के.रवि (दादा)
अशफ़ाक खोपेकर दादासाहेब फालके फिल्म फाउंडेशन के तहत उन लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं, जिनके सपने अधूरे रह गए या जिन लोगों को सही रास्ता नहीं मिला। उनके लिए सुगम मार्ग तैयार किया है। जिनका कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं होता ऐसे लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ता हैऔर वो ठगते जाते हैं । ऐसे ही लोगों के लिए वह एक सुगम रास्ता देने के लिए तत्पर हैं।
हाल ही में दादासाहेब फालके फिल्म फाउंडेशन द्वारा चार गजल के ट्रैक तैयार किये गए हैं जिनमें चार देश के अलग अलग जगह से आये हुए गायक मंजू सिंह, ताहिर खान, मासूम रजा ट्रेसन को मौका दिया गया है। इससे पहले तरुणा शुक्ला और वसुधा पंड्या को भी गायकी का मौका मिल चुका है। इनकी आने वाली एल्बम का नाम है 'तिनका तिनका'। देखा जाये तो प्रतिभावान कलाकारों के सपनों की उड़ानों को नये पंख देने का काम करते हैं अशफ़ाक खोपेकर।
आपको बता दें कि दादासाहेब फालके फिल्म फाउंडेशन की टीम स्टारमेकर के माध्यम से नवीन गायकों का चुनाव करते हैं। इसके लिए निर्णायक मंडल की टीम भी है जो योग्य गायकों का चुनाव करते हैं। इस स्टारमेकर एप्प से चुने गायकों को उनकी सुविधानुसार मंच प्रदान किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली जाती और यह हर वर्ग के लोगों के लिए है। इसमें उम्र की सीमा नहीं केवल उनकी योग्यता जरूरी है। अपने घर बैठे ही उन्हें मंच उपलब्ध हो जाता है। व्यक्ति देश के किसी कोने में हो उसे सुविधा मुहैया कराई जाती है। चयनित गायकों को गाने का मौका दिया जाता है और इन्हे गाने के लिए प्लेटफार्म दिए जाते है। इन गीतों का इस्तेमाल फिल्मों, शॉर्टफ़िल्मों और एलबम में किया जाता है। गायक ही नहीं इंडस्ट्री से जुड़े अन्य क्षेत्रों जैसे गीतकार, संगीतकार, कलाकार और टेक्नीशियन का भी चुनाव डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से किया जाता है जैसे मौज एप्प, इंस्टाग्राम, रील, फेसबुक आदि कई अप्प से इनका चयन कर इन्हें जानकारी दी जाती है।
गौरतलब हो कि मुंबई में जन्मे और मायापुरी को अपनी कर्मभूमि बनने वाले अशफ़ाक खोपेकर किसी पहचान के मोहताज नहीं है। फ़िल्म इंडस्ट्री में नहीं बल्कि हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने वाले अशफ़ाक जाति और धर्म से ऊपर इंसानियत को मानने वाले हैं। अशफ़ाक खोपेकर दादासाहेब फालके फ़िल्म फाउंडेशन और स्क्रीन राइटर गिल्ड ऑफ इंडिया असोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं। इसके साथ ही वे कई असोसिएशन के साथ कार्य कर रहे हैं। लगभग सन उन्नीस सौ तिरानवे से उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और इस मुकाम तक पहुंच जीत हासिल की, लेकिन इनका कारवां आज भी आगे बढ़ता जा रहा है। अब ये दूसरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के रास्ते दिखा रहे है। इन्होंने इंडस्ट्री में अपने कदम जमाने के लिए संघर्ष किया। कई उतार चढ़ाव आये लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी आगे बढ़ते रहे और धैर्य का साथ कभी नहीं छोड़ा। उनकी तरह किसी और को समस्याओं का सामना ना करना पड़े इसके लिए यह लोगों को मुफ्त में प्लेटफार्म मुहैया करवा रहे हैं।
अशफ़ाक खोपेकर इंडस्ट्री में रहकर कई काम किए हैं। सबसे पहले लीलाधर सावंत के साथ मिलकर फ़िल्म 'पनाह' और 'बेदर्दी' का निर्माण के लिए फायनेंस किया था। उसके पश्चात 'आजादी की ओर' धारावाहिक का निर्माण किया था, जिसमें महाभारत धारावाहिक के दिग्गज कलाकार शामिल थे। इन्होंने 'सियासत द पॉलीटिक्स' फ़िल्म का भी निर्माण किया है। जिसके लेखक, निर्माता और निर्देशक ये स्वयं हैं। वे एक सौ तीस से अधिक गाने और कई शार्ट फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। लेखन और निर्देशन में इनकी उम्दा पकड़ है।