बॉलीवुड फिल्म निर्देशक धीरज कुमार कहते हैं, कोई जगह, कोई शहर छोटा हो सकता है मगर देखा जाने वाला कोई भी ख्वाब छोटा नहीं होता है By Mayapuri Desk 27 Oct 2021 | एडिट 27 Oct 2021 22:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर बिहार पटना के मीठापुर के एक बेहद साधारण मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले धीरज कुमार (Dhiraj Kumar) को बचपन से ही सिनेमा देखने का बहुत शौक था, मगर सरकारी नौकरी करने वाले बाबूजी को सिनेमा देखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। ऐसे में नन्हा धीरज अक्सर अपनी मां के साथ पटना के सिनेमाघरों में फिल्में देखने जाया करता था। सिनेमाघर के अंधेरे हॉल में हर फिल्म के साथ धीरज के मन में सिनेमा की दुनिया में कदम रखने की इच्छा होने लगी थी। धीरज पटना जैसे शहर में एक साधारण परिवार से होते हुए भी एक दिन बॉलीवुड में फिल्में बनाने का ख्वाब देखने लगे थे। नन्हें धीरज की उससे भी बड़ी समस्या ये थी कि वो अपने पैरों से लाचार थे, क्योंकि वो बचपन से ही पोलियो का शिकार थे। ऐसे में उन्हें कहीं आने-जाने, चलने-फिरने में ही दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन उन्हें आते-जाते उपहास का पात्र बना दिया गया था। ऐसे में धीरज के लिए मुंबई में आकर बॉलीवुड में फिल्म बनाने का सपना देखना भी उनके हैसियत के बूते की बात नहीं थी। मगर धीरज कुमार ने कभी हिम्मत नहीं हारी।आज धीरज का जन्मदिन है उस पर खास जानकारी उस से जुडी हुई। सबसे पहले तो उन्होंने बड़ी मेहनत से अपने पोलियोग्रस्त पैरों के सहारे सहजता से चलना-फिरना सीखा और लोगों की उलाहना देती नजरों के बीच हमेशा अपने हौसला को बनाये रखा। फिल्म बनाने का ख्वाब लेकर मुंबई आए तो उनकी मुलाकात 'आशिकी' स्टार राहुल रॉय से हुई। उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई तो राहुल रॉय ने उनकी पहली भोजपुरी फिल्म 'ऐलान' को प्रोड्यूस करने का फैसला किया, जिसमें मनोज तिवारी के साथ वो खुद ही हीरो भी थे। इस तरह से धीरज ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। जल्द ही धीरज कुमार की अगली फिल्म 'सुस्वागतम खुशामदीद' भी रिलीज होने जाने जा रही है। धीरज कुमार ने पुलकित सम्राट और इसाबेल कैफ स्टारर इस फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है और फिल्म फिलहाल पोस्ट-प्रोडक्शन में है। अपने इस अविश्वनीय सफर के बारे में धीरज कुमार कहते हैं, 'कोई जगह, कोई शहर छोटा हो सकता है मगर देखा जाने वाला कोई भी ख्वाब छोटा नहीं होता है। किसी शख्स में बस उसे पूरा करने का जुनून और हौसला होना चाहिए। विपरीत हालातों में बचपन में किए अपने संघर्ष को मैंने अपने जुनून में बदला और आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं कि मैं बॉलीवुड में अपनी मनपसंद फिल्में बना रहा हूं। अभी-अभी शुरू हुआ मेरा ये सफर बॉलीवुड के आसमां पर छा जाने को बेताब है।' #about Dheeraj Kumar #dheeraj kumar #Dheeraj Kumar says हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article