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प्रकाश की दिशा में कार्यरत भरतवंशियों की दिव्यभूमि भारतवर्ष के धार्मिक एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण काल में आगामी 9, 10 और 11 नवम्बर को भारत की राजधानी नई दिल्ली में त्रिदिवसीय विश्व संस्कृत महासम्मेलन (World Sanskrit Conference) का भव्य कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में मिलिट्री स्कूल के छात्र, संस्कृत के अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर और दुनिया के सांस्कृतिक राजदूत महर्षि आज़ाद के साथ वैश्विक स्तर के मूर्धन्य विद्वान एवं ज्ञानी-गुणी विद्वज्जन सम्मिलित होंगे।
संस्कृत के पुनरुत्थान, पुनर्प्रतिष्ठा एवं वैश्विक प्रचार-प्रसार में उपस्थित बाधा-विघ्नों एवं संस्कृत की जागतिक सम्भावनाओं पर संस्कृत संतति का विमर्श होगा। देश के प्रमुख संस्कृत संस्थान एवं संस्कृत प्रेमी विश्वविद्यालय एवं संस्कृत के स्वनामधन्य विद्वान मनीषी इस संस्कृत यज्ञ में उपस्थित होंगे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ, विश्व साहित्य परिषद्, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एवं जे एन यू जैसे अन्य कई विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के संस्कृत के उन्नयन-संवर्धन में प्रतिबद्ध प्रमुख संस्कृतप्रेमी एवं संस्कृत-सेवा में समस्त जीवन समर्पित करने वाले संस्कृत के उद्भट विद्वान इस विश्व संस्कृत महासम्मेलन में सक्रिय भाग लेंगे।
विश्व संस्कृत महासम्मेलन वस्तुतः महर्षि आज़ाद के द्वारा सनातनी भरत वंशी अमृतपुत्रों का आवाहन है। विश्व संस्कृत महासम्मेलन का आयोजन विश्व भर में वेदों के ब्रह्मवाक्य अहं ब्रह्मास्मि का उद्घोष करने वाली सनातनी महिला, संस्कृत की सनातनी संरक्षिका संस्कृतरत्न, संस्कृतभूषण, संस्कृत भारती कामिनी दुबे के द्वारा किया जा रहा है।