Advertisment

‘एनिमल वेलफेयर डे’ के मौके पर, एण्डटीवी के पेट पेरेंट्स ने अपने पालतू पशुओं की देखभाल और सेहत के बारे में बात की

author-image
By Mayapuri
New Update
‘एनिमल वेलफेयर डे’ के मौके पर, एण्डटीवी के पेट पेरेंट्स ने अपने पालतू पशुओं की देखभाल और सेहत के बारे में बात की

ऐसा कहा जाता है कि पेट्स सबसे बेहतर थैरेपिस्ट होते हैं! पशु हमारे इकोसिस्टम का बहुत ही अहम हिस्सा हैं और इंसानों के जीवन में बहुत अहमियत रखते हैं। इस ‘वल्र्ड एनिमल वेलफेयर डे‘ के मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों और पेट पेरेंट्स ने अपने इन नन्हें पेट्स और उनकी सेहत के बारे में बात की। उन कलाकारों में शामिल हैं, अंबरीश बाॅबी (‘और भई क्या चल रहा है?‘ के रमेश प्रसाद मिश्रा), अर्चना मित्तल (‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ की अनुराधा अग्रवाल), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा) और नेहा पेंडसे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनिता भाबी)।

publive-image

अंबरीश बॉबी ऊर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?’ के रमेश प्रसाद मिश्रा का कहना है,”मैं अपनी बेबी लिली को अपने बच्चे जैसा मानता हूं। मैं उसकी अच्छी सेहत और खुशी के लिये कुछ भी कर सकता हूं। वह इंडी ब्रीड है और जब वह प्यारी-सी पपी थी तब मैंने उसे गोद लिया था। भले ही लिली बड़ी हो गयी है लेकिन वह अभी भी एक छोटे पपी की तरह ही व्यवहार करती है और मैं उसे दुलार करता हूं। लेकिन यह बात मुझे बहुत तकलीफ देती है कि सड़कों पर लिली जैसे डाॅग्स के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है। उन्हें भी इंसानों की तरह प्यार और दुलार की जरूरत होती है। हमें इन बेजुबान जानवरों के प्रति और भी ज्यादा संवेदनशील होने और जितना हो सके उनकी मदद करने की जरूरत है।”

publive-image

अर्चना मित्तल ऊर्फ एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ अनुराधा का कहना है, “मैं पांच डाॅग्स की एक खुशहाल पेरेंट हूं, जिनमें दो लेब्राडोर- योगी और माया शामिल हैं और तीन भारतीय ब्रीड हैं- गुप्पा, मोगली और मिली। इन पांच बच्चों ने मेरी जिंदगी को खुशियों और प्यार से भर दिया है। लोगों को शायद यह पता नहीं होगा कि जानवरों को मेंटल हेल्थ की परेशानी होती है। तेज आवाज, बुरा व्यवहार या फिर घर के छोटे-छोटे झगड़े उन्हें तकलीफ देते हैं। इसलिये, मैं उन्हें खुशहाल और पाॅजिटिव माहौल देने की कोशिश करती हूं। साथ ही उन्हें ढेर सारा प्यार देती हूं।” हिमानी शिवपुरी, ऊर्फ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा का कहना है, “आर्या को जब से घर लेकर आयी हूं हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। वह मेरी फर वाली बच्ची है और मैं उसे अपनी बेटी की तरह मानती हूं। मैं इस बात को दिल से मानती हूं कि जानवर निस्वार्थ प्रेम से बने होते हैं और उन्हें एक अच्छी दुनिया मिलनी चाहिये। जानवरों को हमारी तरह ही ढेर सारा प्यार, दुलार और देखभाल की जरूरत होती है। इसलिये हमें उनकी देखभाल जरूर करनी चाहिये और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करना चाहिये और उन्हें ढेर सारा प्यार देना चाहिये।”

publive-image

विशाल नायक ऊर्फ एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की‘ के मनीष अग्रवाल का कहना है, “मेरे हिसाब से पेट पेरेंट होना एक बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि ये इंसान के बच्चों से कम नहीं होते। उनकी सेहत और तंदुरुस्ती बहुत जरूरी होती है। मैं अपने पेट बेबी के नियमित चेक-अप, फिजिकल फिटनेस और डाइट का पूरा ध्यान रखता हूं। मुझे बुरा लगता है कि लोग पेट्स खरीदते हैं या गोद तो ले लेते हैं लेकिन उनका अच्छी तरह ख्याल नहीं रखते और उनके साथ दुव्र्यवहार करते हैं। इस तरह के अमानवीय व्यवहार के लिये सख्त कानून होना चाहिये।” नेहा पेंडसे ऊर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनिता भाबी, जिनके पास ‘टेडी‘, ‘शैम्पेन‘, ‘व्हिस्की‘, ‘कपकेक‘, ‘कुकी‘ नाम के पांच प्यारे डाॅग्स और दो बड़ी प्यारी कैट्स, ‘आयशा‘ और ‘ऐश हैं। उनका कहना है, “जानवरों का प्यार निस्वार्थ और मासूम होता है। वे आपकी जिंदगी में इतनी खुशियां लेकर आते हैं, जितना कोई और नहीं ला सकता। मेरे पेट बेबीज मेरी सारी थकान मिटा देते हैं। जब मैं लंबे थका देने वाले दिन के बाद घर लौटती हूं तो वे मेरे पास ढेर सारा प्यार और उत्साह लेकर आते हैं कि मैं अपनी सारी थकान भूल जाती हूं। मैं उनके साथ ज्यादा वक्त बिताने की कोशिश करती हूं, अपने बेबीज के साथ खेलती हूं और उन्हें खूब दुलार करती हूं। वे मुझे बहुत इमोशनल सपोर्ट देते हैं और मुझे मजबूत बने रहने की हिम्मत देते हैं। ‘एनिमल वेलफेयर डे‘ के मौके पर मैं सबसे कहना चाहती हूं कि सभी जानवरों को प्यार दें और जहां भी हो सके उन्हंे रहने के लिये छत दें। आइये इन खूबसूरत जीवों को लेकर संवेदनशील बनें।”

publive-image

Advertisment
Latest Stories