया, यह तो वही जाने.

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