हैप्पी बर्थडे अलोक नाथ
हिंदी सिनेमा एक एवर ग्रीन बाबू जी और आदर्श पिता की भूमिका के लिए जाने जाने वाले आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 को दिल्ली में एक डॉक्टर के परिवार में हुआ। इनके पिता दिल्ली में एक डॉक्टर थे और मां एक हाउसवाइफ थीं।आलोक नाथ ने अपनी स्कूलिंग और ग्रेजुएशन दिल्ली से किया। कॉलेज के दिनों में एक्टिंग में रुझान होने की वजह से वह कॉलेज के रुचिका थिएटर ग्रुप से जुड़े रहे। इसके बाद उन्होंने तीन साल तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई की। आलोक नाथ के पिता चाहते थे कि वह एक डॉक्टर बने लेकिन वह डॉक्टर नहीं बनना चाहते थे और उन्होंने एक्टिंग को अपने करियर के रूप में चुना। इसके बाद इन्होंने 1987 में आशू सिंह से विवाह किया और उनसे इन्हें एक बेटा है शिवांग और नुपूर है ।
आलोक नाथ ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में फिल्म ‘गांधी’ से की। इस फिल्म में काम करने का मौका इन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई के दौरान मिला। 1980 में कॉस्टिंग डायरेक्टर डॉली ठाकुर फिल्म ‘गांधी’ में एक छोटे से किरदार के लिए एनएसडी आई थीं, जहां कई लोगों का ऑडिशन लेने के बाद उन्होंने आलोक नाथ को चुना। इस फिल्म के लिए उन्होंने आलोक नाथ को बीस हजार रुपये दिए थे।
जिसको उन्होंने अपने पिता के हाथों में दिया जिससे उनके पिता काफी हैरान हो गए थे। इसके बाद उनके पिता ने खुश होते हुए कहा कि अच्छा हुआ तुमने एक्टिंग में अपना करियर बनाया। उस समय उनके पिता की एक साल की सैलरी 10 हजार हुआ करती थी।इसके बाद आलोक नाथ मुंबई आ गए। लेकिन दूसरी फिल्म के लिए आलोक नाथ को 5 साल तक संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने 2 साल तक पृथ्वी थिएटर में नादिरा बब्बर के साथ अभिनय किया। इसमें इन्होंने 30 से 40 शार्ट फिल्में की थी। इसी दौरान आलोक नाथ को फिल्म ‘मशाल’ के लिए ऑफर आया, जिसको उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस फिल्म में इनका किरदार बहुत ही छोटा था। इसके बाद फिल्म ‘लम्हे’ और ‘आज की आवाज’ में भी काम किया।आलोक नाथ ने 140 फिल्मों में से 95 फीसदी फिल्मों में ‘बाबूजी’ का किरदार निभाया, जिससे इन्हें इंडस्ट्री में ‘बाबूजी’ के नाम पहचाना जाने लगा। इनकी कुछ मशहूर फिल्मे हैं (1982)गाँधी,(1984) सारांश,(1987) ज़ेवर,(1988 )तृषाग्नि ,(1988) अग्नि, (1989 ) मैंने प्यार किया, (1990) अग्निपथ, (1992 ) सपने साजन के, (1993 ) तारा,(1994 )गैंगस्टर, (2005 ) पुलिस फाॅर्स: इन इनसाइड स्टोरी ,(2006 )विवाह (2008 )एक विवाह... ऐसा भी,(2014 ) पुनः गोंधल पुनः मुजरा आदि और ये पिछले साल 2016 आई में आई फिल्म 'दिल तोह दीवाना है'में आखरी बार दिखाई दिए थे ।
अलोक नाथ ने टेलीविजन में सीरियल ‘हम लोग’ से अपने टीवी क़रीर की शुरुआत की। फिल्मों के साथ ही आलोक नाथ ने टीवी सीरियल में भी काम किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने सीरियल ‘हम लोग’ से की। यह इनका पहला सीरियल था, जो दूरदर्शन में प्रसारित किया गया. लेकिन इनको पहचान सीरियल ‘बुनियाद’ से मिली ।यह सीरियल 1986 में काफी लोकप्रिय हुआ करता था ।इसके बाद इन्होने कई सीरियल्स में काम किया जैसे- ये रिश्ते -नाते,तलाश ,पिया का घर ,घर एक सपना ,यहाँ मैं घर घर खेली,दो दिल बंधे एक डोरी से ,तू मेरे अगल बगल है और आखरी बार ये 2015 से 2016 के बीच ये रिश्ता क्या कहलाता है मए दिखाई दिए थे इससे पहले आलोक नाथ ने 1983 में फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ और ‘सारांश’ की थी 1980 में फिल्म ‘गांधी’ के लिए उन्हें बेस्ट पिक्चर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा भी गया था।