Advertisment

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर सैनिकों का पेंशन के लिए धरना

author-image
By Mayapuri
New Update
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर सैनिकों का पेंशन के लिए धरना

पेंशन नहीं मिलने के खिलाफ सैनिकों का धरना प्रदर्शनराष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर आज मेरा हृदय काफी दुखी है क्योंकि आज देश का जवान परेशान है और अपनी लड़ाई लड़ रहा है आज हम देशवासियों और सरकार तक अपनी बात पहुँचाने के लिए मंडी हाउस में एकत्रित हुए हैं यह कहना था ऑल इंडिया शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कैप्टन एम. एस. उप्पल का, उन्होंने आगे कहा कि कैप्टन/मेजर/लेफ्टिनेंट कर्नल दो तरह के होते हैं एक जो पेंशन प्राप्त करते हैं, भले ही उनमें से कुछ के पास प्रतिकूल एसीआर हो या पाठ्यक्रमों में असफल रहे हो, लेकिन वो 13 साल के बाद भी लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में कमान करना जारी रखते हैं और दूसरे आपातकालीन अधिकारी और शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारी जो सर्वोत्तम एसीआर और पाठ्यक्रमों में ग्रेडिंग के बावजूद कड़ी मेहनत करते हैं और उन्हें 5, 10, 12 और 14 साल की अवधि की सेवा के बाद भी पेंशन नहीं मिलती यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत घोर अन्याय है।

publive-image

publive-image

आप सभी जानते हैं कि 20 अक्टूबर 1962 को चीनी आक्रमण हुआ था उसके बाद देश में आपातकाल घोषित किया गया था भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा जो 1968 तक चला था। इस अवसर पर कैप्टन राजीव सबलोक, मेजर राजेश गौतम, मेजर सतनाम सिंह, मेजर एस. एस.यादव, कैप्टन कुलदीप खेड़ा और कैप्टन नवीन सभरवाल उपस्थित हुए।

publive-image

publive-image

उन्होंने बताया कि 1962 के चीनी आक्रमण के बाद ईसीओ बनाया गया जिन्होंने 1965 की लड़ाई लड़ी इसके बाद अधिकारियों की कमी के कारण नियमित सैनिकों की कमान के लिए शिक्षित, सक्षम और परिपक्व युवाओं के लिए 1965 में शॉर्ट सर्विस कमीशन खोला गया था और  SSCO ने 1971 में भारत-पाक के निर्णायक युद्ध में जीत हासिल की।

publive-image

publive-image

प्रशिक्षण की अवधि और 5 साल के आपातकालीन अनिवार्य रिजर्व को पेंशन लाभ के लिए गिना जाना चाहिए, पिछले 56 वर्षों से उम्मीदवारों को निर्देश जारी करने के बावजूद कोई पेंशन नहीं मिली, समय की आवश्यकता है कि सभी एसएससीओ/डब्ल्यूएसईएसओ/ईसीओ के लिए प्रो राटा ओआरओपी लागू किया जाए जिन्होंने 5, 7, 10, 12 और 14 वर्ष सेवा की। चंडीगढ़ बेंच के निर्णय के अनुसार एसएससीओ को कैशलेस चिकित्सा सुविधा बहाल की जाए। 1965/1971 के युद्ध दिग्गजों के लिए प्रति माह अनुग्रह राशि बिना देर किये लागू कर देना चाहिए क्योंकि उनकी आयु अब 70 से 80 वर्ष हो चुकी है और इतनी देश सेवा करने के बावजूद भी वो अपने परिवार पर निर्भर है।

Advertisment
Latest Stories