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गत दिनों वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार के एम श्रीवास्तव की पुस्तक अतीत का एक जरुरी पन्ना ' बॉम्बे टॉकीज' के लोकार्पण समारोह को हम कैसे भूल सकते है, वह फ़िल्म उद्योग का एक जरूरी इतिहास है। 'यह विचार अभिनेता गजेंद्र चौहान ने वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार के एम श्रीवास्तव की पुस्तक अतीत का एक जरुरी पन्ना 'बॉम्बे टॉकीज' के लोकार्पण समारोह में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कथाकार सुदीप ने की और मुख्य अथिति थे चन्द्रशेखर पुसालकर (दादासाहब फालके के नाती)
इस मौके पर बोलते हुए कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने कहा 'बॉम्बे टॉकीज' ने अछूत कन्या जैसी फ़िल्म बनाकर फिल्मों के परंपरागत ढ़ाचे को तोड़ा।' अभिनेता सुरेंद्र पाल व असीमा भट्ट ने भी अपने विचार रखे। संचालन देवमणि पांडेय व संयोजन अमर त्रिपाठी ने किया। छायाकार : रमाकांत मुंडे
Surendra Pal, Gajendra Chauhan
Surendra Pal, Gajendra Chauhan, Ramakant Munde
Sharad Rai
Gajendra Chauhan, Surendra Pal, Ramakant Munde
Gajendra Chauhan
Gajendra Chauhan,
Surendra Pal
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