मशहूर पत्रकार अली पीटर जॉन ने अपने 67 वें जन्मदिन पर, अपनी किताब 'लव लेटर्स फ्रॉम द लेजेंट्स टू ए वॅबॉन्ड' को पचास वर्षों तक अपने कैरियर में हिंदी सिनेमा की मशहूर कहानियो और रोचक किस्सों से पचास पत्रों का संग्रह जारी किया। दिलचस्प बात यह है कि इस अवसर पर अली पीटर जॉन ने बॉलीवुड किंग शाहरुख खान से ही 51 वां पत्र प्राप्त किया है।
अली पीटर जॉन की किताब 'लव लैटर्स फ्रोम लीजेंड्स टू ए वेगबॉन्ड', जो एसएल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है, में देव आनंद, अमिताभ बच्चन, सुनील दत्त, दिलीप कुमार, जैकी श्रॉफ, रेखा, जया बच्चन, सुभाष घई, सोनू निगम, प्राण, यश से मिले पत्र भी शामिल हैं। इसके अलावा यश चोपड़ा, विनोद खन्ना, सचिन भूमिक, रवीना टंडन, बीआर चोपड़ा, सिमी ग्रेवाल, हृदयनाथ मंगेशकर, लता मंगेशकर, रामानंद सागर, रोहिणी हट्टागढ़ी, दारा सिंह, सूरज बड़जत्या, असरानी, अमरीश पुरी, चंद्रशेखर, भावना सुमाया, ऋषि कपूर आदि भी इस सूची में शामिल हैं।
अली पीटर जॉन का कॉलम अली की नोट्स स्क्रीन में 44 साल तक एक फीचर था। जिसके बारे में खुद अमिताभ बच्चन ने उनके बारे में अली के कॉलम के प्रभाव के अपने पत्र में स्वीकार किया है और कहा है , 'आज मैं अपने घर से बाहर चला गया, बेहतर महसूस कर रहा हूं, थोड़ी अधिक साहसी और मेरे एड्रेनालाईन से अधिक बह रही है ... मुझे वास्तव में मेरी खुशी पर्याप्त रूप से व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है और आज मेरे इंटरव्यू के कवरेज के लिए तुम्हारा धन्यवाद । '
इस बारे में 'रेखा लिखती हैं 'पानी कुछ भी नहीं है लेकिन फिर भी वो सभी चीजों के चारों तरफ बहता है, लेकिन यह हर उस चीज को खत्म कर देता है जो इसे लंबे समय तक रोक कर रखता है। फिर चाहे वो चीज इसे रोकने के लिए उसके सामने हो पीछे हो या फिर दाएं बाए, पानी के प्रवाह को रोकना लगभग असंभव है हमेशा याद रखें कि जब भी इसका प्रवाह बंद हो जाता है ... यह स्थिर हो जाता है! मेरा मानना है कि हमारे जीवन को इसी तरह से रहना चाहिए ! आपको अपने आप पर गर्व होना चाहिए क्योंकि मैं हूं !!!
इसके अलावा बॉलीवुड और टीवी रिपोर्टर के एडिटर इन चीफ, कुमार मोहन, ने भी अपनी भावनाए व्यक्त की और कहा 'अली पीटर जॉन ने एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना से मुलाकात की जो हाल ही में उनके पैर की उंगलियां कट जाने की वजह से हुई थी। लेकिन फिर भी अस्पताल से अगली सुबह, उसने मुझे अपना अगला कॉलम भेजा। जीवन के लिए उनकी ऊर्जा और उत्साह यही है। '
सुभाष घई मानते हैं कि अली पीटर जॉन 'प्रेरणा दे रहे हैं' जबकि विनोद खन्ना ने स्वीकार किया था कि अली पीटर जॉन ने 'पूर्ण जीवन जीता है और औसत इंसान की तुलना में अधिक व्यतीत किया है।' सिमी ग्रेवाल का कहना है कि वह एली पीटर जॉन की सुंदर भावनाओं ने छुआ और चले गए, 'मैं चाहती हूं कि यह टुकड़ा दुनिया के हर पत्रिका में प्रकाशित हो।'
लता मंगेशकर मानती हैं कि वह अपने स्तंभ को पढ़ रही है और उन्हें बताती है कि 'आप हमेशा मेरे लिए स्तुति के शब्दों में बहुत उदार थे।' परन्तु अंतिम शब्द देव आनंद से आता है, जो अपने नोट के नीचे 'आपके प्रशंसकों में से एक, देव आनंद से प्यार करता है।'
अली पीटर जॉन के जन्मदिन पर इतने पत्र कोई झूठी प्रशंसा या किसी प्रकार की अतिश्योकिती नहीं है बल्कि ये कमाल तो उनकी कलम से निकले उन अनमोल शब्दों का प्रभाव था जिनसे बॉलीवुड के ये चमचमाते सितारे भी प्रभावित हुए नहीं रह पाए। उनके अब तक के योगदान और मायापुरी मैगज़ीन के साथ उनके इतने लम्बे सफर के लिए उनका धन्यवाद और हम सब की ओर से जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।