/mayapuri/media/post_banners/41a8a3245ad8978a5aa2a13bd472af0bc16218172a2ff4b2f0fe90948796b582.jpg)
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई), प्रख्यात निर्देशक फिरोज अब्बास खान की साझेदारी में और फरहान अख्तर की पहल “मेन अगेंस्ट रेप एंड डिस्क्रिमिनेशन” के साथ मिल कर एक डिजिटल कैंपेन चला रहा है. इस कैंपेन का नाम है, “बस अब बहुत हो गया (एनफ इज एनफ). ये कैंपेन महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा खत्म करने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए चलाया जा रहा है।
अभियान के हिस्से के रूप में, पूरे भारत में कॉलेज छात्रों के लिए एक डिजिटल फिल्म प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. प्रतियोगिता में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा खत्म करने को ले कर 2 मिनट की शॉर्ट फिल्में आमंत्रित की गई. फरहान अख्तर के साथ लॉन्च का फेसबुक वीडियो करीब दस लाख लोगों तक पहुंचा. इस प्रतियोगिता को पूरे भारत के 600 कॉलेजों में सोशल मीडिया के साथ-साथ ग्राउंड एक्टिविटी के जरिए प्रचारित किया गया. हमें लगभग 1700 फिल्म एंट्रीज प्राप्त हुईं।
युवा फिल्म निर्माता अनुनय सिन्हा ने अपनी फिल्म “नॉट माई कप ऑफ टी” के लिए 'व्यूअर्स चॉइस' पुरस्कार जीता. ये फिल्म लोकप्रिय वोटिंग, कमेंट्स और युवाओं से प्रतिक्रिया लेने के लिए फिल्म कॉंटेस्ट की ओपेनिंग फिल्म थी. फिल्म बताती है कि कैसे समाज लैंगिक रूढ़िवाद को मजबूत करता है और कैसे ताकत घरेलू हिंसा के जरिए विवाह जैसी संस्था में भूमिका निभाता है. यह रचनात्मक रूप से हिंसा को समाप्त करने में विभिन्न लिंगों के बीच साझेदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालाता है. “नॉट माई कप ऑफ टी” को 8,500 में से 3,481 वोट मिले और ये शीर्ष पर रहा. अनुनय को प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए पीएफआई से एक डिजिटल कैमरा और पीएफआई साइटेशन मिला।
पीएफआई की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने कहा, 'जब हमने कॉलेज फिल्म फेस्टिवल की घोषणा की थी, हमने सोचा था कि छात्र, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा की सीमित समझ के साथ हमारे पास आएंगे. हालांकि, हम प्रतिक्रियाओं और मुद्दे को ले कर उनकी शानदार और सूक्ष्म समझ से आश्चर्यचकित हैं. हम जानते हैं कि युवा अपने आसपास क्या हो रहा है, इसे ले कर संवेदनशील हैं और परिवर्तन की आवश्यकता भी महसूस करते है।”
दो हजार लोगों ने लिया हिस्सा
प्रख्यात फिल्म और कम्युनिकेशन शख्सियत शबाना आज़मी, शेखर कपूर, किरण कर्णिक और फिरोज अब्बास खान से बने पैनल ने उन फिल्मों का चयन किया, जिन्होंने टॉप तीन ज्यूरी अवार्ड जीता। इन विजेताओं को सम्मानित किया गया और 21 नवंबर को मुंबई में आयोजित ललकार सेलिब्रिटी कॉन्सर्ट में उनकी फिल्मों को प्रदर्शित किया गया. ये कॉंसर्ट “बस अब बहुत हो गया” अभियान का हिस्सा है. ये कॉंसर्ट फरहान अख्तर की अगुवाई में आयोजित हुई, जिसमें कई फिल्म हस्तियों के साथ शाहरुख खान भी मौजूद थे. इसमें एक सन्देश दिया गया. एक आग्रह युवा लड़कियों के लिए था कि वे हिंसा के खिलाफ खड़े हो. लड़कों के लिए ये सन्देश था कि हिंसा मर्दानगी का प्रतीक नहीं है. ये कॉन्सर्ट फेसबुक पर 4,80,000 दर्शकों तक पहुंचा और इसमें लगभग 2000 लोगों ने हिस्सा लिया।