हम अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘पिंग पोंग’ पर स्वस्थ मनोरंजन प्रधान कार्यक्रम ही देंगें: जीवन बबनराव जाधव By Mayapuri Desk 20 Jul 2021 in फोटो New Update Follow Us शेयर कोरोना महामारी के दौर में लॉकडाउन व घर पर ही ज्यादा समय रहने के चलते हर इंसान के लिए ‘ओटीटी’ प्लेटफार्म ही मनोरंजन के साधन बने हुए हैं। इसी के चलते कई पाँच साल पुराने ओटीटी प्लेटफार्म भी ऊँचाई पर पहुँच गए। तो कुछ नए प्लेटफार्म अपनी स्थिति मजबूत करते जा रहे हैं। ऐसे वक्त में छह माह के अंदर ही नए ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘पिंग पोंग’’ ने दर्शकों के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। प्रस्तुत है, ‘मायापुरी’ के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘‘पिंग पोंग’’ के सी एम डी जीवन बबनराव जाधव से शांतिस्वरूप त्रिपाठी की हुई एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश आप अपने संबंध में बताएं? मैं मूलतः सतारा का रहने वाला हूँ। एक सफल उद्योगपति बनने की तमन्ना के साथ मैंने मार्केटिंग की पढ़ाई शुरू की। फिर मैंने ग्रीन वैली की शुरूआत की।यह मेरी रीयल स्टेट कंपनी है। हमने सतारा के पहाड़ी इलाके में सबसे पहले पाँच एकड़ जमीन खरीदकर इसकी शुरूआत की थी। यह प्राकृतिक वातावरण व हरियाली वाली जगह थी। मुझे लगा कि प्रकृति प्रेमी लोग ऐसी जगह पर रहना पसंद करेंगे, तो एक वीजन के साथ हमने 2007 में ‘ग्रीन वैली’ की शुरूआत की थी जो ऐसी सुकून की जगह थी। अब सिर्फ सतारा मे ही 65 एकड़ जमीन पर हमने इसे बसाया है। जबकि अब हमारा मुंबई, थाणे, नई मुंबई, पनवेल में भी काम चल रहा है। तो भवन निर्माण के क्षेत्र से मनोरंजन जगत की तरफ मुड़ना कैसे हुआ? पहली बात तो फिल्में देखने का शौक रहा है। दूसरी बात भवन निर्माता के रूप में काम करते हुए हम इसका प्रमोशन डिजिटल माध्यम में कर रहे थे, इस कारण हमने धीरे-धीरे अपनी खुद की डिजिटल टीम व तकनीशियन टीम तैयार की। वहीं लगभग दस साल के बाद हमने सोचना शुरू किया कि अब हमें किसी अन्य क्षेत्र में भी कदम बढ़ाने चाहिए। तो 2016 के अंत में मैंने फिल्म निर्माण करना शुरू किया। मैंने सबसे पहले एक फिल्म ‘‘अंजना’’को फाइनेंस किया था। फिर मैंने अपना प्रोडक्शन हाउस ‘‘चंद्रभागा प्रोडक्शन हाउस’’ की शुरुआत कर खुद बतौर निर्माता 2018 में मराठी भाषा की फिल्म ‘मिठुन’ का निर्माण किया। फिर चैतन्य सर की मराठी फिल्म ‘तत्ताड़’ को भी फायनेंस किया था। फिर मैंने एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक फिल्म ‘‘बलोच’’ बनायी। यह फिल्म अभी पूरी हुई है। अब हम सिनेमाघर खुलने पर इसके प्रदर्शन की योजना बनाएंगे। आपने ओटीटी प्लेटफार्म ‘पिंग पोंग’ शुरू करने के बारे में कब सोचा? मैंने एक तरह से तीन फिल्में बनायी और इन फिल्मों के वितरण व मार्केटिंग का अनुभव काफी बुरा रहा। हम जिस ढंग से चाहते थे, उस ढंग से कुछ नही हो रहा था। इसी बीच ‘कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन शुरू हो गया। तो मेरी रियल एस्टेट कंपनी में जो इन हाउस सॉफ्ट वेअर टीम थी, उसके पास काम नहीं था। हमारे रियल एस्टेट का काम भी ठप्प हो चुका था। हम अपनी टीम के किसी भी सदस्य को नौकरी से बाहर नहीं करना चाहते थे। हमने अपनी सॉफ्ट वेअर टीम से पूछा कि क्या वह ‘नेटफ्लिक्स’ या दूसरे ओटीटी प्लेटफार्म की तरह ऐप के एप्लीकेशन को बना सकते हैं। उन्होंने हामी भरी। फिर हमने कुछ दूसरे डेवलपर को भी जोड़ा। दूसरी बात मेरी समझ में आयी कि हम इस ऐप का वितरण करने में सक्षम हैं। तब हमने मई 2020 में ‘पिंग पोंग’ की शुरुआत की। इसके हमने नई कंपनी ‘‘पिंग पोंग इंटरटेनमेंट प्रा.लिमिटेड’’ कंपनी के तहत शुरू किया। मैं 1999 से मार्केटिंग के क्षेत्र में हूँ, यानी कि 21 वर्ष से कार्यरत हूँ। इसलिए मुझे पता है कि हम किस प्रोडक्ट को किस तरह से बेच सकते हैं। हम अभी तक मार्केटिंग का काम सतारा, पुणे, ठाणे, नई मुंबई या मुंबई में कर रहे थे। जहाँ तक फिल्म इंडस्ट्री और इस ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘पिंग पोंग’’ का सवाल है, तो हमने अपना एक विज़न बना रखा है। हमें पता है कि यह किस क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे भारत के अलावा पूरे विश्व तक पहुँच सकेगा। ‘पिंग पोंग’ को शुरू करने के पीछे मेरी एक सोच यह भी है कि कई वजहों से भारत का धन दूनिया के कई देशों में जा रहा है। हम ‘पिंग पोंग’ के माध्यम से विश्व के कोने कोने से धन भारत लेकर आएंगे। विश्व के किसी भी कोने में बैठा दर्शक ‘पिंग पोंग’ के कार्यक्रम देखने के लिए पैसा देगा। बॉलीवुड का नाम पूरे विश्व में है। जो लोग बॉलीवुड की फिल्में व बॉलीवुड के कलाकारों को देखना चाहते हैं। ऐसे लोग हमारे चैनल से जुड़ेंगे। अभी हमने इसे हिंदी में शुरू किया है, पर बहुत जल्द यह मराठी, गुजराती, कन्नड़, तमिल, तेलगू व मलयालम भाषाओं में भी शुरू हो जाएगा। पर बॉलीवुड और मराठी फिल्मों को हम प्राथमिकता देने वाले हैं। आपने जिन मराठी फिल्मों का निर्माण किया। उनके वितरण/डिस्ट्रीब्यूशन में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा? जब हमने मराठी फिल्म ‘‘मिठुन’’ रिलीज की, तो डिस्ट्रीब्यूटर ने हमें 200 सिनेमाघर व कुछ मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम में स्क्रीन देने का वादा किया था। मगर हुआ इसके ठीक विपरीत सिर्फ दो मल्टीप्लेक्स में सुबह नौ बजे का शो मिला। इसके अलावा हमारी फिल्में ऐसे सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जहां दर्शक ही नही जाते। जहाँ फिल्म लगनी चाहिए थी, वहां पर रिलीज नहीं की गयी। तो मेरी समझ में आ गया कि हमारी बेहतरीन फिल्म दर्शक नहीं देख पाएंगे। फिल्म को सिर्फ 57 सिनेमाघरों में ही रिलीज किया। उसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर ने हमें हिसाब भेज दिया कि मुझ पर उनका पैसा निकलता है। फिर हमने ‘ईरोज इंटरनेशनल’ को अपनी यह फिल्म बेच दी। जिससे हमें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इससे हमने सीखा कि फिल्म का निर्माण करने से पहले उसके डिस्ट्रीब्यूशन यानी कि फिल्म को दर्शकों तक पहुँचाने की अच्छी योजना बनाना आवश्यक है। इसलिए अब हम ओटीटी प्लेटफॉर्म पिंग पोंग’ को दर्शकों तक कैसे पहुँचाया जाए, इसकी योजना पहले बनायी। ‘पिंग पोंग’ के आने से पहले ही ‘नेटफ्लिक्स’, ‘अमेजॉन’, ‘आल्ट बालाजी’, ‘जी5 ’, ‘डिज्नी हॉट स्टार’ सहित कई ओटीटी प्लेटफॉर्म अपनी जड़े जमा चुके हैं. ऐसे में आप कितनी प्रतिस्पर्धा महसूस कर रहे हैं? आपने एकदम सही कहा। यह आपको भी पता है कि यह सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म अभी नए थें। पहले इनके पास भी इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था। यह सभी काफी संघर्ष कर यहाँ तक पहुँचे हैं। हमने ‘पिंग पोंग’ की शुरूआत से पहले इन सभी प्लेटफार्म को लेकर शोधकार्य किया। उसके बाद हमने आम जनता के बीच एक सर्वे किया। इसके अलावा हमारा अपना अनुभव है। हमने ‘ग्रीन वैल्यू’ की शुरूआत पाँच एकड़ से की थी। पर अब हमारे पास दो सौ एकड़ की जमीन पर काम हो रहा है। हमारा ‘पिंग पोंग’ चर्चा में है। कई बड़े बड़े निर्देशक व कलाकार भी हमारे पास आ रहे हैं। कई इंवेस्टर जुड़ना चाहते हैं। ‘पिंग पोंग’ में किस तरह के कार्यक्रम बनाने है? हमने चार वर्ष पहले जब फिल्में बनानी शुरू की थी, तभी से दर्शकों की नब्ज पकड़ने के प्रयास में लग गए थे। यहाँ मार्केटिंग और एप्लीकेशन बनाना हमारे हाथ में था। उसके बाद कंटेंट का मसला था तो हमने फिल्म निर्देशक चेतन डी के को कंटेंट हेड बनाकर काम शुरू किया। हमने रिसर्च करके पाया कि दर्शक को अपराध, रहस्य, रोमांच, कॉमेडी व प्रेम कहानी के कार्यक्रम ज्यादा पसंद हैं। तो हम उसी हिसाब से काम कर रहे हैं। हम बोल्ड कंटेंट जैसे सेक्स आदि से दूरी बनाकर रखने वाले हैं। 28 मई 2020 से हमने वेब सीरीज ‘द डार्क वर्ल्ड’ की शूटिंग शुरू की थी। फिर हमने ‘नशा डायरी’ का निर्माण किया। तीसरी वेब सीरीज ‘मास्टर स्ट्रोक’ बनायी। इसका प्रसारण शुरू हो चुका है। कुछ मराठी व हिंदी फिल्में बाजार से लेकर हमने अपने प्लेटफार्म पर रिलीज की। अब 16 जुलाई 2021 को हम रहस्य व रोमांच से भरपूर हिंदी सीरियल ‘‘हिडन’’ लेकर आ रहे हैं। इसके तीन सीजन होंगे। पहले सीजन में सात एपीसोड हैं। अभी छह माह तक हम हर माह एक बड़ी वेब सीरीज और कुछ छोटी-छोटी फिल्में स्ट्रीम करने वाले हैं। छः माह के बाद इसे विस्तार देंगे। कुछ मराठी फिल्म निर्माता अपनी फिल्में हमारे प्लेटफार्म पर रिलीज़ करना चाहते हैं। हम 18 से 35 वर्ष के दर्शकों को टारगेट करके चल रहे हैं। वेब सीरीज ‘हिडन’ क्या है? ‘हिडन’ एक बेहतरीन वेबसीरीज है। इस वेब सीरीज में कई नामी कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई है। इसकी पेशकश बिल्कुल अलग और दर्शकों को लुभाने वाली हैं। इसके सारे पात्र काल्पनिक हैं। यह पुलिस, अपराध, ड्रग्स, हत्या और रहस्यपूर्ण घटना पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है। कहानी में सस्पेंस, क्राइम और ड्रग एंगल है, जो तब तक मोड़ लेता है जब तक कि सच्चाई की जीत नहीं हो जाती। ‘हिडन‘ के लेखक व निर्देशक विशाल सावंत, कैमरामैन कमल सिंह, संगीतकार रसीद खान हैं तथा इसे अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं- संतोष जुवेकर, संजय सोनू, दक्ष अजीत सिंह, जीत सिंह, मनवीर चौधरी, रजत वर्मा, रोहित परशुराम और संदीप पाठक। आपके प्लेटफार्म के कार्यक्रम देखने के लिए दर्शक को कितना धन देना पड़ेगा? हमारे प्लेटफार्म ‘पिंग पोंग’ के अभी दो मॉडल हैं। एक सब्सक्रिप्शन मॉडल और दूसरा मुफ्त वाला मॉडल। हमारे प्लेटफार्म पर किसी भी वेब सीरीज को रिलीज होने के छह माह बाद ‘मुफ्त मॉडल’ के तहत देख सकेगें। मुफ्त मॉडल में वेब सीरीज के बीच-बीच में विज्ञापन होंगे। लेकिन जब कार्यक्रम रिलीज होगा, तो उसे देखने के लिए सब्सक्रिप्शन लेना आवश्यक है। ‘पिंग पोग’ का एक माह का सब्सक्रिप्शन निन्यानवे रुपये, तीन माह का एक सौ निन्यानवे रूपए और छह माह का दो सौ निन्यानवे तथा एक वर्ष का तीन सौ निन्यानबे रूपए है। मुफ्त मॉडल में विज्ञापन के साथ वेब सीरीज देखना दर्शकों को महंगा पड़ सकता है? जी नहीं, क्योंकि अब इंटरनेट का खर्च ज्यादा नहीं आता। लोग मुफ्त में देखना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।हमारा प्लेटफार्म हमारे अपने सर्वर पर ही चल रहा है। ‘पिंग पोंग’ कब से फायदे में चलने लगेगा? हमारा अनुमान है कि आज से एक वर्ष के बाद हम बिना लाभ व बिना हानि के स्तर पर पहुँच जाएंगे। आप पूरे विश्व तक ‘पिंग पोंग’ को पहुँचाने के लिए क्या कर रहे हैं? हमारी डिजिटल मार्केटिंग काफी विकसित है। इस प्लेटफार्म के लिए डिजिटल मार्केटिंग ही ज्यादा जरूरी है। हमारा अपना दस बारह वर्ष का डिजिटल का अनुभव है। हमारे फेसबुक पर 3.5 मिलियन फॉलोवर्स हैं। इंस्टाग्राम पर 3.3 मिलियन है। तबोला के एक करोड़ दस लाख हैं. वेब सीरीज ‘हिडन’ का नया पोस्टर तीस लाख लोगों तक पहुँच चुका है। यूट्यूब पर भी अच्छा रिस्पांस है। रेवेन्यू के संदर्भ में किस तरह का रिस्पोंस मिल रहा है? अभी तक हमने थर्ड पार्टी से विज्ञापन के लिए संपर्क नहीं किया है। गूगल से हमारी बातचीत हुई है। गूगल ने सात सौ कंपनियों के साथ टाई अप करके दिया है। आप इस फ़िल्म में नया क्या कर रहे हैं? ‘हिडन’ के बाद हम वेब सीरीज ‘इश्क वाला लव’ लेकर आएंगे। फिर विक्रम गोखले निर्देशित मराठी वेब सीरीज ‘‘दंगल समझून घेउ’ करेंगे। इसमें माधव अंबेकर व रेशम टिपनिस जैसे बड़े बड़े कलाकार हैं। #OTT Platform #Hidden #Ping Pong #healthy entertainment oriented programs #Jeevan Babanrao Jadhav #OTT platform 'Ping Pong' हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article