सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2018 का जोरदार समापन By Mayapuri Desk 19 Oct 2018 | एडिट 19 Oct 2018 22:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर करीब एक सप्ताह चले सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2018 का आज समापन हो गया 14 से 18 अक्टूबर तक चलने वाले सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बार 58 देशों की करीब 194 फ़िल्में दिखाई गई। दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन द सोशल सर्किल द्वारा एनडीएमसी के सहयोग से किया जाता है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्वीकृत इस फिल्म फेस्टिवल में पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, फिल्म बंधू उत्तर प्रदेश और झारखण्ड प्रदेश सहयोगी हैं और इसका आयोजन एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया गया। फेस्टिवल की ओपनिग फिल्म ट्युनिसिया के जाने माने निर्देशक नासेर खेमिर की ‘विस्प्रिंग सेंड्स” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवॉर्ड दिया गया और भारतीय खंड में शामिल फिल्म नेवेल द ज्वेल के लिए अभिनेत्री श्वेता मेनन को बेस्ट अभिनेत्री का अवॉर्ड दिया गया। इस मौके पर मशहूर गायक दलेर मेहंदी को भी फेस्टिवल का सबसे बड़ा पुरस्कार मीनार ए दिल्ली दिया गया। इस बार ट्युनिसिया फेस्टिवल का ओपनिंग स्पेशल कंट्री पार्टनर और इंडोनेशिया क्लोजिंग अवॉर्ड समारोह का स्पेशल पार्टनर थे इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और सीरिया कंट्री पार्टनर्स थे। सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बार 75 देशों से करीब 600 फ़िल्में आई जिनमे से 58 देशों की 194 फ़िल्में दिखाई गई . इनमें कम्पटीशन खंड में करीब 40 फ़िल्में शामिल हुई। इस बार भारतीय सिनेमा खंड में जो फ़िल्में शामिल की गई हैं उनमे श्वेता मेनन और आदिल हुसैन की ‘द नेवेल ज्वेल’, स्वरा भास्कर की ‘सुसाइड कम्पनी डॉट कॉम,’ मुग्धा गोडसे की ‘दृष्टी’, विजय राज की ‘फेररोउस’ जैसे फ़िल्में हैं. इनके साथ ही कश्मीर पर बनी कुल गोव गारेम, रुपेश कुमार सिकंद की अनफिट, छोटी उम्र में अनजाने विवाह पर बनी भूमि, किराए के मकान की दिक्कतों को दिखाती ‘टूलेट’ और सेनेटरी पैड की लड़ाई लड़ती एक छोटी बच्ची की कहानी पर आधारित ‘टू लेट’ ने दर्शकों का धयान खूब खींचा। सीमा पर का सिनेमा इस बार ख़ासा चर्चा में रहा इसकी वजह है की इस बार फेस्टिवल में पाकिस्तान की चर्चित फिल्म ‘पर्ची’, ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’, नेपाल की ‘फुल्सरी’ और बंगला देश की ‘अलता बानो उर्फ़ टू सिस्टर’ जैसे फ़िल्में देखी शामिल हुई जिनमें खेल के लिए जूझती महिलाओं और प्राक्रतिक आपदाओं से जूझते लोगों में पढ़ाई को लेकर संघर्ष दिखाया गया है. दूसरी तरफ विश्व सिनेमा में इस बार कुर्दिश भाषा में बनी निर्देशक वेयसी आलते की फिल्म ‘नुजिन‘, चर्चा की विषय जहाँ कुछ महिलाओं की टीम आतंकवादियों से लोहा ले रही है तो ईरान के निर्देशक फर्ज़ाद रेफाही की फिल्म, ‘ए सिंपल लव स्टोरी‘, भी चर्चा में रही जहाँ दो शरणार्थी युवतियां आपस में सम्बन्ध को लेकर पशोपेश में हैं लेकिन अन्तः दोनों साथ रहने का फैसला करती हैं. कायदे से नए इरान को देखने के लिए ये एक अच्छा मौका था। फेस्टिवल में इस बार पांच देश विशेष रूप से शामिल थे इनमे ट्युनिसिया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और सीरिया के सिनेमा को फेस्टिवल में फोकस किया गया। ट्युनिसिया और इंडोनेशिया के सिनेमा को फेस्टिवल में विशेष तरजीह भी दी गई लेकिन 15 अक्टूबर को फेस्टिवल में शामिल सीरियन फिल्म्स डे, 16 अक्टूबर को मैक्सिकन फिल्म्स डे 17 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया फिल्म्स डे फेस्टिवल के ख़ास दिन रहे जहाँ इन देशों की फिल्मों, डिप्लोमेट्स, पर्यटन और संस्कृति से लोग रूबरू हुए .इस मौके पर 16 अक्टूबर को फेस्टिवल के चर्चित आर्ट शो और कैम्प का उद्घाटन भी किया गया जिसमे इंडोनेशिया के मशहूर पेंटर किरिश्नंदा द्विलाकसना की पेंटिंग्स साथ ही देश विदेश के 10 कालाकारों के मूर्तिशिल्प और पेंटिंग्स भी चर्चा का विषय रही यही नहीं, फेस्टिवल में इस बार अमेरिका की प्रवासी गायक अलका भटनागर का वीडियो एलबम ख्वाब सुनहरे और सरफराज राजा की कश्मीर पर लिखी किताब ‘टियर्स और कश्मीर’ भी लॉन्च किये गए. छठें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 54 देशों की 167 फ़िल्में दिखाई गई थी। #bollywood news #bollywood #Bollywood updates #Daler Mehndi #television #Telly News #2018 #7th Delhi International Film Festival हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article