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अंधेरी वेस्ट में मर्सिडीज बेंज के तहत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक कार्यकर्म आयोजित किया गया , इस आयोजन की मुख्य अतिथि सशक्त महिला और समाज सेविका स्मिता ठाकरे थी !#PledgeToRise नामक इस कार्यक्रम में स्मिता ठाकरे की संस्था 'मुक्ति फाउंडेशन ' का भी सहयोग था ! इस आयोजन में सभी आयु की महिलाओं ने भाग लिया। सशक्तिकरण, शिक्षा और पर्यावरण इन तीन पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए:स्मिता ठाकरे ने महिलाओं को अपनी पसंद की किसी भी एक श्रेणी में इस तरह का प्रण लेने के लिए प्रेरित किया ! जबकि डॉ विश्वनाथ प्रभु ने धैर्यपूर्वक वहां सभी उपस्थित महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों का उत्तर दिया।
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महज़ महिला दिवस पर ही नहीं, बल्कि स्मिता ठाकरे और उनका लाभ निरपेक्ष संगठन मुक्ती हमेशा से ही महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा को लेकर बेहद सक्रीय रहा है. उनके द्वारा पहले भी महिलाओं के लिए कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया गया है. जैसे कि ठाणे जेल में योग से जुड़ी कार्यशालाओं का आयोजन, महिलाओं की सुरक्षा की ख़ातिर देर रात तक लोकल ट्रेनों में बैटन्स और पैपर स्प्रे के साथ मुक्ति मार्शल्स की तैनाती आदि.
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इतना ही नहीं, सरकार द्वारा प्लास्टिक पर पाबंदी लगाए जाने के बाद मुक्ति फ़ाउंडेशन ने ग़रीब महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए सिलाई मशीनों से जुड़ी कार्यशालाओं का आयोजन किया था जिसके ज़रिए तमाम महिलाओं को कपड़े के बैग, कुशन कवर, स्लिंग बैग, कोस्टर्स आदि का निर्माण का मौका और रोज़गार मिला.
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इस संगठन को पिछले दो दशकों में एचआईवी-एड्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से वैश्विक स्तर पर सम्मान मिल चुका है. स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि के लिए भी इस संगठन को भी दुनिया भर में ख़ूब पहचान मिली. संगठन द्वारा इन क्षेत्रों में किए गए विशेष कार्यों के चलते सामाजिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में काफ़ी मदद मिली. मुक्ति फ़ाउंडेशन द्वारा इस क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान से सभी वाकिफ़ हैं. हाल ही में एचआईवी से संबंधित जागरुकता के लिए एलजीबीटी+फ़्रीडम परेड का आयोजन किया गया था जिसका समर्थन मशहूर अभिनेत्री सनी लियोन ने किया था. इसके अलावा ब्रांड एम्बैसेडर जॉन अब्राहम के साथ I-Pledge अभियान और तमाम तरह के रोड शोज़, सेलेब्रिटी फ़ंड रेज़र से जुड़े कंसर्ट जैसे तमाम आयोजन हुए हैं.
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समय-समय पर हेलन किलर इंस्टिट्यूट को आर्थिक मदद से लेकर तमाम तरह के उपकरण भी मुक्ति फ़ाउंडेशन ने मुहैया कराए हैं. इसके अलावा स्पास्टिक सोसायटी से जुड़े कार्यों में भी फ़ाउंडेशन ने ख़ासा सहयोग प्रदान किया है. फ़ाउंडेशन ने पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया है
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स्मिता ठाकरे ने कहा, 'मैं पूरी शिद्दत के साथ ज़रूरतमंद महिलाओं की मदद करने का प्रयास करती हूं और उम्मीद करती हूं कि मेरी इस कोशिशों से मेरे आसपास के लोग भी प्रेरित हों ताक़ि समाज के ज़रूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिशों में हम पूरी तरह से कामयाब हों. इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मैं प्रण लेती हूं कि मैं महिलाओं के सशक्तिकरण के इस सफ़र में और अधिक महिलाओं तक सहायता पहुंचाने का प्रयास करूंगी. और मेरा मानना है कि समानता ही समाज को प्रगति के पथ ले जा सकती है
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स्मिता ठाकरे ने कहा ,इस कार्यक्रम में और एक दिलचस्प बात यानी 'हैप्पी' उत्पादन की पहली झलक, यह एक अनोखा उत्पादन है जिसके जरिये महिलाये मूत्र खड़े होकर कर सकती है ! युवा तन्मय कांते ने उनके मित्र शिवम त्रिवेदी के साथ मिलकर इसकी अवधारणा की है। इस उत्पादन के पीछे की कल्पना उन्हें अपने घर में घटी परिस्थियों से मिली । तन्मय की माँ गठिया से पीड़ित थी, इसलिए उन्हें उठने बैठने मैं परेशानी होती थी। इस भी इस तरह की गंभीर बीमारी में गर्भवती महिलाओं को खड़े खड़े पेशाब करने में भी सहायता मिले, इतना ही नहीं सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करने से होने वाले रोगो से बचने का यह बेहतर विकल्प है !
ऐसे कार्यकर्मो की जितनी तारीफ़ की जाये उतनी कम है !