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वो दिन दिसंबर की 28 तारीख थी , एक ऐसा दिन जब मैं सारे काम और दुनियादारी को भूलकर सिर्फ उनके याद में गुजार देता हूँ जिसे मैंने पहले और आखिरी प्यार किया था और अब भी करता हूँ। उस दिन उनका जन्म हुआ था जिसने मेरी जिंदगी को बदल दी।
Top 50 Indian Icon Awardउस दिन मैं ऐसे ही ख्यालों में खोया हुआ था जो सिर्फ उनके साथ जुडी हुई थी। इतने में मेरे बहुत ही अच्छे दोस्त और मेरे संपादक श्री पी.के. बजाज का फ़ोन आया, कोई और होता तो मैं शायद मैं फ़ोन नहीं उठाता जैसे मैं सुबह से कई लोगो के फ़ोन नहीं उठा पाया। क्योंकि मैं ने तय किया था की मैं किसी भी सूरत में इस दुनिया से नहीं उलझूंगा क्योंकि मैंने दृढ निश्चय कर लिया था की उस दिन मैं सिर्फ उनके लिए जीऊंगा।
Top 50 Indian Icon Awardउनका फोन आता है तो अजीब उत्सुकता होती हैं
बजाज साहब का फ़ोन एक ऐसा फ़ोन होता है जिसको उठाने में एक अजीब उत्सुकता होती है और किसी कारन मैंने उनसे बात करना चाहा। लेकिन मेरे कुछ अल्फाज निकलने से पहले उन्होंने बताया की वो दिल्ली से मुंबई आ रहे थे और उन्होंने मुझसे शाम को मुक्त रहने को कहा।
Top 50 Indian Icon Awardमैं थोड़ा सा उलझन में पड़ गया था क्योंकि उसी शाम को मैं बहुत सारे फूल और एक बड़ा और बढ़िया केक लेकर उनका जन्मदिन मनाने के लिए उनके अस्पताल जाने वाला था। मैंने मेरे पास जो थोड़ा बहुत सोंचने की शक्ति है वो सारा लगा दिया। मेरा वक्त के साथ हमेशा जंग चलता रहता है और वक्त ने मेरा पीछा उस दिन भी नहीं छोड़ा। मैं अस्पताल पहुँच गया , उनका जन्मदिन मनाया और फिर आ गया बजाज साहब का इंतज़ार करने।
Archana Kochhar, shri Navneet Hullad Muradabadi, Yogesh Lakhaniहम मिले और बजाज साहब ने मुझे एक बहुत बड़ा सरप्राइज दिया। उन्होंने कहा की उस शाम को मुझे एक बड़ा अवार्ड दिया जाने वाला था और वो अवार्ड था 'फिफ्टी आइकन्स ऑफ़ इंडिया' मैं वक्त से बहुत पहले इस्कॉन ऑडोटोरियम में पहुंच गया था जब कोई भी पहचान का आदमी मुझे दिखाई नहीं दिया सिर्फ बजाज साहब और उनके C.E.O शेखर के सिवाए।
Shekhar Chopra, P.K Bajajमैं बैठा रहा लेकिन मुझे कोई तकलीफ महसूस नहीं हो रहा थी क्योंकि मेरा दिल और दिमाग अभी भी उनके साथ था जिनको मेरे दिल ने आज न्योता दिया था। आखिर कार्यक्रम शुरू होने के निशान दिखाई देने लगे। एक व्यक्ति जो काफी फुर्तीला लग रहा था वो ऐसे भागम भाग कर रहा था की मुझे पूछना पड़ा बजाज साहब से इनके बारे में और उन्होंने कहा की वो दुष्यंत प्रताप सिंह थे जो उस शाम की सारी जिम्मेदारी लिए हुए थे।
Pankaj Berry, Yogesh Lakhaniअवार्ड प्रदान करने का वक्त आ गया आखिर। मैंने देखा की देश विदेश से कई महानुभाओं अवार्ड दिए जा रहे थे और कई बार मेरे दिल ने ये सोचा की इतने बड़ी महफ़िल में मेरी क्या हैसियत थी, कभी कभी ऐसा भी लगा की मैं भाग जाउं , लेकिन जब भी बजाज साहब का चेहरा दिखाई देता था तब मैं वापस स्थान ग्रहण कर लेता था।
Manish Paul, Vikram Singhएक वक्त ऐसा आया की मुझे लगा दुष्यंत प्रताप सिंह मुझे भूल ही गए और जब कार्यक्रम का समापन होने वाला था, मुझे एक ऐसा चौंकाने वाला सरप्राइज मुला जो मैं सोच भी नहीं सकता था। काम से काम बीस महान हस्तियां जो मंच पर खरे थे उनके सामने दुष्यंत सिंह ने मेरे बारे में बोलना शुरू किया और जितना वो बोलते गए मेरे आँख भर आये क्योंकि वो मेरी ऐसी तारीफ कर रहे थे जो सच पूछो तो सच के सिवा और कुछ नहीं था। जब मैं ट्रॉफी लेकर निचे आ रहा था मेरा दिल मेरी माँ के बारे में सोच रहा था जिन्होंने मुझे बड़े होते हुए देखा भी नहीं था।
Top 50 Indian Icon Awardऔर जब बजाज साहब ने मेरे लिए एक शानदार दावत का आयोजन किया और मैं मीठी कस्टर्ड खा रहा था तब मुझे उनका चेहरा हर बार सामने दिखाई दे रहा था। हर साल , पिछले दस साल से मैं दिसंबर 28 को एक नयी किताब का विमोचन करता हूँ वो भी बजाज साहब की मेहरबानी से, इस बार भी मैंने दो किताबों का विमोचन किया , लेकिन उस दिन की रात मैं कभी भूल नहीं सकता जब मैं जो एक बार साधारण और बिलकुल आम आदमी हूँ , आइकॉन कैसे बन गया, जिंदगी भर नहीं भूलूंगा वो मान और सम्मान की बरसात की रात।
P.K Bajaj
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Yogesh Lakhani
Shyam Sharma, P.K Bajaj
P.K Bajaj, Yogesh Lakhani
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Dushyant Pratap Singh, Ramakant Munde
Dushyant Pratap Singh
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