संजीव कुमार By Mayapuri Desk 05 Jul 2017 | एडिट 05 Jul 2017 22:00 IST in सेलिब्रिटी फोटोज़ New Update Follow Us शेयर संजीव कुमार के जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि हिंदी सिनेमा के मशहूर और दिगज अभिनेताओं मए गिने जाने वाले हरिहर ज़रीवाला उर्फ़ संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को मुंबई के एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में हुआ था. इनके दो भाई थे जिनका नाम बॉलीवुड एक्टर किशोर जरीवाला और फिल्म प्रोडूसर नकुल जरीवाला था इसके साथ एक बहन भी है जिसका नाम गायत्री है. संजीव कुमार ने कभी शादी नहीं की लेकिन हेमा मालिनी के लिए इनका एक तरफ़ा प्यार और सुलक्षणा पंडित का संजीव कुमार के लिए एक तरफ़ा प्रेम किसी से नहीं छुपा। संजीव कुमार बचपन से ही फिल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखा करते थे. इसी सपने को पूरा करने के लिए वह अपने जीवन के शुरुआती दौर मे रंगमंच से जुड़े और बाद में उन्होंने फिल्मालय के एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया. इसी दौरान वर्ष 1960 में फिल्म ‘हम हिन्दुस्तानी’ में एक छोटी सी भूमिका निभाने का मौका मिला.बतौर अभिनेता संजीव कुमार को वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म ‘निशान’ में काम करने का मौका मिला. इसके बाद उन्होंने ‘स्मगलर’, ‘पति-पत्नी’, ‘हुस्न और इश्क’, ‘बादल’, ‘नौनिहाल’ और ‘गुनाहगार’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया लेकिन कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई. वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म ‘शिकार’ में वह पुलिस ऑफिसर की भूमिका में दिखाई दिए. इस फिल्म में उनके दमदार अभिनय के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का ‘फिल्म फेयर अवार्ड’ भी मिला. वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म ‘संघर्ष’ में उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम किया. इसके बाद ‘आशीर्वाद’, ‘राजा और रंक’, ‘सत्यकाम’ और ‘अनोखी रात’ जैसी फिल्मों में मिली कामयाबी के जरिए संजीव कुमार दर्शकों के बीच अपने अभिनय की धाक जमाया. 1970 में प्रदर्शित फिल्म ‘खिलौना’ की जबरदस्त कामयाबी के बाद संजीव कुमार बतौर अभिनेता अपनी अलग पहचान बना ली। वर्ष 1970 में ही प्रदर्शित फिल्म ‘दस्तक’ के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म ‘कोशिश’ में वह गूंगे की भूमिका में नजर आये. इस फिल्म में उनके लाजवाब अभिनय के लिए उन्हें दूसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया. वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘नया दिन नयी रात’ में संजीव कुमार के अभिनय और विविधता के नए आयाम दर्शकों को देखने को मिले इस फिल्म में उन्होंने नौ अलग-अलग भूमिकाओं में अपने अभिनय की छाप छोड़ी. फिल्म में संजीव कुमार ने लूले-लंगड़े, अंधे, बूढे, बीमार, कोढ़ी, हिजड़े, डाकू, जवान और प्रोफेसर के किरदार को निभाकर जीवन के नौ रसो को रूपहले पर्दे पर साकार किया. वर्ष 1975 में प्रदर्शित रमेश सिप्पी की सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में वह फिल्म अभिनेत्री जया भादुड़ी के ससुर की भूमिका निभाने से भी नहीं हिचके हांलाकि संजीव कुमार ने फिल्म ‘शोले’ के पहले जया भादुडी के साथ ‘कोशिश’ और ‘अनामिका’ में नायक की भूमिका निभाई थी.फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में उन्होंने महान निर्देशक सत्यजीत रे के साथ काम करने का मौका मिला. इस फ़िल्म के जरिए भी उन्होंने दर्शकों का मन मोहे रखा. इसके बाद संजीव कुमार ने ‘मुक्ति’ (1977), त्रिशूल (1978), ‘पति पत्नी और वो’ (1978), ‘देवता’ (1978), ‘जानी दुश्मन’ (1979), ‘गृहप्रवेश’ (1979), ‘हम पांच’ (1980), ‘चेहरे पे चेहरा’ (1981), ‘दासी’ (1981), ‘विधाता’ (1982), ‘नमकीन’ (1982), ‘अंगूर’ (1982) और ‘हीरो’ (1983) जैसी कई सुपरहिट फ़िल्मों के जरिए दर्शकों के दिल पर राज किया. पर वो कहते हैं न जो सूरज उगता है वो अस्त भी होता है ऐसा ही कुछ संजीव कुमार के साथ भी हुआ।ऐसा ही कुछ हुआ संजीव कुमार के साथ भी, अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिल में खास पहचान बनाने वाले इस शानदार कलाकार ने मात्र 6 नवंबर 1985 को दिल का गंभीर दौरा पड़ने के कारण इस दुनिया को अलविदा कह गए। #Sanjeev kumar हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article