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निर्माता आशुतोष मिश्रा के बैनर विज़न कॉर्पोरेशन लिमिटेड कर तहत बनी फ़िल्म 'फ़ेयर इन लव' का ट्रेलर और संगीत मुम्बई में भव्य अंदाज़ में लॉन्च लिया गया. ट्रेलर और संगीत लॉन्च के इस ख़ास मौके पर फ़िल्म के निर्देशक ए. के. मिश्रा, फ़िल्म के प्रमुख सितारे - फ़िरोज़ ख़ान, कनुप्रिया शर्मा और डॉली आर्य भी मौजूद थे. फ़िल्म में अश्विन धीर भी एक अहम रोल में नज़र आएंगे. निर्देशक, लेखक और गीतकार ए. के. मिश्रा को सामाजिक संदेश वाली अपनी इस फ़िल्म की रिलीज़ का बेसब्री से इंतज़ार है. सिनेमाटोग्राफ़र रविकांत रेड्डी ने बड़ी ख़ूबसूरती के साथ फ़िल्म को शूट किया है तो फ़िल्म के लिए मधुर संगीत देने का श्रेय जाता है हेमंत भोंसले, निहाल कुमार और उमेश मिश्रा को.
ये एक ऐसे लड़के और लड़के पर आधारित सामाजिक किस्म की फ़िल्म है जो एक-दूसरे से बेहद प्यार करते हैं, मगर दोनों का ताल्लुक अलग-अलग राजनीतिक परिवारों से होता है. ये अल्पना नामक एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो उत्तर प्रदेश के महिला कल्याण मंत्री की बेटी है और जिसके लिए अपने आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ भी नहीं है. अल्पना को देव नामक एक ऐसे इंजीनियर लड़के से प्यार हो जाता है जो देश के नक्सलवादी संगठन के प्रमुख का बेटा है और जिसका परिवार झारखंड में रहता है. विपरीत हालात के बावजूद दोनों एक-दूसरे से शादी कर लेते हैं जिससे दोनों के परिवारवाले बेहद ख़फ़ा हो जाते हैं.
शादी के बाद बांझपन को लेकर समाज हमेशा अल्पना को ताने मारता है, मगर हक़ीक़त ये होती है कि लो स्पर्म (शुक्राणु) काउंट के चलते देव बच्चा पैदा करने में असमर्थ साबित होता है. लेकिन लड़की अपने पति को बेइज़्ज़त होते नहीं देख सकती है, इसीलिए वो इसका दोष अपने सिर पर लेती है.उल्लेखनीय है कि जिस रात उसके पति गायब हो जाते हैं, उसी रात उसका रेप होता है और बाद में वो गर्भवती हो जाती है. उसे इस बात की ख़ुशी तो होती है कि वो गर्भवती है और एक बच्चे की मां बनने वाली है, लेकिन वो रेप किये जाने की पीड़ा से उभरने में ख़ुद को असमर्थ पाती है. हालात कुछ ऐसे थे कि उसे न चाहते हुए भी बच्चे को अपनाना पड़ता है वर्ना उसकी शादी के विरोध करने वाले उसके ससुरालवाले उसकी शादीशुदा ज़िंदगी को ही ख़तरे में डाल देंगे. इस सबके बावजूद वो अपने ग़ुनहग़ार को जानने और उसे सज़ा दिलाने पर अडिग रहती है. क्या वो अपने गुनहग़ार के बारे में जान पाएगी? क्या उसे न्याय मिल पाएगा? आगे उसके बच्चे का क्या होगा?
इस फ़िल्म के निर्देशक ए. के. मिश्रा कहते हैं, 'ये फ़िल्म बच्चों को जन्म नहीं देख सकनेवाली औरतों की पृष्ठभूमि पर बनी है, जो कि एक संजीदा किस्म कस सामाजिक विषय है. पति में ख़ामी होने के बावजूद अल्पना को बच्चे पैदा नहीं करने का इल्ज़ाम अपने सिर पर लेना पड़ता है. हमारा समाज ही कुछ ऐसा है कि वो ऐसे मसलों पर अक्सर महिला को ही दोष देता है.' वो आगे कहते हैं, 'इस तरह के संजीदा मसलों को सामने लाना बेहद ज़रूरी है. लोगों को महिलाओं पर आरोप लगाने की बजाय तार्किक ढंग से सोचने की ज़रूरत है. इस फ़िल्म से मैं लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि वो औरतों के ख़िलाफ़ अत्याचार करना बंद करें और विवेकपूर्ण ढंग से सोचना शुरू करें.'
ए. के. मिश्रा अपनी इस फ़िल्म की रिलीज को लेकर काफ़ी उत्सहित हैं. फ़िल्म की कास्ट और क्रू ने फ़िल्म के लिए बेहद सराहनीय काम किया है. वो कहते हैं, 'समाज में महिलाओं के ख़िलाफ़ होनेवाले अत्याचार और इस सामाजिक विषय की गंभीरता के चलते मैंन 'अल्पना' नामक उपन्यास लिखा था, जिसपर ये फ़िल्म आधारित है. मैंने इसपर फ़िल्म बनाने के बारे मे इसीलिए सोचा क्योंकि लोग बड़े पैमाने पर सिनेमा से प्रभावित होते हैं.'
बता दें कि 6 सितंबर को रिलीज़ होनेवाली इस फ़िल्म की शूटिंग मुम्बई और लखनऊ के विभिन्न जगहों पर की गई है
छायाकार : रमाकांत मुंडे मुंबई