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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री राष्ट्र निर्माण के लिए पीएम श्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे आमिर खान सहित कईं दिग्गज डायरेक्टर्स

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By Mayapuri Desk
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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री राष्ट्र निर्माण के लिए पीएम श्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे आमिर खान सहित कईं दिग्गज डायरेक्टर्स

मनोरंजन उद्योग राष्ट्र निर्माण के लिए और अधिक योगदान कैसे दे सकता है? इस पर  कल शाम, बॉलीवुड के लिए एक भारतीय फिल्म आलोचक, पत्रकार, संपादक और फिल्म व्यापार विश्लेषक तरन आदर्श ने 'फिल्म उद्योग प्रतिनिधिमंडल' के लिए पैनल की एक तस्वीर साझा की जिन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। तस्वीर से पता चला कि पैनल में आमिर खान, राजकुमार हिरानी, आनंद एल राय, रितेश सिधवानी, सिद्धार्थ रॉय कपूर, मौलिक भगत और महावीर जैन शामिल थे।

वे सभी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के लिए पहुंचे की कैसे मनोरंजन उद्योग राष्ट्र निर्माण में और योगदान कर सकते है। सूत्रों के मुताबिक बैठक का मुख्य उद्देश्य देश में चल रहे मी टू कैंपेन और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी समस्याओं को लेकर बातचीत करना था। बता दें कि बॉलीवुड में सालभर में एक हजार से भी ज्यादा फिल्में रिलीज होती हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री दुनिया में सबसे बड़ी ही नहीं बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक रही है, जिसका प्रभाव पूरे विश्व नजर आता है।

पीएम मोदी फिल्म इंडस्ट्री की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित नजर आए

बैठक में पीएम मोदी फिल्म इंडस्ट्री की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित नजर आए। दुनियाभर से आए कई प्रतिनिधि भी इस बैठक का हिस्सा बने। बता दें कि हिंदी सिनेमा हमेशा बातचीत का मुद्दा बना रहा है। पीएम मोदी ने कहा 'मैं मानता हूं कि हमारी फिल्में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान रखती हैं और मैं यह भी स्वीकार करता हूं कि देश के सफल निर्माण में फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा योगदान रहा है।'

पीएम मोदी ने दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह हिंदी सिनेमा से जुड़ी हर समस्या पर ध्यान देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर एक विशेष बैठक करेंगे। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री में हो रही रोजमर्रा की पेरशानियों पर भी ध्यान दिया गया। बैठक में फिल्म निर्माता रितेश सिद्वानी ने पीएम मोदी से सिनेमा को उद्योग के रूप में पेश कर आगे की दिशा में ले जाने का आग्रह भी किया।

इस तस्वीर को कईं लोगो की शिकायत भी है

लेकिन आपको बता दें की इस तस्वीर को कईं लोगो की शिकायत ये भी है की एक पैनल जो मनोरंजन उद्योग और राष्ट्र निर्माण पर चर्चा कर रहा है, इसमें एक भी महिला नहीं है। क्यूं कर? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मनोरंजन उद्योग में कोई महिला नहीं है? या ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाएं राष्ट्र निर्माण में योगदान नहीं दे सकती हैं?

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