सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक, डॉ. साइरस पूनावाला को अत्यंत प्रतिष्ठित 'डॉक्टर ऑफ ह्यूमन लेटर्स' की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त हुआ, तथा इस उपलब्धि के लिए उन्हें एनसीपी प्रमुख, श्री शरद पवार द्वारा सम्मानित किया गया। 'वैश्विक टीकाकरण के सात नायकों में से एक' के तौर पर प्रसिद्ध, डॉ. पूनावाला को टीकाकरण के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए, इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिका के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित मानद उपाधि प्रदान की गई थी। 5 अगस्त, 2018 को पुणे के जेडब्ल्यू मैरियट में आयोजित इस समारोह में, डॉ. परवेज ग्रांट ने उपस्थित होकर इसकी शोभा बढ़ाई तथा इस कार्यक्रम की मेज़बानी कुशल अभिनेता श्री कबीर बेदी ने की।
भारत में टीकाकरण के अग्रदूत, डॉ. पूनावाला के वैश्विक टीकाकरण के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान तथा इस मिशन की ओर अथक प्रयासों को पूरी दुनिया में सराहा गया है। इस डिग्री से सम्मानित होने के बाद, डॉ. पूनावाला पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जैसे असाधारण नेतृत्वकर्ताओं एवं मशहूर हस्तियों की सूची में शामिल हो गए हैं। पिछले 50 वर्षों से भारत में टीकाकरण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले डॉ. पूनावाला एवं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ने अबतक अल्प-सुविधाप्राप्त समुदाय के 20 मिलियन से अधिक बच्चों के टीकाकरण में सफलता पाई है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, डॉ. साइरस पूनावाला ने कहा, 'इस प्रकार के प्रतिष्ठित सम्मान को प्राप्त करते हुए मैं बेहद आभारी महसूस कर रहा हूँ। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना के बाद से ही, लोगों को अत्यंत किफायती दरों पर जीवन रक्षक टीकाकरण सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारा प्राथमिक उद्देश्य रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से हम, जीवन रक्षक टीकों के उत्पादन तथा विश्वस्तरीय अवसंरचना के माध्यम से पूरी दुनिया के हर बच्चे के लिए टीकाकरण को सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर प्रयास करना जारी रखेंगे।'
इस समारोह में पूर्व कैबिनेट मंत्री, श्री शरद पवार ने कहा, 'डॉ. पूनावाला ने पिछले 50 वर्षों से देश में टीकाकरण अभियान की निरंतरता को बरकरार रखा है। दुनिया में सबसे किफायती टीकों का निर्माण करने वाले डॉ. पूनावाला का प्राथमिक आदर्श, जीवन रक्षक दवाओं एवं टीकों का उत्पादन करना और इसके जरिए हर बच्चे के जीवन को सुरक्षित करना है। अपने इन्हीं प्रयासों के जरिए उन्होंने 170 देशों में अल्प-सुविधाप्राप्त समुदाय के 25 मिलियन से अधिक बच्चों के जीवन की रक्षा की है। डॉ. साइरस ने भारत के साथ-साथ दुनिया भर में अल्प-सुविधाप्राप्त समुदाय के बच्चों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया है, और इस समर्पित योगदान के कारण ही आज उन्हें प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।हमें यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता एवं गर्व का अनुभव हो रहा है कि, इस दिशा में उनके अतुलनीय प्रयासों को पूरी दुनिया ने सराहा एवं सम्मानित किया है। यह हमारे लिए सम्मान और गौरव का अवसर है।'
डॉ. पूनावाला को वर्ष 2005 में चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान तथा आजीवन उपलब्धियों के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री, श्री मनमोहन सिंह द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उत्पादन एवं विक्रय की मात्रा के आधार पर, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया विश्व में टीके का सबसे बड़ा निर्माता है।